Saturday , November 2 2024
NCERT 8th Class CBSE Hindi Vasant Part 3

ध्वनि 8th Class NCERT CBSE Hindi Vasant Chapter 1

ध्वनि 8th Class NCERT CBSE Hindi वसंत भाग 3 Chapter 01

प्रश्न: कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?

उत्तर: कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी उसके मन में नया जोश व उमंग है। अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं।

प्रश्न: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?

उत्तर: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आया हुआ है। इसलिए वह कलियों को हाथों के वासंती स्पर्श से खिला देगा। वह फूलों की आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है।

प्रश्न: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?

उत्तर: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है।

प्रश्न: वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर: वसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि यह सभी ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में प्रकृति पूरे यौवन होती है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। पंचतत्व जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं। सरसों के पीले फूल ऋतुराज के आगमन की घोषणा करते हैं। खेतों में फूली हुई सरसों, पवन के झोंकों से हिलती, ऐसी दिखाई देती है, मानो, सामने सोने का सागर लहरा रहा हो। कोयल पंचम स्वर में गाती है और सभी को कुहू-कुहू की आवाज़ से मंत्रमुग्ध करती है। इस ऋतु में उसकी छठा देखते ही बनती है। इस ऋतु में कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे – वसंत पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।

प्रश्न: वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए।

उत्तर: वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि। होली हमारा देश भारत विश्व का अकेला एवं ऐसा अनूठा देश है, जहँ पूरे साल कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। रंगों का त्योहार होली हिंदुओं का प्रसि़द्ध त्योहार है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंग एवं उमंग का अनुपम त्योहार है जब वसंत अपने पूरे यौवन पर होता है। सर्दी को विदा देने और ग्रीष्म का स्वागत करने के लिए इसे मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य में इस त्योहार को ‘मदनोत्सव’ के नाम से भी पुकारा जाता है। होली के संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को अग्नि में जलाने के प्रयास में उसकी बुआ ‘होलिका’ अग्नि में जलकर स्वाहा हो गई थी। इसी घटना को याद कर प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन फाग खेला जाता है। इस दिन छोटे-बड़े, अमीर-गरीब आदि का भेदभाव मिट जाता है। सब एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं, गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। चारों ओर आनंद, मस्ती और उल्लास का समाँ बँध जाता है। ढोल पर थिरकते, मजीरों की ताल पर झूमते, नाचते-गाते लोग आपसी भेदभाव भुलाकर अपने शत्रु को भी गले लगा लेते हैं। परन्तु कुछ लोग अशोभनीय व्यवहार कर इस त्योहार की पवित्रता को नष्ट कर देते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम होली का त्योहार उसके आदर्शो के अनुरूप मनाएँ तथा आपसी वैमनस्य, वैर-भाव, घृणा आदि को जलाकर एक-दूसरे पर गुलाल लगाकर आपस में प्रेम, एकता और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास करें। “होली के अवसर पर आओ एक दूजे पर गुलाल लगाएँ अपने सब भेदभाव भूलाकर, प्रेम और सद्भाव बढाएँ”।

प्रश्न: “ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है” – इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए।

उत्तर: ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है – उसके खानपान, उसके पहनावे, उस समय के त्योहार, उनका स्वास्थय पर प्रभाव। अत: जैसी ऋतु होगी उपरोक्त बातें भी उसी के अनुसार होंगी।

प्रश्न: कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है।

फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूट जाते हैं।

उत्तर: इस कविता में वसंत ऋतु का ही वर्णन है। यहाँ आम के बौर और होली के त्योहार का वर्णन है।

प्रश्न: स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे?

उत्तर: हम फूलों-पौधों को अधिक संख्या में उगाएँगे, उनकी देखभाल करेंगे और समय- समय पर खाद, पानी की सिंचाई आदि की व्यवस्था करेंगे, फूल-पौधों को जंगली जानवर और बेकार तोड़ने वालों से बचाएँगे।

प्रश्न: ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में ‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म, या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे – वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है – “तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे – मन का / मनका।

ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए – बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।

उत्तर: बातों-बातों में – बातों-बातों में कब घर आ गया पता ही नहीं चला। रह-रहकर – कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है। लाल-लाल – लाल-लाल आँखों से पिताजी अमर को घूर रहें थे। सुबह-सुबह – दादीजी सुबह-सुबह ही पूजा करने मंदिर निकल जाती हैं। रातों-रात – ईश्वर की कृपा से रामन रातों-रात अमीर हो गया। घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे।

प्रश्न: ‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’

विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमश: कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे है।

हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है – गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।

उत्तर:

  1. गुणवाचक विशेषणअच्छा बंदर, सुन्दर कार
  2. परिमाणवाचक विशेषणदो गज ज़मीन, चार किलो गेहूँ
  3. संख्यावाचक विशेषणचार संतरे, प्रथम स्थान
  4. सार्वनामिक विशेषणयह लाल फूल है, वह तेरी फ्राक है

Check Also

हिंदी

10th CBSE Hindi Pre-Board 2020-21

School Name: Himalaya Public School, Sector 13, Rohini, Delhi 110085 India निर्धारित समय: 3 घंटे अधिकतम अंक: 80 विषय: …