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9th Hindi NCERT CBSE Book Kshitij

दो बैलों की कथा: 9th Class (CBSE) Hindi Kshitij Chapter 01

दो बैलों की कथा 9th Class (CBSE) Hindi क्षितिज

प्रश्न: गधा किस अर्थ में रुढ़ हो गया है? और क्यों?

उत्तर: गधा ‘मूर्ख’ या बेवकूफ के अर्थ में रुढ़ हो गया है। किसी आदमी को जब बेवकूफ़ कहना चाहते हैं तो उसे गधा कहते हैं। ऐसा उसके सीधेपन और सब कुछ सहन करने के कारण कहा जाता है।

प्रश्न: सहनशीलता के मामले में गाय और कुत्ता गधे से किस तरह भिन्न हैं?

उत्तर: गाय और कुत्ता गधे जितना सहनशील नहीं है। गाय नाराज होने पर या अपने बच्चे को छेड़े जाते हुए देखकर हिंसक रूप धारण कर लेती है। इसी तरह कुत्ता भी काट लेता है जबकि गधा सब कुछ चुपचाप सहन कर लेता है।

प्रश्न: अफ्रीका और अमरीका में भारतीयों की दुर्दशा का क्या कारण है?

उत्तर: अफ्रीका और अमरीका में भारतीयों की दुर्दशा का कारण उनका सीधापन और उनकी सहनशीलता है। वे अपनी सहनशीलता के कारण शोषण और अन्याय के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाते है और गम खाकर रह जाते हैं।

प्रश्न: बैल को गधे का छोटा भाई क्यों कहा गया है?

उत्तर: बैल को गधे का छोटा भाई इसलिए कहा गया है क्योंकि बैल भी सीधा-सादा जानवर है। वह भी सहनशील है पर गधे जितना नहीं। बैल सींग चलाकर, अड़ियल रुख अपनाकर तथा कई अन्य तरीके से अपना विरोध एवं असंतोष प्रकट कर देता है।

प्रश्न: पशुओं की किस गुप्त शक्ति से मनुष्य वंचित है?

उत्तर: पशु अपने मन के भाव-विचार मूक भाषा में व्यक्त करते हैं जिससे अन्य पशु समझ जाते हैं। इस तरह वे दूसरे के मन की बातें बिना कहे जान-समझ लेते हैं। पशुओं की यह ऐसी गुप्त शक्ति है जिससे मनुष्य वंचित है।

प्रश्न: हीरा-मोती एक-दूसरे के प्रति प्रेम और मित्रता कैसे प्रकट करते थे?

उत्तर: हीरा और मोती एक-दूसरे को चाट-चूटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे। वे अपनी दोस्ती प्रकट करने के लिए कभी-कभी सींग भी मिला लेते थे। उनके ऐसा करने में विग्रह का भाव नहीं बल्कि मनोविनोद और आत्मीयता का भाव रहता था।

प्रश्न: किन बातों से प्रकट होता है कि हीरा-मोती में भाई चारा था।

उत्तर: हीरा-मोती जब हल में जोते जाते थे तब उनकी यही चेष्टा रहती थी कि वे एक-दूसरे का भार अपने कंधे पर ले ले। वे दिन भर के काम के बाद दोपहर या संध्या में चाट-चूटकर अपनी थकान उतारते। वे एक साथ नाँदों में मुँह डालते और हटाते थे। इन बातों से हीरा-मोती का भाई चारा प्रकट होता है।

प्रश्न: बैलों को अपने साथ ले जाते हुए गया को क्या परेशानी हो रही थी ?

उत्तर: दोनों बैलों को अपने साथ ले जाते हुए गया को यह परेशानी हो रही थी कि बैल उसके साथ नहीं जाना चाहते थे। यदि वह बैलों को पीछे से हाँकता था तो दोनों बैल दाँए-बाएँ भागते थे और वह पगहे पकड़कर आगे को खींचता तो दोनों पीछे को ज़ोर लगाते।

प्रश्न: हीरा-मोती को वाणी की कमी क्यों अखर रही थी?

उत्तर: हीरा-मोती गया के साथ अनिच्छा से जा रहे थे। वे सोच रहे थे कि गया के हाथों उन्हें बेच दिया गया है। वे अपने मालिक झूरी से अपने बेचे जाने का कारण जानना चाहते थे। हीरा-मोती बैल ये जो मूक भाषा में बातें कर सकते थे पर झूरी समझता कैसे। अपनी बात कहने के लिए हीरा-मोती को वाणी की कमी अखर रही थी।

प्रश्न: हीरा-मोती की आँखों में विद्रोहमय स्नेह कब झलकता हुआ प्रतीत हुआ और क्यों?

उत्तर: झूरी ने हीरा-मोती को गया के घर काम करने भेजा था पर इन दोनों को वहाँ गाँव, घर तथा मनुष्य सब बेगाने जैसे लग रहे थे। उन्हें गया से भी स्नेह नहीं मिल रहा था। वे दोनों वहाँ से रात में ही भाग आए थे। उन्हें अपने बेचे जाने का भ्रम होने के कारण उनकी आँखों में विद्रोहमय स्नेह झलक रहा था।

प्रश्न: हीरा और मोती ने गया के घर स्वयं को अपमानित क्यों महसूस किया?

उत्तर: हीरा और मोती ने गया के घर स्वयं को इसलिए अपमानित महसूस किया क्योंकि गया ने अपने बैलों के चारे में चूनी-चोकर, खली आदि मिलाया परंतु हीरा मोती के सामने सूखा भूसा डाल दिया। इन बैलों के साथ झूरी ने ऐसा कभी नहीं किया था।

प्रश्न: गया और उसके घरवाले हीरा-मोती को नियंत्रण में करने के लिए क्या योजना बना रहे थे?

उत्तर: गया और उसके घरवालों का व्यवहार बैलों के प्रति अच्छा न था। वह बैलों को मारता-पीटता था तब भी बैलों पर उसका पूरा नियंत्रण नहीं था। इन्हें नियंत्रित करने के लिए वे बैलों की नाक में नाथ डालने की योजना बना रहे थे।

प्रश्न: बालिका ने बैलों को भागने में किस तरह मदद की?

उत्तर: बालिका प्रतिदिन की तरह दो रोटियाँ लेकर हीरा-मोती के पास आई और घरवालों की योजना बताते हुए उनके गले की रस्सी खोल दी। वह चिल्लाने लगी कि फूफा वाले दोनों बैल भागे जा रहे हैं ताकि कोई भी उसपर संदेह न करे। इस तरह उसने बैलों को भागने में मदद की।

प्रश्न: हीरा ने कब और कैसे सच्चे मित्र का फर्ज निभाया?

उत्तर: हीरा और मोती भूखे थे। सामने के खेत में हरी मटर नजर आई। अभी उन्होंने दो-चार ग्रास ही खाए थे कि रखवाले लाठी लिए आए। हीरा तो भाग सकता था पर सींचे खेत में खुर धंसने से मोती फँस गया। रखवालों ने उसे पकड़ लिया तो हीरा भागा नहीं। इस तरह उसने सच्चे मित्र का फर्ज निभाया।

प्रश्न: कांजीहौस में किन्हें बंद किया जाता है और उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है?

उत्तर: कांजीहौस में आवारा और लावारिस पशुओं को बंद किया जाता है। वहाँ उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। उनकी हालत अत्यंत दयनीय हो जाती है। अधिकांश मरने की कगार पर पहुँच जाते हैं।

प्रश्न: दढ़ियल ने जब बैलों के कूल्हे में अँगुली से गोदा तो उन्होंने अपने अंतर्ज्ञान से क्या जान लिया?

उत्तर: नीलामी के लिए खड़े हीरा-मोती के कूल्हे में जब दढ़ियल ने अँगुली से गोदा तो दोनों ने अपने अंतर्ज्ञान से यह जान लिया कि दढ़ियल कसाई है। वह नीलामी में उन्हें खरीदकर उन पर छुरी चलाएगा।

प्रश्न: मोती के उस कार्य का वर्णन कीजिए जिसके बदले वह आशीर्वाद पाने की अपेक्षा कर रहा था?

उत्तर: कांजीहौस में बंदी हीरा-मोती ने देखा कि वहाँ गधे, घोड़े बकरियाँ, भैंसें आदि नौ-दस जानवर मुरदों-से ज़मीन पर पड़े हैं। मोती ने रात में बाड़े की दीवार गिरा दी जिससे ये जानवर भाग गए और उनकी जान बच गई। अपने इसी कार्य के बदले वह आशीर्वाद पाने की अपेक्षा कर रहा था।

प्रश्न: हीरा-मोती जब दढ़ियल के साथ जा रहे थे तो हार में चरते अन्य जानवरों को देखकर उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?

उत्तर: दढ़ियल के साथ जाते हीरा-मोती ने जब खेत में प्रसन्नतापूर्वक चर रहे अन्य जानवरों को देखा तो उन्हें वे जानवर स्वार्थी लगे क्योंकि कसाई के हाथों में उन्हें देखकर भी वे चिंता नहीं कर रहे थे। वे अपनी उछल-कूद और खुशी में डूबे थे।

प्रश्न: झूरी के पास वापस आए बैलों को देखकर बच्चों ने अपनी खुशी किस तरह व्यक्त की?

उत्तर: झूरी के पास लौटे हीरा-मोती को देखकर बच्चों ने ताली बजाकर उनका स्वागत अभिनंदन किया। वे इन्हें वीरता का प्रशस्ति पत्र देना चाहते थे। बच्चे खुशी-खुशी में भागकर अपने घरों से चूनी, गुड़, चोकर आदि लोकर खिलाने लगे। वे बहुत खुश दिख रहे थे।

प्रश्न: दूसरी बार घर आए हीरा-मोती को देखकर मालकिन की प्रतिक्रिया पहली बार से किस तरह भिन्न थी?

उत्तर: हीरा-मोती जब पहली बार गया के घर से लौटकर आए थे तो मालकिन ने उन्हें नमकहराम कहा और उनकी खली-चूनी भूसी आदि बंद करवा दिया, पर दूसरी बार हीरा-मोती के घर आने पर मालकिन हर्षित हुई और बैलों के माथे चूम लिए थे।

प्रश्न: कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?

उत्तर: कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी ली जाती है। इससे पशुओं की संख्या की जानकारी होती है ताकि कोई जानवर अगर कैद से भाग जाए तो तुरन्त पता लगाया जा सके।

प्रश्न: छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?

उत्तर: लड़की की माँ मर चुकी थी, सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। इसीलिए बैलों से उस छोटी बच्ची की आत्मीयता हो गई थी। लड़की तथा दोनों बैल भी प्यार के भूखे थे और एक दूसरे का कष्ट समझ सकते थे।

प्रश्न: कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?

उत्तर:

  1. “दो बैलों की कथा” के माध्यम से लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है।
  2. इस कहानी में स्वतंत्रता के मूल्य की बात कही गई है। स्वतंत्र रहना किसी भी प्राणी का जन्मसिद्ध अधिकार है फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु। स्वतंत्रता कभी सहजता से नहीं मिलती। हमें इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है।
  3. इस कहानी में बार-बार बैलों के माध्यम से प्रेमचंद ने यह नीति-विषयक मूल्य हमारे सामने रखा है कि समाज में नारी का स्थान सर्वोपरि है तथा हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

प्रश्न: प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?

उत्तर: आमतौर पर हम गधे के लिए मूर्ख शब्द का प्रयोग करते हैं। परन्तु प्रेमचंद के अनुसार गधे में सदाचार तथा साधु संतों के गुण हैं। क्योंकि जानवर हो या मनुष्य क्रोध सभी को आता है, अन्याय के प्रति आक्रोश प्राय: सभी में होता है। परन्तु एक मात्र गधा ही ऐसा प्राणी है जो सब अत्याचार चुपचाप सहन कर लेता है। हमने कभी उसे खुश होते नहीं देखा, उसके चेहरे पर एक स्थायी विषाद हमेशा छाया रहता है, कभी अन्याय के प्रति असंतोष नहीं देखा। इन सभी गुणों के बावजूद उसे बेवकूफ कहा जाता है। यह सदगुणों का अनादर ही तो है अर्थात् सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।

प्रश्न: किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?

उत्तर: हीरा और मोती दोनों बैलों में गहरी दोस्ती थी। कहानी के कुछ प्रसंगों के माध्यम से यह बात स्पष्ट होती है:

  1. दोनों एक दूसरे को चाटकर और सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे।
  2. जब ये दोनों बैल हल या गाड़ी में जोत दिए जाते तो दोनों ज़्यादा से ज़्यादा बोझ स्वयं झेलकर दूसरे को कम बोझ देने की चेष्टा करते।
  3. नाद में खली-भूसा पड़ जाने के बाद दोनों साथ ही नाँद में मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक के मुँह हटा लेने पर दूसरा भी हटा लेता था।
  4. जब कुछ लोगों ने खेत से पकड़कर ले जाने के लिए दोनों को घेर लिया तब हीरा निकल गया परन्तु मोती के पकड़े जाने पर वह भी बंधक बनने के लिए स्वयं ही लौट आया।
  5. कांजीहौस की दीवार के टूटने पर जब हीरा ने भागने से मना कर दिया तो अवसर होने के बावजूद भी मोती उसे छोड़कर नहीं भागा।

प्रश्न: ‘लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’ – हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी। नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है। इसलिए नारी पर प्रहार करने को अमानवीय कहा गया है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में स्त्री पात्र का आदर्श रुप प्रस्तुत किया है तथा इन्होंने स्त्री प्रधान रचनाएँ भी की हैं। इससे यह स्पष्ट है कि नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।

प्रश्न: किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?

उत्तर: प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती, दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। हीरा और मोती दोनों झूरी नामक एक किसान के बैल हैं जो अपने बैलों से अत्यंत प्रेम करता है और इसी प्रेम से वशीभूत होकर हीरा और मोती अपने मालिक झूरी को छोड़कर कहीं और नहीं रहना चाहते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पशु भी स्नेह का भूखा होता है। प्रेम पाने से वे भी प्रेम व्यक्त करते हैं और क्रोध तथा अपमान पाकर वे भी असंतोष व्यक्त करते हैं।

प्रश्न: ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’ – मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।

उत्तर: मोती के इस कथन से उसकी निम्नलिखित विशेषताएँ उभर कर सामने आती हैं:

  1. वह आशावादी है क्योंकि उसे अभी भी यह विश्वास है कि वह इस कैद से मुक्त हो सकता है।
  2. वह स्वार्थी नहीं है। स्वयं भागने के बजाए उसने अन्य सभी जानवरों को सबसे पहले भागने का मौका दिया।
  3. वह साहसी है।

प्रश्न: आशय स्पष्ट कीजिए:

  1. अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
  2. उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।

उत्तर:

  1. यहाँ लेखक का आशय पशुओं के आपसी स्नेह से है। पशु एक दूसरे के विचार, भाव तथा शब्द इतनी आसानी से समझ जाते हैं जो मनुष्यों में देखने को नहीं मिलता। मनुष्य एक बुद्धिजीवी प्राणी है तथा सभी जीवों में श्रेष्ठ है परन्तु फिर भी प्रेम तथा भावनात्मक सम्बन्धों के प्रति जागरुकता पशुओं में अधिक देखने को मिलती है।
  2. यहाँ मनुष्य तथा पशुओं के आत्मीय सम्बन्धों को व्यक्त किया गया है। दिन भर भूखा रहने के बाद भी उस छोटी सी लड़की द्वारा दिए गए रोटी से उनकी भूख तो नहीं मिलती थी परन्तु दोनों के हृदय को संतुष्टि मिलती थी। क्योंकि लड़की से उनको आत्मीयता हो गई थी।

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