प्रश्न: इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन से प्रश्न उठते?
उत्तर: यदि इला जैसी कोई लड़की हमारी कक्षा में दाखिला लेगी, तो हमारे मन में निम्नलिखित प्रश्न उठेंगे।- 1. यह खेलती कैसे होगी? 2. यह खाती कैसे होगी? 3. यह रास्ता कैसे पार करती होगी? 4. कपड़े कैसे पहनती होगी? 5. किताबें कैसे पकड़ती होगी।
प्रश्न: इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?
उत्तर: इस लेख को पढ़ने के बाद हमारी सोच में परिवर्तन आया कि हमें हर अपाहिज को कमज़ोर और लाचार नहीं समझाना चाहिए। वे भी हर काम करने में सक्षम रहते हैं। सिर्फ उन्हें थोड़ी कोशिश करनी चाहिए और जीवन के प्रति सकारात्मक विचार रखने चाहिए। इस पाठ से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि अगर हिम्मत हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। मुश्किल के समय में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हमें तो भगवान ने संपूर्ण बनाया है फिर हम क्यों हार मान रहे हैं।
प्रश्न: यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?
उत्तर: यदि इला हमारे विद्यालय में आएगी, तो उसे कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे:
- जल्दी-जल्दी लिखना।
- कोई खेल खेलना।
- अपना सामान उठाना।
- सीढ़ियाँ चढ़ना।
प्रश्न: उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकती हो?
उत्तर: हमारी कक्षा चौथी मंजिल पर है। यदि इला हमारी कक्षा में हो, तो कक्षा को आखिरी मंजिल पर स्थानांतरण करवाएँगे। इला के बैठने के लिए ऊँची कुर्सी के स्थान पर छोटी कुर्सी रखवाएँगे। अध्यापकों को लिखवाने के स्थान पर मौखिक टेस्ट लेने के लिए निवेदन करेंगे। प्रधानाचार्य से आग्रह करेंगे कि इला को प्रार्थनासभा में अध्यापिकाओं के साथ खड़े रहने दिया जाए, साथ ही परीक्षा के समय में उसकी सहायता के लिए एक बच्चे को नियुक्त करने का आग्रह करेंगे।
(नोट: इस प्रश्न का उत्तर छात्र अपने विद्यालय के अनुरूप देने का प्रयास करें।)
प्रश्न: इला के बारे में पढ़कर जैसे भाव तुम्हारे मन में उठ रहे हैं उन्हें इला को चिट्ठी लिखकर बताओ। चिट्ठी की रूपरेखा नीचे दी गई है।
…………………………
…………………………
…………………………
प्रिय इला,
……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
तुम्हारा / तुम्हारी
उत्तर:
पता ………. दिनांक ……….
प्रिय इला, मैं तुम्हारी पीड़ा को देखकर बहुत दुख का अनुभव करती हूँ। तुम्हें देखकर हमेशा सोचती हूँ कि तुम्हें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा। मैं सच्चे दिल से तुमसे सहानुभूति और प्रेम रखती हूँ। तुम्हारी हिम्मत की तो तारीफ करनी चाहिए। तुमने जो हिम्मत दिखाई है, वह बहुत कम लोगों में होती है। ऐसे में तुमने वो कार्य सीख लिया, जो अच्छे से अच्छा व्यक्ति नहीं कर सकता है। तुम मेरे लिए प्रेरणा स्रोत हो। जीवन के प्रति तुम्हारा सकारात्मक व्यवहार और कुछ कर गुज़रने की इच्छा मुझे तुम्हारे आगे झुकने पर विवश करती है। मैं तुम्हें अपना मित्र बनाना चाहती हूँ। आशा है कि तुम मुझे अपना मित्र अवश्य बनाओगी।
तुम्हारी सखी सीता वर्मा
प्रश्न: इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? क्या उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर का कारण लिखो।
उत्तर:स्कूल वाले इला की सुरक्षा और उसके काम करने की धीमी गति को लेकर चिंतित थे। स्कूल वालों का चिंता करना सही था क्योंकि ऐसे बच्चे अपनी सुरक्षा स्वयं नहीं कर पाते और परीक्षा के समय जल्दी लिख नहीं पाते हैं।
प्रश्न: इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी?
उत्तर: इला की कशीदाकारी में अनेक प्रान्तों की कशीदाकारी की झलक मिलती है। जैसे- लखनऊ, बंगाल, काठियावाड़ी टाँके इत्यादि। पत्तियों को उसने चिकनकारी से सजाया था, डंडियों को कांथा से उभारा था। अत: उसने पारम्परिक डिजाइनों में नवीनता का मिश्रण किया था।
प्रश्न: सही के आगे (✓) का निशान लगाओ।
इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि…
परीक्षा के लिए उसने अच्छी तरह तैयारी नहीं की थी।
वह परीक्षा पास करना नहीं चाहती थी।
लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।
उसको पढ़ाई करना कभी अच्छा लगा ही नहीं।
उत्तर: लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी। (✓)
इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाई क्योंकि लिखने की गति धीमी होने से वह अपना प्रश्न पत्र पूरा नहीं कर पाई थी।
प्रश्न: क्या इला अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते?
उत्तर: अगर इला के आसपास के लोग उसका काम कर देते, तो उसे काम करने की इच्छा ही नहीं होती। इस तरह वह सदैव के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाती। आगे चलकर वह कुछ भी सीख नहीं पाती।
प्रश्न: (I) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। अब देखो कि इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे।
………………………………
……………………………..
………………………………
……………………………..
……………………………..
……………………………..
………………………………
……………………………..
प्रश्न: (II) नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों ही) इकट्ठा करो।
फुटबाल ………………………………………………
बुनाई (ऊन) ………………………………………………
बागबानी ………………………………………………
पतंगबाज़ी ………………………………………………
उत्तर:
(I)
- पल्लू टाँके
- बैलबूटे
- कढ़ाई
- कशीदाकारी
- सुई पिरोना
- रेशमी परिधान
(II)
- बुनाई: ऊन, सिलाई, फंदे, एक घर, धागा, नमूने (डिजाइन), पिरोना इत्यादि।
- पतंगबाजी: सद्दी, मांजा, पतंग, चर्खी, कन्नी देना, उड़ाना, भागना इत्यादि।
- बागबानी: रोपाई, खुरपा, पौधा, पानी, खाद, सिंचाई, खोदना, लगाना, उगना इत्यादि।
- फुटबाल: बॉल, जाल, खिलाड़ी, मैदान, खेलना, मारना, दौड़ना इत्यादि।