कीचड़ का काव्य 9th Class (CBSE) Hindi
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
प्रश्न: रंग की शोभा ने क्या कर दिया?
उत्तर: उत्तर दिशा में लाल रंग बिखर गया, पूरी लाली छा गई परन्तु थोड़े समय के लिए।
प्रश्न: बादल किसकी तरह हो गए थे।
उत्तर: बादल एकदम सफ़ेद रूई की तरह हो गए थे।
प्रश्न: लोग किन-किन चीज़ों का वर्णन करते हैं?
उत्तर: लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों का वर्णन करते हैं।
प्रश्न: कीचड़ से क्या होता है?
उत्तर: कीचड़ से कपड़े गन्दे होते हैं, शरीर पर भी मैल चढ़ता है। परन्तु कीचड़ में कमल जैसा फूल भी होता है।
प्रश्न: कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पंसद करते हैं?
उत्तर: कीचड़ जैसा रंग कला प्रेमी, कलाकार और फोटोग्राफर बहुत पसंद करते हैं। गत्तो दिवारों और वस्त्रों पर यह रंग पसंद करते हैं।
प्रश्न: नदी के किनारे कीचड़ कब सुंदर दिखता है?
उत्तर: कीचड़ जब सूख जाता है तो उसमें आड़ी तिरछी दरारे पड़ जाती हैं। वह देखने में बहुत सुन्दर लगता है जैसे सुखाया हुआ हो। कभी-कभी किनारे पर समतल फैला कीचड़ भी सुन्दर लगता है।
प्रश्न: कीचड़ कहाँ सुदंर लगता है?
उत्तर: सूखा कीचड़ सुंदर लगता है जब उसके ऊपर बगुले, पक्षी, गाय, बैल, भैंस, पोड़, बकरी सीगों आदि के चिह्न बने हुए हो, तो वह और भी सुन्दर लगता है।
प्रश्न: ‘पंक’ और ‘पंकज’ शब्द में क्या अंतर है?
उत्तर: ‘पंक’ का अर्थ है कीचड़ और पंक् + अज अर्थात कीचड़ में उत्तपन्न अर्थात कमल। पंक अच्छा नहीं लगता जबकि पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है।
कीचड़ का काव्य – निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25 – 30 शब्दों में) लिखिए:
प्रश्न: कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों नही होती?
उत्तर: लोग उपरी सुंदरता देखते हैं। कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति नहीं होती क्योंकि इसे गंदगी का प्रतीक मानते हैं। कोई कीचड़ में नहीं रहना चाहता, न कपड़े, न शरीर गंदा करना चाहता है। कभी किसी कवि ने भी कीचड़ के सौंदर्य के बारे में नहीं लिखा।
प्रश्न: ज़मीन ठोस होने पर उस पर किनके पदचिह्न अंकित होते हैं।
उत्तर: गीले कीचड़ में जब पशु-पक्षी क्रीड़ा करते हैैं, तो उनके पदचिह्न उस पर छप जाते हैं। सूखने पर ये पदचिह्न बहुत ही सुन्दर लगते हैं। लड़ते हुए पाड़ो के पदचिह्नों की तो शोभा निराली होती है। उनके सींगों से कीचड़ जगह-जगह उखड़ जाता है, तो सूखने पर बहुत अच्छा लगता है।
प्रश्न: मनुष्य को क्या भान होता है जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार न करता?
उत्तर: जब मनुष्य को यह भान हो जाता कि उसका अन्न और कई खाद्य पदार्थ कीचड़ में ही उत्पन्न होते हैं तो वह कीचड़ का तिरस्कार नहीं करते।
प्रश्न: पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की क्या विशेषता है?
उत्तर: पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की विशेषता है कि बहुत अधिक कीचड़ होता है ऐसा कीचड़ गंगा नदी के किनारे खंमात की खाड़ी सिंधु के किनारे पर होता है।
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:
प्रश्न: कीचड़ का रंग किन-किन लोगों को खुश करता है।
उत्तर: कीचड़ में सौंदर्य की कमी नहीं है। इसका सौंदर्य पुस्तकों के गत्तों पर, दिवारों पर, कच्चे मकानों पर लोग इस रंग को पंसद करते हैं। कपड़ों के रंग में भी इसे पंसद किया जाता है। कला प्रेमियों को यह पंसद आता है। फोटोग्राफर और मिट्टी के बरतन बनाने वालों को भी रंग अच्छा लगता है।
प्रश्न: कीचड़ सूखकर किस प्रकार के दृश्य उपस्थित करता है?
उत्तर: कीचड़ सूखकर टूकड़ों में बट जाता है, उसमें दरार पड़ जाती है। इनका आकार ढेडा मेढ़ा होने से बहुत सुन्दर लगता है। समतल किनारों का कीचड़ भी सूखता है तो बहुत सुन्दर लगता है क्योंकि इस पर पशु पक्षियों के पैर के चिह्न बन जाते हैं, जो बहुत सुन्दर लगते हैं। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।
प्रश्न: सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य किन स्थानों पर दिखाई देता है?
उत्तर: सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य नदियों के किनारे दिखाई देता है। कीचड़ जब थोड़ा सूख जाता है तो उस पर छोटे-छोटे पक्षी बगुले आदि घूमने लगते हैं। कुछ अधिक सूखने पर गाय, भैंस पांडे, भेड़, बकरियाँ भी चलने-फिरने लगते हैं। जब ये जानवर यहाँ लड़ते हैं तो कीचड़ उछल-उछल कर उखड़ जाती है। ये सारा दृश्य बहुत सुन्दर लगता है।
प्रश्न: कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशून्य क्यों कहा है।
उत्तर: कवियों की धारणा केवल बाहरी सौंदर्य पर ध्यान देते हैं आंतरिक सौंदर्य की ओर उनका ध्यान नहीं जाता। पंकज शब्द बहुत अच्छा लगता है और पंक कहते ही बुरा सा लगता है। वे कमल को अपनी रचना में रखते हैं परन्तु पंक को अपनी रचना में नहीं लाते हैं। वे इसका तिरस्कार करते हैं। वे प्रत्यक्ष सोंदर्य की प्रशंसा करते हैं परन्तु उसको उत्पन्न करने वाले कारकों का सम्मान नहीं करते। कवियों का ऐसा दृष्टिकोण उनकी युक्तिशुन्यता को दर्शाता है।
प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए:
- जलाशय – ……………………….
- सिंधु – ……………………….
- पंकज – ……………………….
- पृथ्वी – ……………………….
- आकाश – ……………………….
उत्तर:
- जलाशय – ताल, सरोवर, सर
- सिंधु – जलधि, सागर, रत्नाकर
- पंकज – कमल, जलज, अंबुज, राजीव
- पृथ्वी – भू, भूमि, धरा, वसुधा
- आकाश – नभ, गगन, व्योम, अंबर
प्रश्न: निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम भी लिखिए −
- कीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है। ……………………….
- क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है? ……………………….
- हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है। ……………………….
- पदचिह्न उसपर अंकित होते हैं। ……………………….
- आप वासुदेव की पूजा करते हैं। ……………………….
उत्तर:
- कीचड़ का नाम लेते सब बिगड़ जाता है। का सबंध कारक
- क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है? ने कर्ता कारक
- हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है। हमारा संबध कारक, से करण कारक
- पदचिह्न उसपर अंकित होते हैं। उस पर अधिकरण कारक
- आप वासुदेव की पूजा करते हैं। की सबंध कारक
प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए:
आकर्षक यथार्थ तटस्थता कलाभिज्ञ पदचिह्न
अंकित तृप्ति सनातन लुप्त जाग्रत
घृणास्पद युक्तिशून्य वृत्ति
उत्तर:
- आकर्षक − यह गमला बहुत आकर्षक है।
- अंकित − हमें वस्तु पर अंकित मूल्य पर ही वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
- घृणास्पद − वह बहुत ही घृणास्पद बातें करता है।
- यथार्थ − यथार्थ से हमेशा जुड़े रहना चाहिए।
- तृप्ति − मुख से पीड़ित व्यक्ति को भोजन दिया तो उसे तृप्ति हो गई।
- युक्तिशून्य − उसने बहुत ही युक्तिशून्य बातें की।
- तटस्थता − हमारा देश अक्सर बाह्रय युद्धों में तटस्थता की नीति बनाए रखता है।
- सनातन − भारत में बहुत लोग सनातन धर्म को मानते हैं।
- वृत्ति − वह बहुत अच्छी वृत्ति का व्यक्ति है।
- कलाभिज्ञ − कलाभिज्ञ गन्दगी में भी सुन्दरता देखते हैं।
- लुप्त − आजकल भारतीय संस्कृति और परम्पराएं लुप्त सी हो रही हैं।
- पदचिह्न − लोगों ने गाँधी जी के पदचिह्नों पर चलकर भारत माता की सेवा की।
- जाग्रत − आजकल टेलीवीजन पर लोगों को जाग्रत करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रश्न: नीचे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए:
- देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।
…………………………………………………………. - कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।
…………………………………………………………. - हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।
………………………………………………………….
उत्तर:
- मेरे देखते-देखते ही वहाँ भीड़ जमा हो गई।
- थोड़ी भी तबीयत खराब हो तो सीधे डाक्टर के पास पहुँचना चाहिए।
- कमल कीचड़ में ही पैदा होता है।