Monday , November 4 2024
9th Hindi NCERT CBSE Books

शुक्र तारे के समान 9th Class (CBSE) Hindi Sparsh Chapter 8

शुक्र तारे के समान Page [2] 9th Class (CBSE) Hindi

शुक्र तारे के समान – निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:

प्रश्न: ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’

उत्तर: महादेव जी गांधीजी के सब छोटे-बड़े सभी काम करते थे और सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते थे। इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी के ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ कहते थे और उसमें गौरव का अनुभव करते थे।

प्रश्न: इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।

उत्तर: एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत सिद्ध करना होता है। इसमें पूरी सच्चाई से काम नहीं होता। इसलिए ही गाँधीजी ने इसको छोड़ा था।

प्रश्न: देश और दुनिया को मुग्ध करके ‘शुक्रतारे की तरह ‘ ही अचानक अस्त हो गए।

उत्तर: महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। वे चाहे थोड़े समय पर अपनी छटा से सबको मोहित करते रहे। जैसे शुक्रतारा अचानक छिप जाता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए।

प्रश्न: उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।

उत्तर: महादेव देसाई जी की लिखाई बहुत ही सुन्दर थी। वे जो पत्र लिखकर गाँधीजी की ओर से भेजते थे, उन्हें दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय भी पढ़कर हैरत में पड़ जाते थे। लेख और लेखनी दोनों ही बहुत अच्छी थी कि वे लंबी-लंबी साँसे लेने लगते थे।

प्रश्न: निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:

  1. आड़े हाथों लेना
  2. अस्त हो जाना
  3. दाँतों तले अँगुली दबाना
  4. मंत्र मुग्ध करना
  5. लोहे के चने चबाना

उत्तर:

  1. आड़े हाथों लेना: पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।
  2. दाँतों तले अँगुली दबाना: पाँच वर्ष के बालक को कम्प्यूटर पर काम करते देखा तो सबने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
  3. लोहे के चने चबाना: आतंकवादियों ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को भी लोहे के चने चबवा दिए।
  4. अस्त हो जाना: बहुत मेहनत के बाद भारतीय अंग्रेजी राज्य के सूर्य को अस्त करने में सफल रहे।
  5. मंत्र-मुग्ध करना: उसने अपने भाषण से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए:

वारिस – …………..     जिगरी – …………..  कहर – …………..
मुकाम – ………….. रूबरू – ………….. फ़र्क – …………..
तालीम – ………….. गिरफ़्तार – …………..

उत्तर:

वारिस – वंश, उत्तराधिकारी
मुकाम – लक्ष्य, मंज़िल
तालीम – शिक्षा, ज्ञान, सीख
जिगरी – पक्का, घनिष्ठ
फ़र्क – अंतर, भेद
गिरफ़्तार – कैद, बंदी

प्रश्न: उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए:
उदाहरण: गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

  1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
  5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर:

  1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
  5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर:

प्रश्न: महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

उत्तर: महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।

प्रश्न: पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।

उत्तर: पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी की भवन पर उमड़ा करते थे।

प्रश्न: दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।

उत्तर: दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।

प्रश्न: देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।

उत्तर: देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।

प्रश्न: गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर: गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

प्रश्न: मणिभवन पर लोग क्यों आया करते थे?

उत्तर: अंग्रेजों के जुल्म और अत्याचार के बारे में बताने वाले पीड़ित लोग गामदेवी के मणिभवन पर आते थे और महादेव जी के माध्यम से गांधी जी को अपनी व्यथा बताते थे।

प्रश्न: हार्नीमैन कौन थे? उन्हें क्या सज़ा मिली?

उत्तर: हार्नीमैन ‘क्रानिकल’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र के निडर अंग्रेज़ संपादक थे। अंग्रेज़ सरकार ने उनके लेखन से रुष्ट होकर देश निकाले की सज़ा देकर इंग्लैंड भेज दिया।

प्रश्न: समय का अभाव होने पर भी महादेव भाई ने किस प्रकार साहित्यिक योगदान दिया?

उत्तर: महादेवभाई के भाई के पास समय का नितांत अभाव रहता था फिर भी उन्होंने ‘चित्रांगदा’, कच देवयानी की कथा पर टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’ शीर्षक नाटिका, ‘शरदबाबू की कहानियाँ’ आदि का अनुवाद करके अपना साहित्यिक योगदान दिया।

प्रश्न: नरहरिभाई कौन थे?

उत्तर: नरहरिभाई महादेव जी के जिगरी दोस्त थे। दोनों ने एक साथ वकालत की पढ़ाई की और साथ-साथ अहमदाबाद में वकालत भी शुरू की।

प्रश्न: महादेव जी की अकाल मृत्यु का प्रमुख कारण क्या था?

उत्तर: महादेव जी की अकाल मृत्यु का कारण था – मगनवाड़ी से वर्धा की असह्य गरमी में पैदल चलकर सेवाग्राम पहुँचना और वहाँ काम करना। आते-जाते उन्हें ग्यारह मील की दूरी तय करनी होती थी। उन्हें लंबे समय तक वहाँ आना-जाना पड़ा था।

प्रश्न: महादेव भाई स्वयं को गांधी जी का ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ क्यों कहते थे?

उत्तर: महादेव भाई गांधी जी के निजी सचिव थे। वे गांधी जी के साथ रहकर उनके भोजन का ध्यान रखते थे तथा गांधी जी के काम को करते हुए उनकी राजनैतिक गतिविधियों का विवरण समाचार-पत्रों को भेजते थे। इसलिए वे स्वयं को ‘पीर बावर्ची-भिश्ती-खर’ कहते थे।

प्रश्न: गांधी जी ने महादेव भाई को अपने उत्तराधिकारी का पद कब सौंपा?

उत्तर: महादेव भाई जब 1917 में गांधी जी के पास आए तभी गांधी जी ने उनकी अद्भुत प्रतिभा को पहचान लिया और उन्हें अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया।

प्रश्न: गांधी जी से पहले ‘यंग इंडिया’ का संपादन कौन करते थे?

उत्तर: ‘यंग इंडिया’ का संपादन जब गांधी जी के हाथ आया, उससे पहले मुंबई (बंबई) में तीन नेता थे-शंकर लाल बैंकर, उम्मर सोबानी और जमनादास द्वारकादास, ये तीनों लोग ‘यंग इंडिया’ का संपादन करते थे।

प्रश्न: गांधी जी के पास किनके-किनके पत्र आते थे?

उत्तर: गांधी जी के पास सभी प्रांतों के उग्र और उदार देश भक्तों, क्रांतिकारियों, देश-विदेश के सुप्रसिद्ध जाने-माने लोगों, संवाददाताओं आदि के पत्र आते थे, जिनकी चर्चा गांधी जी ‘यंग इंडिया’ के कालमों में करते थे।

प्रश्न: महादेव की लिखावट के बारे में सिविलियन और गवर्नर की क्या राय थी?

उत्तर: महादेव भाई की सुंदर और त्रुटिहीन लिखावट देख बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर की राय यह थी कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में महादेव के समान अक्षर लिखने वाला खोजने पर भी नहीं मिलता।

शुक्र तारे के समान – दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर:

प्रश्न: लेखक ने महादेव के स्वभाव की तुलना किससे की है और क्यों?

उत्तर: लेखक ने महादेव के स्वभाव की तुलना उत्तर प्रदेश और बिहार में हजारों मील तक दूर-दूर गंगा-यमुना के समतल मैदानों से की है क्योंकि जिस प्रकार इन मैदानों में चलने से ठेस नहीं लगती, उसी प्रकार महादेव से मिलने वाले को प्रेम और अपनत्व की अनुभूति होती थी। महादेव के साथ हुई मुलाकात में लोगों को सहृदयता, विनम्रता होती थी। जैसे गंगा के मैदानी भागों में ‘कंकरी’ तक नहीं मिलती थी। उसी प्रकार महादेव के स्वभाव से किसी को ठेस नहीं पहुँचती थी।

प्रश्न: गांधी जी ‘यंग इंडिया’ के संपादक किस प्रकार बने?

उत्तर: शंकर लाल बैंकर, उम्मर सोबानी और जमनादास द्वारकादास-ये तीनों नेता मिलकर ‘यंग इंडिया’ नामक साप्ताहिक पत्र निकालते थे। इस अंग्रेजी साप्ताहिक में लेखन का मुख्य कार्य हार्नीमैन करते थे, जिन्हें काले पानी की सजा देकर इंग्लैंड भेजा जा चुका था। साप्ताहिक के लिए लेख की कमी होने पर ये नेता गांधी जी के पास आए और उनसे ‘यंग इंडिया’ का संपादक बनने का अनुरोध किया। गांधी जी उनका अनुरोध कर ‘यंग इंडिया’ के संपादक बन गए।

प्रश्न: काम में रात और दिन के बीच महादेव के लिए शायद ही कोई फर्क रहा हो-कथन के आलोक में उनकी व्यस्त जीवन शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: महादेव भाई समाचार-पत्र, मासिक-पत्र और पुस्तकें पढ़ते तथा ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ के लिए लेख लिखते। वे गांधी जी के साथ लगातार चलने वाली यात्राएँ करते। वे हर स्टेशन पर उपस्थित जनता का विशाल समुदाय, जगह-जगह आयोजित सभाएँ, लोगों से मुलाकातें, बैठकें और बातचीत करते। इनके बीच वे अपने लिए भी मुश्किल से समय निकाल पाते। इस प्रकार काम में उनके लिए दिन-रात बराबर था।

प्रश्न: महादेव भाई के चरित्र से आप कौन-कौन से मूल्य अपनाना चाहेंगे?

उत्तर: महादेव भाई के चरित्र में एक नहीं बहुत से मानवीय मूल्यों का संगम था जो उन्हें दूसरों से अलग तथा जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाए हुए था। उनके चरित्र से समय का नियोजन कर हर काम समय पर करने का गुण, अपने स्वभाव में नम्रता-विनम्रता, सहनशीलता, उदारता जैसे मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहूँगा। इसके अलावा देश-प्रेम की भावना तथा सेवा भावना जैसे मूल्य भी अपनाना चाहूँगा।

Check Also

CBSE Class 9 Computer Applications Syllabus 2024

CBSE Class 9 Computer Applications Syllabus 2024

CBSE Class 9 Computer Applications Syllabus 2024: The syllabus consists of four units: (i) Basics of …