नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया 9th Class (CBSE) Hindi क्षितिज
प्रश्न: नाना साहब कौन थे?
उत्तर: नाना साहब सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे बिठूर के शासक थे। वहाँ उनका राजमहल था। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करते हुए कानपुर अनेक अंग्रेज़ों को मौत के घाट उतार दिया था। अपनी मातृभूमि को आजाद करवाने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किया।
प्रश्न: अंग्रेज़ों को मैना पर अपना क्रोध उतारने का अवसर मिल गया?
उत्तर: कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठाने और अनेक अंग्रेज़ों को मौत के घाट उतारने के बाद नाना साहब अंग्रेजी सेना का मुकाबला न कर सके और कानपुर से भागने लगे। वे जल्दी में अपनी पुत्री मैना को साथ न ले जा सके। इससे अंग्रेजों को मैना पर क्रोध उतारने का मौका मिल गया।
प्रश्न: अंग्रेज़ बिठूर की ओर क्यों गए?
उत्तर: अंग्रेज़ बिठूर की ओर इसलिए गए क्योंकि वे कानपुर में नाना साहब को पकड़ न सके। नाना साहब अपने बिठूर स्थित राजमहल में हो सकते हैं, इसलिए वे बिठूर की ओर चले गए। वे नाना साहब को पकड़ना चाहते थे।
प्रश्न: बिठूर पहुँचकर अंग्रेज सैनिक दल ने क्या किया?
उत्तर: बिठूर पहुँचकर अंग्रेज़ सैनिक दल ने:
- नाना साहब का राजमहल लूट लिया।
- नाना साहब का महल ध्वस्त करने के लिए तोपें लगा दिया।
प्रश्न: मैना कौन थी? उसे देखकर अंग्रेज सेनापति को आश्चर्य क्यों हुआ?
उत्तर: मैना नानासाहब की पुत्री थी। उसे देखकर अंग्रेज सेनापति को इसलिए आश्चर्य हुआ क्योंकि जब सैनिक दल महल में लूट-पाट कर रहा था तब वह बालिका कहीं दिखाई न दी। अब उसके अचानक प्रकट होने से उन्हें आश्चर्य हो रहा था।
प्रश्न: मैना ने सेनापति से क्या निवेदन किया और क्यों?
उत्तर: मैना ने सेनापति से महल नष्ट न करने और उसकी रक्षा करने का निवेदन किया क्योंकि यह महल उसे अत्यंत प्रिय था। इसके अलावा वह इसी महल में पली-बढ़ी थी।
प्रश्न: सेनापति ‘हे’ मैना का निवेदन क्यों स्वीकार नहीं कर पा रहे थे?
उत्तर: मैना को अपनी पुत्री ‘मैरी’ की सहचरी जानकर सेनापति ‘हे’ के मन में सहानुभूति उत्पन्न हुई। इसके बाद भी वे मैना को निवेदन इसलिए स्वीकार नहीं कर पा रहे थे क्योंकि वे अंग्रेज सरकार के कर्मचारी थे। उनका आदेश मानना उनका पहला कर्तव्य था।
प्रश्न: आउटरम कौन था? वह सेनापति ‘हे’ पर क्यों बिगड़ उठा?
उत्तर: आउटरम अंग्रेज़ी सेना का प्रधान सेनापति था। वह सेनापति ‘हे’ पर इसलिए बिगड़ उठा क्योंकि सेनापति ‘हे’ ने नाना साहब के महल पर तोप से गोले बरसाकर अब तक नष्ट नहीं किया था। ‘हे’ द्वारा कर्तव्य की अवहेलना करते देख वह नाराज हो गया।
प्रश्न: सेनापति ‘हे’ दुखी होकर नाना साहब के राजमहल से क्यों चले गए?
उत्तर: सेनापति ‘हे’ मैना के निवेदन पर उस महल को बचाने के लिए सहमत हो गए थे। उन्होंने इसके लिए जब प्रधान सेनापति आउटरम से विनयपूर्वक कहा तो आउटरम किसी भी तरह न माना। अपनी इस तरह उपेक्षा देखकर ‘हे’ दुखी होकर वहाँ से चले गए।
प्रश्न: सेनापति ‘हे’ के जाते ही अंग्रेज़ सैनिकों ने क्या-क्या किया?
उत्तर: सेनापति ‘हे’ के जाते ही अंग्रेज सैनिकों ने:
- नाना साहब के महल को घेर लिया।
- वे फाटक तोड़कर हर जगह मैना को ढूँढ़ने लगे ताकि मैना को पकड़ सके।
प्रश्न: आउटरम सेनापति ‘हे’ का अनुरोध स्वीकार नहीं कर पा रहा था, क्यों?
उत्तर: अंग्रेजी सेना का प्रधान सेनापति आउटरम सेनापति ‘हे’ का अनुरोध इसलिए स्वीकार नहीं कर पा रहा था क्योंकि गवर्नर जनरल की आज्ञा के बिना वह कुछ नहीं कर सकता था। वह सेनापति ‘हे’ की विनती स्वीकार कर अंग्रेजी सरकार का कोप भोजन नहीं बनना चाहता था।
प्रश्न: ‘मैना अपने महल से बहुत लगाव रखती थी’ सप्रमाण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मैना अपने महल से बहुत लगाव रखती थी। इसका प्रमाण यह है कि:
- उसने निर्भीकतापूर्वक सेनापति ‘हे’ से महल की रक्षा करने की प्रार्थना की।
- अंग्रेजों द्वारा नष्ट किए गए प्रासाद के अवशेष पर कुछ देर रोना चाहती थी।
प्रश्न: नाना साहब के प्रासाद के विषय में भेजे गए केनिंग के तार का आशय क्या था?
उत्तर: नाना साहब के राज प्रासाद के बारे में केनिंग ने जो तार भेजा था, उसका आशय था-लंदन के मंत्रिमंडल का यह मत था कि अंग्रेज नर-नारियों की हत्या करने वाले नाना साहब के स्मृति-चिह्न तक को मिटा दिया जाए।
प्रश्न: अंग्रेज़ सैनिक नाना साहब के प्रासाद के भग्नावशेष पर क्यों गए?
उत्तर: अंग्रेज सैनिक नाना साहब के प्रासाद के भग्नावशेष पर इसलिए गए क्योंकि उस भग्नावशेष पर रात्रि में रोने की आवाज़ आ रही थी। जिस भग्नावशेष की वे रक्षा कर रहे हैं, उस पर कौन रो रहा है, यही पता करने वे वहाँ पहुँचे।
प्रश्न: ‘मैरी’ कौन थी? मैना से उसकी मित्रता कैसे हुई ?
उत्तर: ‘मैरी’ अंग्रेज सरकार के सेनापति ‘हे’ की पुत्री थी। मैरी और मैना दोना हम उम्र थीं। पहले सेनापति ‘हे’ मैना के घर मैरी को लेकर आया करते थे। मैरी और मैना के इस तरह मिलने से दोनों में मित्रता हो गई।
प्रश्न: बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
उत्तर: बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए:
- अंग्रेज़ों के दोषी नाना साहब हैं। मकान का इसमें क्या दोष है?
- यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
- अंत में मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देकर कहा कि वो उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली है।
प्रश्न: मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों?
उत्तर: मैना अपने मकान की बचाना चाहती थी क्योंकि यह मकान उसे बहुत प्रिय था। यह उसकी पैत्रिक धरोहर थी।
अंग्रेज़ उस मकान को नष्ट कर देना चाहते थे क्योंकि यह मकान नानाजी जैसे और भी क्रांतिकारियों का ठिकाना हो सकता था। नाना जी ने अंग्रेज़ी सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी तथा अनेक अंग्रेज़ नर-नारियों की हत्या की थी।
प्रश्न: सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे?
उत्तर: मैना का करुणामयी मुख और उसकी अल्पायु देखकर सेनापति ‘हे’ को उस पर दया आई। वह उसकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली भी थी तथा वह उसकी परिचित थी।
प्रश्न: मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी?
उत्तर: मैना के प्रार्थना करने पर भी जनरल ने उसे अपने प्रसाद के ढ़ेर पर रोने भी नहीं दिया, क्योंकि नाना साहब अंग्रेज़ी सरकार के दोषी थे और उनके किसी भी साथी या रिश्तेदार को छोड़ना भविष्य के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता था। अंग्रेज़ों को भविष्य के इस खतरे से भय था।
प्रश्न: बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर: मैना की चारित्रिक विशेषताएँ:
- मैना एक वाक् चतुर बालिका थी।
- उसके मन में अपनी पैतृक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना थी।
- उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं था। वह साहसी थी।
- उसमें आत्मबलिदान की भावना प्रबल थी।
- मैना बहुत भावुक थी तभी मकान के जल जाने पर उसका मन दु:खी हो जाता है।
हम मैना की इन सारी विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे। उसकी ये विशेषताएँ उसे औरों से अलग बनाती है। इन गुणों से युक्त मनुष्य जीवन पथ पर कभी असफल नहीं होता है। उसे किसी भी प्रकार की शक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती है। अतः हम उसके इन गुणों को आत्मसात करके देश तथा परिवार का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न: ‘टाइम्स’ पत्रा ने 6 सितंबर को लिखा था – ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी’। इस वाक्य में ‘भारत सरकार’ से क्या आशय है?
उत्तर: भारत सरकार से आशय उस समय के अंग्रेज़ी सरकार से है। क्योंकि उस समय भारत पर अंग्रेज़ी सरकार का कब्ज़ा था।
प्रश्न: स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
उत्तर: समाज के लोगों तक संदेश पहुँचाने में लेखन कला का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लोगों के मन में अंग्रेज़ी सरकार के प्रति आक्रोश कि भावना जागृत हुई होगी तथा उन्हें मैना के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा मिली होगी।
प्रश्न: इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप:
- कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
- अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
उत्तर: इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें।
प्रश्न: आप किसी ऐसे बालक / बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो।
उत्तर: श्रीराम तथा सीता पुत्र लव-कुश ने अपने साहस का परिचय बाल्यकाल में ही दे दिया था। लव-कुश ने हनुमान जैसे बलशाली वानर को भी परास्त किया। उन्होंने राम द्वारा आयोजित अश्वमेघ यज्ञ को भी रोककर राम की पूरी सेना के साथ युद्ध कर, उन्हें परास्त करके अपने पराक्रम तथा बल का परिचय दिया। युग-युग तक यह अमरगाथा अविस्मरणीय रहेगी।
प्रश्न: भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।
उत्तर: “कानपुर में भीषण हत्याकांड करने के बाद अंग्रेज़ों का सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में नाना साहब का राजमहल लूट लिया गया पर उसमें बहुत थोड़ी सम्पत्ति अंग्रेज़ों के हाथ लगी। इसके बाद अंग्रेज़ों ने तोप के गोलों से नाना साहब का महल भस्म कर देने का निश्चय किया। सैनिक दल ने जब वहाँ तोपें लगाई, उस समय महल के बरामदे में एक अत्यंत सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। उसे देखकर अंग्रेज़ सेनापति को बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि महल लूटने के समय वह बालिका वहाँ कहीं दिखाई न दी थी।” (यह पाठ का एक अनुच्छेद है)
(अनुच्छेद का वर्तमान मानक हिंदी रुप) कानपुर में घटित हत्याकांड के बाद अंग्रेज़ी सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में स्थित नाना साहब का राजमहल अंग्रेज़ों द्वारा लूट लिया गया। लेकिन अंग्रेज़ अधिक नुकसान नहीं कर पाए। इसके बाद अंग्रेज़ों ने तोप द्वारा नाना साहब के महल को उड़ा देना चाहा, तभी महल के बरामदे में एक सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। यह देखकर अंग्रेज़ी सेना को हैरानी हुई क्योंकि महल को लूटते समय यह बालिका वहाँ दिखाई नहीं दी।
प्रश्न: अंग्रेजों ने नाना साहब के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया है और क्यों?
उत्तर: अंग्रेजों ने नाना साहब के लिए ‘दुर्दीत’ विशेषण का प्रयोग किया है। इसका कारण यह है कि:
- नाना साहब ने अंग्रेजों की अधीनता न स्वीकार कर उनसे डरकर मुकाबला किया।
- उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठाकर बगावत कर दी थी।
- उन्होंने कानपुर में अनेक अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था।
- अंग्रेजों द्वारा एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी नाना साहब उन्हें चकमा देकर भाग गए। अब वे अंग्रेजों की पकड़ में नहीं आ रहे थे।
प्रश्न: उन कारणों का उल्लेख कीजिए जिनके कारण सेनापति ‘हे’ महल को बचाने के लिए तैयार हो गया।
उत्तर: सेनापति ‘हे’ को नाना साहब का बिठूर स्थित राज प्रासाद गिराने का कार्य सौंपा गया। उन्होंने महल के आगे तोप लगवा दिया। इसके बाद भी वे महल बचाने के लिए तैयार हो गए, क्योंकि:
- महल बचाने का अनुरोध करने वाली बालिका मैना उनकी मृत पुत्री की हम उम्र थी।
- मैना महल बचाने का तर्क देती हुई विनम्रतापूर्वक बातें कर रही थी।
- मैना के बारे में पता चला कि वह उनकी मृत पुत्री की सहेली है।
- वे मैना की इच्छाओं एवं भावनाओं का आदर कर रहे थे।
प्रश्न: मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय किस तरह दिया और क्यों?
उत्तर: मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देते हुए कहा, “मैं जानती हूँ कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्यारी पुत्री मैरी में और मुझमें बहुत प्रेम संबंध था। कई वर्ष पूर्व मैरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे घर आते थे और मुझे अपनी पुत्री के समान प्यार करते थे। मैरी की मृत्यु से मुझे बड़ा दुख हुआ। उसकी एक चिट्ठी अब तक मेरे पास है।” मैना ने ऐसा इसलिए किया ताकि ‘हे’ महल गिराने के विषय में सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।
प्रश्न: 6 सितंबर को ‘टाइम्स’ पत्र में छपे लेख की मुख्य बातें क्या थीं?
उत्तर: 6 सितंबर को ‘टाइम्स’ पत्र में छपे लेख की मुख्य बातें थीं:
- भारत सरकार (तत्कालीन भारत में अंग्रेज़ी सरकार) द्वारा नाना साहब को न पकड़ पाने पर दुख प्रकट करना।
- शरीर में रक्त रहते कानपुर हत्याकांड का बदला लेना न भूलना।
- टामस ‘हे’ के चरित्र पर सवालिया निशान लगाना।
- टामस पर कर्तव्य की अवहेलना का दोष मढ़ना।
- नाना के पुत्र, कन्या या निकट संबंधी को जिंदा न छोड़ने का आदेश।
- टामस ‘हे’ के सामने ही मैना को फाँसी पर लटका दिए जाने का आदेश।
9th Class (CBSE) Hindi क्षितिज
गद्य – खंड
- Chapter 01: दो बैलों की कथा
- Chapter 02: ल्हासा की ओर
- Chapter 03: उपभोक्तावाद की संस्कृति
- Chapter 04: साँवले सपनों की याद
- Chapter 05: नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
- Chapter 06: प्रेमचंद के फटे जूते
- Chapter 07: मेरे बचपन के दिन
- Chapter 08: एक कुत्ता और एक मैना
काव्य – खंड
- Chapter 09: साखियाँ एवं सबद
- Chapter 10: वाख
- Chapter 11: सवैये
- Chapter 12: कैदी और कोकिला
- Chapter 13: ग्राम श्री
- Chapter 14: चंद्र गहना से लौटती बेर
- Chapter 15: मेघ आए
- Chapter 16: यमराज की दिशा
- Chapter 17: बच्चे काम पर जा रहे हैं