Saturday , November 2 2024
NCERT Bharat Ki Khoj - Supplementary Hindi for Class 8

भारत की खोज: NCERT 8 Class CBSE Supplementary Hindi

भारत की खोज: 8th CBSE Supplementary Hindi [Page: I]

प्रश्न: ‘आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा के या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?’

ये प्रश्न अध्याय दो के शुरुआती हिस्से से लिए गए हैं। अब तक आप पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।

उत्तर: भारत एक विशाल जनसंख्या वाला प्राचीनतम देश है। यहाँ की विशिष्ट संस्कृति और सभ्यता है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की महानता शुरू से वर्तमान तक विश्व में लोकप्रिय रही है। यही कारण है कि अनेक हमलावरों ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया इसके बावजूद भी इसकी सत्ता को कोई समाप्त नहीं कर पाया। आज भी विश्व की महान सभ्यताओं के नष्ट होने के बाद भी यह अपना अस्तित्व बनाए हुए है। यहाँ की जनता, उनका रहन-सहन खान, पान सोचने-विचारने का तरीका शामिल है। भौमिक स्वरूप में नदी, पहाड़, मैदान जंगल आ सकते हैं। भारत अतीत में महान संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता था। यहाँ की राष्ट्रीयतावाद की अवधारणा प्रमुख थी।

प्रश्न: आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी-विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था?

उत्तर: हमारे विचार में भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास की दौड़ में इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उस समय इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति आरंभ हुई जबकि विश्व के कई देशों में पुनर्जागरण पंद्रहवीं शताब्दी में ही शुरू हो चुका था। इसके अतिरिक्त उस समय उत्तरी भारत में लगातार बाहरी आक्रमण हो रहे थे। हमलों के कारण भारत का ध्यान अपना अस्तित्व बचाने पर केंद्रित हो गया। वह अपनी आंतरिक सुरक्षा में लगा रहा। सभी संसाधनों के होते हुए भी भारत वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों की ओर ध्यान केंद्रित न कर सका। यही कारण था कि भारत यूरोप से तकनीकी विकास की दौड़ में पिछड़ गया।

प्रश्न: नेहरू जी ने कहा कि – “मेरे खयाल से, हम सब के मन में अपनी मातृभूमि की अलग-अलग तसवीरें हैं और कोई दो आदमी बिलकुल एक जैसा नहीं सोच सकते।”

अब आप बताइए कि:

  1. आपके मन में अपनी मातृभूमि की कैसी तसवीर है?
  2. अपने साथियों से चर्चा करके पता करो कि उनकी मातृभूमि की तसवीर कैसी है और आपकी और उनकी तसवीर (मातृभूमि की छवि) में क्या समानताएँ और भिन्नताएँ हैं?

उत्तर:

  1. हमारे मन में मातृभूमि की तसवीर है: भारत के विशाल मैदान, हरे-भरे खेत, नदियाँ, पर्वत यहाँ के बसने वाले लोग तथा विपत्ति में धर्म का अनुसरण करने की सीख देने वाला देश तथा इसकी ममतामयी तसवीर है।
  2. हमारे साथियों के मन में अपने देश के प्रति अटूट लगाव है। वे अपने देश की संप्रभुता, रक्षा के लिए सदैव बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं। कुछ मित्र ऐसे भी हैं जो संशय में रहते हैं क्योंकि उनमें पश्चिमी सभ्यता का रंग चढ़ा हुआ है। वे विदेशों में जाकर बसना चाहते हैं। उन्हें पश्चिमी रहन-सहन और तौर तरीके पसंद हैं।

प्रश्न: जवाहर लाल नेहरू ने कहा, “यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर-बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता हैं।” उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है?

उत्तर: नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता का वर्णन करते हुए भारत के विषय में ऐसा इसलिए कहा क्योंकि भारत की सभ्यता व संस्कृति विश्वविख्यात, प्राचीनतम सभ्यता है। यह संसार में अन्य देशों को मार्गदर्शन करते हुए आ रहा है। प्राचीन काल से यह शिक्षा का केंद्र रहा है। भारत सदियों से गणित, खगोलशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र, औषधि विज्ञान, मूर्तिकला तथा अनेक शिल्पकलाओं में विकसित देश रहा है।

प्रश्न: सिंधुघाटी के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ होगा, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर: सिंधुघाटी की सभ्यता के बारे में विचार है – अकस्मात किसी ऐसी दुर्घटना जैसे भूकंप बाढ़ व मौसम के प्रभाव के कारण इस सभ्यता का अंत हो गया होगा। इस सभ्यता के अंत का दूसरा कारण हमारे विचार से यह हो सकता है कि खुदाई के दौरान इस सभ्यता में हथियार नहीं मिले हैं। इस बात से पता चलता है कि यहाँ के लोग शांतिप्रिय थे। शायद बाहरी लोगों ने आक्रमण कर इस सभ्यता का अंत कर दिया होगा।

प्रश्न: उपनिषदों में बार-बार कहा गया है कि – “शरीर स्वस्थ हो मन स्वच्छ हो और तन-मन दोनों अनुशासन में रहें।” आप अपने दैनिक क्रिया-कलापों में इसे कितना लागू कर पाते हैं? लिखिए।

उत्तर: उपनिषदों में बार-बार कहा गया है कि शरीर स्वस्थ हो, मन अच्छा हो और तन-मन दोनों अनुशासन में रहें।” यह सौ प्रतिशत सही कहा गया है। मैं भी अपने दैनिक क्रियाकलापों में इसे लागू करने का प्रयास करता हूँ। इसके अलावे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रातः जल्दी उठना, प्रातः कालीन सैर करना, व्यायाम करना योग कक्षाओं में जाने का नियमित प्रयास करता हूँ। इसके अलावे सभी काम समय पर निपटाने का प्रयास करता हूँ।

प्रश्न: नेहरू जी ने कहा कि – “इतिहास की उपेक्षा के परिणाम अच्छे नहीं हुए।” आपके अनुसार इतिहास लेखन में क्या-क्या शामिल किया जाना चाहिए? एक सूची बनाइए और उस पर कक्षा में अपने साथियों और अध्यापकों से चर्चा कीजिए।

उत्तर: इतिहास अतीत का वह आइना होता है, जिसके माध्यम से हम अच्छे-बुरे का ज्ञान प्राप्त करते हैं। इसके माध्यम से हम वर्तमान और भविष्य को सुधारते हैं। इसके साथ ही ऐतिहासिक भविष्य को सँवार पाते हैं। हमारे विचार से इतिहास लेखन में प्रमुख घटनाओं को, प्रमुख व्यक्तियों को, जो समय को प्रभावित करते हैं, प्रमुख तिथियों को, शिलालेखों, खंडर के अवशेष, तत्कालीन, साहित्य एवं विदेशी यात्रियों के यात्रा-विवरण, उस काल के सिक्के को शामिल किया जाना चाहिए।

प्रश्न: “हमें आरंभ में ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति की शुरुआत दिखाई पड़ती है जो तमाम परिवर्तनों के बावजूद आज भी बनी हुई है।” आज की भारतीय संस्कृति की ऐसी कौन-कौन सी बातें / चीजें हैं, जो हजारों साल पहले से चली आ रही हैं। आपस में चर्चा करके पता लगाइए।

उत्तर: हमें शुरुआत से ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति दिखाई पड़ती है जो अनेक परिवर्तनों के बावजूद आज भी हमारी प्रेरणा बनी हुई है; जैसे- सत्य, अहिंसा, परोपकार एवं त्याग की भावना, अतिथि सत्कार गुरुजनों का आदर जन्मभूमि से प्यार, मातृभूमि की रक्षा की भावना आदि हमारे पौराणिक युग से लेकर आज तक उनकी परंपरा ज्यों की त्यों बनी है।

प्रश्न: आपने पिछले साल (सातवीं कक्षा में) बाल महाभारत कथा पढ़ी। भारत की खोज में भी महाभारत के सार को सूत्रबद्ध करने का प्रयास किया गया है – “दूसरों के साथ ऐसा आचरण नहीं करो जो तुम्हें खुद अपने लिए स्वीकार्य न हो। आप अपने साथियों से कैसे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं और स्वयं उनके प्रति कैसा व्यवहार करते हैं?” चर्चा कीजिए।

उत्तर: मैं अपने साथियों से उम्मीद करता हूँ कि वे मित्रवत व्यवहार करें, आपस में सुख-दुख में साथ खड़े हों। किसी संकट या मुसीबत के समय वह साथ खुलकर खड़े हों। आपस में प्रेम और मित्रता तथा सद्भाव रखें। वह स्वार्थी और अवसरवादी न हो। मैं भी अपने साथियों के साथ अच्छा व्यवहार करता हूँ। हम भी उनसे अच्छे व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं।

प्रश्न: प्राचीन काल से लेकर आज तक राजा या सरकार द्वारा ज़मीन और उत्पादन पर ‘कर’ (Tax) लगाया जाता रहा है। आजकल हम किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं – सूची बनाइए।

उत्तर: आजकल हम निम्नलिखित वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं – आय पर कर, खाद्य-पदार्थों पर बिक्री कर, सर्विस टैक्स, वस्त्रों पर कर, होटल के खाने पर कर, वैट टैक्स उत्पादन पर, उत्पाद टैक्स गृह टैक्स, सीमा शुल्क टैक्स। अब भारत सरकार एवं राज्यों के सहमति से एक टैक्स बनाया गया है जिसे GST कहते हैं।

प्रश्न:

  1. प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए।
  2. वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची बनाइए। (संकेत – खान-पान, पहनावा, फ़िल्में हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग आदि)

उत्तर: प्राचीन काल में विदेशों में भारतीय संस्कृति के उदाहरण हैं- हिंदू धर्म का प्रसार, बौद्ध धर्म के प्रचार, आर्य सभ्यता ज्ञान, विज्ञान व ज्योतिष के क्षेत्र में रहा। इसके अलावे खाने-पीने की अनेक वस्तुओं का प्रचलन, भारतीय वस्त्रों का चलन आदि पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव पड़ा। वर्तमान समय में वेदांत, अहिंसा, अतिथि सत्कार, उदारता, सहनशीलता सर्व-धर्म समभाव, भारत के बने कपड़े अब विदेशों में काफ़ी लोकप्रिय हैं। कंप्यूटर, ललितकलाएँ, खान-पान आदि के क्षेत्रों में भारत ने विदेशों पर असर छोड़ा है।

प्रश्न: पृष्ठ संख्या 34 पर कहा गया है कि जातकों में सौदगारों की समुद्री यात्राओं, यातायात के हवाले भरे हुए हैं। विश्व / भारत के मानचित्र में उन स्थानों / रास्तों को खोजिए, जिनकी चर्चा इस पृष्ठ पर की गई।

उत्तर: छात्र विश्व / भारत के मानचित्र पर इन स्थानों को स्वयं खोजें तथा इसमें सामाजिक विज्ञान के अध्यापक से मदद लें।

प्रश्न: कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक विषयों की चर्चा है, जैसे, “व्यापार और वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर व्यवस्था, सामाजिक रीति-रिवाज, विवाह और तलाक, स्त्रियों के अधिकार, कर और लगान, कृषि, खानों और कारखानों को चलाना, दस्तकारी, मंडियाँ, बागवानी, उद्योग-धंधे, सिंचाई और जलमार्ग, जहाज़ और जहाजरानी, निगमें, जन-गणना, मत्स्य-उद्योग, कसाई खाने, पासपोर्ट और जेल-सब शामिल हैं। इसमें विधवा विवाह को मान्यता दी गई है और विशेष परिस्थितियों में तलाक को भी।” वर्तमान में इन विषयों की क्या स्थिति है? अपनी पसंद के किन्हीं दो-तीन विषयों पर लिखिए।

उत्तर: भारत के व्यापार में वर्तमान में इन विषयों की स्थिति में काफ़ी परिवर्तन हुआ है। इनमें कुछ क्षेत्रों की स्थिति इस प्रकार है: व्यापार और वाणिज्य – वर्तमान समय में भारत का व्यापार और वाणिज्य काफ़ी विकसित रूप में है। अब हम कई वस्तुओं का निर्यात करते हैं। जैसे भारतीय वस्त्र, कंप्यूटर तथा अन्य मशीनें भारत से अन्य देशों में निर्यात की जाती है। इन क्षेत्रों में लगातार प्रगति हो रही है। कृषि – भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि की दशा में काफ़ी सुधार हो रहा है। हमारी सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयत्नशील है।

उन्नत किस्म के बीज, खाद, कृषि यंत्र सिंचाई के साधनों के विकास से कृषि की प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ी है। फिर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। कृषि पर आधारित होकर जीवन पालन करना मुश्किल हो रहा है। नारी स्वतंत्रता – आजादी के बाद से भारत में स्त्रियों की दशा में लगातार सुधार हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएँ पुरुषों से आगे हैं। वे आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्हें पुरुषों की भाँति अब आजादी मिल रही है। रोजगार और सरकारी नौकरियों में वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

Check Also

हिंदी

10th CBSE Hindi Pre-Board 2020-21

School Name: Himalaya Public School, Sector 13, Rohini, Delhi 110085 India निर्धारित समय: 3 घंटे अधिकतम अंक: 80 विषय: …