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राम नवमी पर हिंदी निबंध

राम नवमी पर हिंदी निबंध स्कूली छात्र और छात्राओं के लिए

राम नवमी पर हिंदी निबंध: राम नवमी एक बहुत ही धार्मिक और पारंपरिक हिन्दू त्यौहार है। इस त्यौहार को पुरे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ हिन्दू लोग मनाते हैं। राम नवमी का पर्व अयोध्या के रजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र श्री राम के जन्म दिवस की ख़ुशी में मनाया जाता है।

श्री राम को भगवान विष्णु जी के 10 अवतारों में से 7वां अवतार माना जाता है। हिन्दू कलेंडर के अनुसार, प्रतिवर्ष रामनवमी का दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के 9वें दिन को माना जाता है इसीलिए इस दिन को चैत्र मास शुक्लपक्ष नवमी भी कहा जाता है।

राम नवमी पर हिंदी निबंध

लोग रामनवमी के दिन अपने घरों में भगवान श्री राम की मूर्ति बनाते हैं और उसके सामने बैठ कर अपने परिवार और जीवन की सुख-शांति की कामना करते हैं। इन दिनों राम मंदिरों को बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया जाता है।

राम नवमी के त्यौहार को 9 दिन तक मनाया जाता है। इन 9 दिनों में रामनवमी मनाने वाले सभी हिन्दू भक्त रामचरितमानस का अखंड पाठ करते हैं और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन, कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती की जाती है। ज्यादातार भक्त रामनवमी के 9 दिनों के प्रथम और अंतिम दिन पूरा दिन ब्रत रखते हैं।

दक्षिण भारतीय लोग रामनवमी के दिन को भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह सालगिराह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी दक्षिण भारतीय मंदिरों को फूलों और लाइट से रोशन कर दिया जाता है।

जबकी अयोध्या और मिथिला के लोग वाल्मीकि ऋषि के रामायण के अनुसार श्री राम और सीता का विवाह सालगिराह, विवाह पंचमी को मनाया जाता है। भारत में रामनवमी के उत्सव को मानाने के लिए विश्व भर से भक्त इस दिन अयोध्या, सीतामढ़ी, रामेश्वरम, भद्राचलम में जमा होते हैं।

कुछ जगहों जैसे अयोध्या, वाराणसी में तो गंगा में पवित्र स्नान के बाद भगवान् राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान प्रभु की रथ यात्रा भी निकाली जाती है।

इतिहास: राम नवमी पर हिंदी निबंध

रामायण हिन्दू धर्म का एक महान कथा है। यह कहानी अयोध्या के राजा दशरथ और उनके पुत्र राम की कहानी है। त्रेता युग में अयोध्या के एक महान राजा थे जिनका नाम था दशरथ, उनकी 3 पत्नियां थीं – कौशल्या, सुमित्रा, और कैकेयी। उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने ऋषि वशिष्ठ के पास संतान सुख का रास्ता पुछा।

ऋषि वशिस्ठ ने उन्हें संतान प्राप्ति के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाने का रास्ता बताया। उसके बाद राजा दशरथ ने महर्षि ऋष्यस्रिंग को यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया। यज्ञ के बाद उन्हें यज्ञनेश्वर ने पकट हो कर एक खीर से भरा कटोरा दिया और दशरथ को उनकी पत्नीयीं को खिलाने के लिए देने को कहा।

उनके आशीर्वाद से नवमी के दिन माता कौसल्या ने राम, कैकेयी ने भरत, और सुमित्रा ने दो पुत्र लक्ष्मण और शत्रुग्न को जन्म दिया। कौशल्या के पुत्र श्री राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे जिन्होंने अधर्म को समाप्त करने के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया था।

उन्होंने ने अधर्म को पृथ्वी से हटाया और रावण जैसे असुर को मार गिराया। अयोध्या के लोग श्री राम से बहुत खुश थे। वो उस दिन से श्री राम प्रभु के जन्म दिन को बहुत ही धूम-धाम से रामनवमी के नाम से मनाने लगे।

राम नवमी का महत्व:

हिन्दू लोगों के लिए राम नवमी त्यौहार का बहुत ही बड़ा महत्व है। कहा जाता है रामनवमी की पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी बुरी शक्तियां दूर होती हैं और दैवीय शक्ति मिलती है।

यह भी कहा जाता है जिस प्रकार विष्णु जी, श्री राम के अवतार में पृत्वी में आए और उन्होंने धरती में पाप और असुरों का संहार किया उसी प्रकार रामनवमी का ब्रत करने वाले लोगों के जीवन का पाप भी दूर हो जाता है। इस दिन को स्वयं को पवित्र करने का त्यौहार भी माना जाता है।

राम नवमी का त्यौहार की पूजा सबसे पहले सवेरे सूर्य देव को पानी चढ़ा कर शुरू होता है। कहा जाता है सूर्य देव, भगवान श्री राम के पूर्वज थे। उनकी पूजा की जाती है ताकि उनसे सर्वोच्च शक्ति का आशीर्वाद मिले।

जगह-जगह राम लीला का आयोजन किया जाता है जिसे देखने के लिए आस-पास के सभी लोग इक्कठा होते हैं। इससे लोगों को मन में धार्मिक भावना बढ़ता है और सकारात्मक सोच भी बढ़ता है।

राम नवमी का उत्सव:

दक्षिण भारत में राम नवमी को कल्यानोत्सवं के नाम से मनाया जाता है। इसका अर्थ होता है श्री राम और माता सीता का विवाह उत्सव। आखरी दिन में हिन्दू लोग भगवन राम सीता के मूर्तियों का सुन्दर शोभायात्रा होती हैं जिसमें बड़ी मात्र में श्रद्धालु भाग लेता हैं।

भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है जैसे महाराष्ट्र में रामनवमी को चैत्र नवरात्रि के नाम से मानते हैं, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू और कर्नाटक में इस दिन को वसंतोसवा के नाम से मनाया जाता है।

लोग अपने घरों में मिठाइयाँ, प्रसाद और शरबत पूजा के लिए तैयार करते हैं। हवन और कथा के साथ भक्ति संगीत, मंत्र के उच्चारण भी किये जाते हैं।

भक्त गण पुरे 9 दिन उपवास रखते हैं और रामायण महाकथा को सुनते हैं और कई जगह राम लीला के प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते।

निष्कर्ष:

इस लेख में आप राम नवमी पर हिंदी निबंध Essay on Ram Navami Festival in Hindi हिन्दी में पढ़ा। जिसमें हमने श्री राम के विषय में जानकारी, तथा इस उत्सव का इतिहास, महत्व, उत्सव के विषय में बताया है। आपको यह लेख कैसे लगा जरूर बताएं। जय श्री राम।

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