गुरु और चेला 5th Class NCERT CBSE Hindi Book Rimjhim Chapter 12
गुरु और चेला – प्रश्न: टका पुराने ज़माने का सिक्का था। अगर आजकल सब चीज़ें एक रुपया किलो मिलने लगें तो उससे किस तरह के फ़ायदे और नुकसान होंगे?
उत्तर: अगर आजकल सभी चीज़ें एक रुपया किलो मिलने लगे, तो इससे सभी ग्राहकों को फायदा होगा। उन्हें सभी चीज़ें एक रूपया किलो में मिलने लगेंगी। गरीबों को पेट भरकर भोजन मिलेगा। फिर कोई गरीब नहीं रहेगा। वहीं दुकानदारों तथा विक्रेताओं को नुकसान होगा। उन्हें हर चीज़ एक रुपया किलो बेचनी पड़ेगी। हर चीज़ को बनाने की लागत अलग-अलग होती है। अतः किसी चीज़ का मूल्य एक रुपया हो सकता है, तो किसी का सौ रुपए। इससे उन्हें कोई लाभ नहीं होगा क्रय-विक्रय का सिलसिला गड़बड़ा जाएगा।
प्रश्न: भारत में कोई चीज़ खरीदने-बेचने के लिए ‘रुपये’ का इस्तेमाल होता है और बांग्लादेश में ‘टके’ का। ‘रुपया’ और ‘टका’ क्रमश: भारत और बांग्लादेश की मुद्राएँ हैं। नीचे लिखे देशों की मुद्राएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
प्रश्न: इस कविता की कहानी अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर: एक बार एक गुरु और उसका चेला दोनों एक नगरी में घूमने जाते हैं। वे दोनों सबसे उस नगरी का नाम पूछते हैं। उन्हें एक ग्वालिन से पता चलता है कि इस नगरी का नाम अंधेर नगरी है और यहाँ का राजा निरा मूर्ख है। यहाँ हर वस्तु एक टके में एक सेर मिलती है। यह सुनकर गुरु वहाँ से वापस जाने का निर्णय लेते हैं। चेला गुरु की बात नहीं मानता। वह वहीं रहकर खाने के मज़े लेना चाहता है। गुरु चेले को छोड़कर चला जाता है। एक दिन बारिश के कारण दीवार गिर जाती है। उसके लिए बारी-बारी से कारीगर, मशकवाला, मंत्री सभी को दोषी ठहराया जाता है। मंत्री इसका मुख्य आरोपी सिद्ध होता है। मंत्री की गर्दन पतली होने के कारण राजा किसी मोटे व्यक्ति को उसके स्थान पर फाँसी पर चढ़ाने का हुक्म देता है। चेला उस राज्य में खूब खाकर-पीकर मोटा हो जाता है। मोटे होने के कारण राजा उसे ही फाँसी पर चढ़ाने का हुक्म देता है। वह फाँसी पर लटकने से पहले अपनी आखिरी इच्छा के रूप में अपने गुरु जी से मिलने की माँग करता है। गुरु को बुला लिया जाता है। गुरुजी आते ही बात समझ जाता है। वह चेले को कान में कहकर सारी बात समझा देता है। इसके बाद दोनों आपस में ज़िद्द करने लगते हैं कि वे पहले फाँसी पर चढ़ेगें। दोनों को इस तरह ज़िद्द करते देख राजा पूछता है “आखिर बात क्या है?” गुरूजी बताता है कि “इस समय जो फाँसी पर चढ़ेगा, वह चक्रवर्ती सम्राट बनेगा।” यह सुनकर राजा स्वयं फांसी पर चढ़ जाता है। अत: गुरु की सूझबूझ से चेला बच जाता है और मूर्ख राजा से प्रजा बच जाती है।
गुरु और चेला – प्रश्न: क्या तुमने कोई और ऐसी कहानी या कविता पढ़ी है जिसमें सूझबूझ से बिगड़ा काम बना हो, उसे अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तर: छात्र स्वयं सुनाएगें; जैसे: खरगोश और शेर, भीम और राक्षस आदि।
प्रश्न: कविता को ध्यान से पढ़कर ‘अंधेर नगरी’ के बारे में कुछ वाक्य लिखो। (सड़कें, बाज़ार, राजा का राजकाज)
उत्तर:
- अंधेर नगरी की सड़कें चमचमाती रहती थीं।
- अंधेर नगरी के बाज़ार में सभी चीज़ें टके सेर मिलती थी।
- अंधेर नगरी में मूर्ख राजा के कारण राजकाज अव्यवस्थित था।
- अंधेर नगरी में किसी के दोष की सज़ा किसी और को मिलती थी।
प्रश्न: क्या ऐसे देश को ‘अंधेर नगरी’ कहना ठीक है? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर: ‘हाँ’ ऐसे देश को ‘अंधेर नगरी’ कहना बिलकुल ठीक है। ऐसा कहने के पीछे कारण यह है कि उस देश में शासन व्यवस्था, व्यापार व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और दंड देने का तरीका सभी कुछ गलत था। वहाँ का राजा निरा मूर्ख था। अत: उसे अंधेर नगरी कहना ही ठीक होगा।
प्रश्न: “प्रजा खुश हुई जब मरा मूर्ख राजा”।
- अँधेर नगरी की प्रजा राजा के मरने पर खुश क्यों हुई?
- यदि वे राजा से परेशान थे तो उन्होंने उसे खुद क्यों नहीं हटाया? आपस में चर्चा करो।
उत्तर:
- अंधेर नगरी की प्रजा राजा के मरने पर इसलिए खुश हुई क्योंकि वहाँ का राजा निरा मूर्ख था। जिसके कारण शासन व्यवस्था, व्यापार व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और दंड देने का तरीका सभी कुछ गलत था। वहाँ किसी और कि सज़ा कोई और भुगतता था।
- जिस-समय की यह कथा है। उस समय राजा भगवान की तरह माना जाता था। उसका महत्व बहुत अधिक था। उसके आगे बोलने की किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी। उसके पास धन और बल दोनों होता था। इसलिए प्रजा खुद राजा को हटा नहीं सकती थी।
प्रश्न: “गुरु का कथन, झूठ होता नहीं है”।
- गुरुजी ने क्या बात कही थी?
- राजा यह बात सुनकर फाँसी पर लटक गया। तुम्हारे विचार से गुरुजी ने जो बात कही, क्या वह सच थी?
- गुरुजी ने यह बात कहकर सही किया या गलत? आपस में चर्चा करो।
उत्तर:
- गुरुजी ने कहा था कि जो इस मुहुर्त में फाँसी पर चढ़ेगा, वह चक्रवर्ती राजा बनेगा।
- राजा मूर्ख था इसलिए वह फाँसी पर लटक गया लेकिन गुरुजी की बात सच नहीं थी।
- गुरुजी ने यह सही किया क्योंकि यदि वह यह बात नहीं कहते तो अपने निर्दोष चेले को बचा नहीं पाते।
प्रश्न: मंत्री की गर्दन फँदे के बराबर की होती?
उत्तर: यदि मंत्री की गर्दन फँदे के बराबर होती, तो उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाता।
प्रश्न: राजा गुरुजी की बातों में न आता?
उत्तर: यदि राजा गुरुजी की बातों में न आता, तो चेले को फाँसी दे दी जाती।
प्रश्न: अगर संतरी कहता कि “दीवार इसीलिए गिरी क्योंकि पोली थी” तो महाराज किस-किस को बुलाते? आगे क्या होता?
उत्तर: अगर संतरी कहता की “दीवार पोली होने से गिरी थी” तो महाराज दीवार बनाने में जितने लोगों ने काम किया था, उन सबको बुलाते जैसे: कारीगर, भिश्ती, मस्कवाला और मंत्री। सभी को राजा फाँसी पर चढ़वा देते।
प्रश्न: अगर कविता ऐसे शुरू हो तो आगे किस तरह बढ़ेगी?
थी बिजली और उसकी सहेली थी बदली
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उत्तर:
बरसती थी बदली, चमकती थी बिजली
थी बरसात आई, दमकती थी बिजली
गरजती थी बदली, झमकती थी बिजली
आकाश में धमकती थी बिजली और बदली
प्रश्न: नीचे लिखे वाक्य पढ़ो। जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें आजकल कैसे लिखते हैं, यह भी बताओ।
- न जाने की अंधेर हो कौन छन में!
- गुरु ने कहा तेज़ ग्वालिन न भग री!
- इसी से गिरी, यह न मोटी घनी थी!
- ये गलती न मेरी, यह गलती बिरानी!
- न ऐसी महूरत बनी बढ़िया जैसी
उत्तर:
- न जाने की अंधेर हो कौन छन में। आजकल इस शब्द को ‘क्षण’ लिखते हैं।
- गुरु ने कहा तेज़ ग्वालिन न भग री! आजकल इस शब्द को ‘भाग रही’ लिखते हैं।
- इसी से गिरी, यह न मोटी घनी थी! आजकल इस शब्द को ‘मज़बूत’ लिखते हैं।
- ये गलती न मेरी, यह गलती बिरानी! आजकल इस शब्द को ‘परायी’ लिखते हैं।
- न ऐसी महूरत बनी बढ़िया जैसी। आजकल इस शब्द को ‘मुहूर्त’ लिखते हैं।
प्रश्न: चमाचम थी सड़कें …….. इस पंक्ति में ‘चमाचम’ शब्द आया है। नीचे लिखे शब्दों को पढ़ो और दिए गए वाक्यों में ये शब्द भरो:
पटापट, चकाचक, फटाफट, चटाचट, झकाझक, खटाखट, चटपट।
- आँधी के कारण पेड़ से …………… फल गिर रहे हैं।
- हंसा अपना सारा काम ………….. कर लेती है।
- आज रहमान ने ………… सफ़ेद कुर्ता पाजामा पहना है।
- उस भुक्खड़ ने ………… सारे लड्डू खा डाले।
- सारे बर्तन धुलकर ………… हो गए।
उत्तर:
- पटापट
- फटाफट
- चकाचक
- चटाचट
- झकाझक