एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा 9th Class (CBSE) Hindi
प्रश्न: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए: अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर: अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहे थे।
प्रश्न: लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?
उत्तर: लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो। इसलिए यह नाम लेखिका को अच्छा लगा।
प्रश्न: लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
उत्तर: लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।
प्रश्न: हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?
उत्तर: हिमस्खलन से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई और चार घायल हुए।
प्रश्न: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?
उत्तर: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने सपष्ट किया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी–कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
प्रश्न: रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई।
प्रश्न: कैंप–चार कहाँ और कब लगाया गया?
उत्तर: कैंप–चार 29 अप्रैल, 1984 को साउथ कोल में लगाया गया था। 7900 मीटर पर यह कैंप लगाया गया था।
प्रश्न: लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?
उत्तर: लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय यह कह कर दिया कि वह बिल्कुल ही नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला अभियान है।
प्रश्न: लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर: लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता–पिता को बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।”
प्रश्न: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25 – 30 शब्दों में) लिखिए – नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
उत्तर: नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भौंचक्की रही गई। वह उसके सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गई। वह एवरेस्ट ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फ़ीली ढेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
प्रश्न: डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?
उत्तर: डॉ. मीनू मेहता ने अनेकों जानकारियाँ दीं:
- अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों की जानकारी दी।
- अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल का निर्माण करने की जानकारी दी।
- लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करने की जानकारी, बर्फ़ की आड़ी तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधने की जानकारी दी।
प्रश्न: तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?
उत्तर: तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। अर्थात् वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे सफल होंगी।
प्रश्न: लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
उत्तर: लेखिका को अपने दल के साथ तथा जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। परन्तु वे लोग पीछे रह गए थे। उनके पास भारी बोझ था और वे बिना ऑक्सीजन के आ रहे थे। इस कारण उनकी गति कम हो गई थी। उनकी स्थिति देखकर लेखिका चिंतित थी।
प्रश्न: लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?
उत्तर: लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया क्योंकि तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरने से हिमपुंज बन गया था और इससे कैंप नष्ट हो गया था, लेखिका भी उसमें दब गई थीं। इसलिए लोपसांग ने छुरी से बर्फ़ काटकर लेखिका को बाहर निकाला।
प्रश्न: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरु की?
उत्तर: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी करने के लिए खाना, कुकिंग गैस, कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए, दूसरे सदस्यों की मदद के लिए, थरमसों को जूस व गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया।
प्रश्न: निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50 – 60 शब्दों में) लिखिए – उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उत्तर: उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दल ने कैंप–एक (6000 मीटर), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बना दिया गया है, रस्सियाँ बाँध दी गई हैं तथा झंडियों से रास्ते को चिह्नित कर दिया गया है। इसके साथ–साथ बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना जारी है। यदि हिमपात अधिक हो गया तो अभी तक किए गए सारे काम व्यर्थ हो सकते हैं। तब इन्हें पुन: करना पड़ेगा।
प्रश्न: हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर: बर्फ़ के खंडो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। हिमपात बर्फ़ (ग्लेशियर) की नदी होती है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी–बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं।
प्रश्न: लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
उत्तर: लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन बहुत भयानक एवं खतरनाक था। रात 12.30 बजे एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराई और वह जाग गई। एक लंबा बर्फ़ पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर कैंप के ऊपर आ गिरा था। उसमें अनेक हिमखंडो का पुंज था। वह अत्यंत तेज़ गति के साथ और गर्जना के साथ गिरा था। इसने लेखिका के कैंप को नष्ट कर दिया था। इससे चोट तो सभी को लगी पर मृत्यु किसी की भी नहीं हुई।