1971 से पूर्व बांग्लादेश का अस्तित्व ही नहीं था; आज हम जिसे बांग्लादेश कहते हैं, वह पूर्व पाकिस्तान कहलाता था। 1947 से पूर्व या कहें देश-विभाजन की त्रासदी से पहले वह भारत के एक प्रान्त बंगाल का हिस्सा था। 1947 में देश का विभाजन हुआ, पाकिस्तान बना, तो पूर्वी बंगाल …
Read More »एक नहीं दो दो मात्राएँ, नर से बढ़कर नारी: हिंदी निबंध
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की इन पंक्तियों में कवि ने व्याकरण की दृष्टि से नारी को नर की तुलना में अधिक बड़ा बताया है। नर शब्द में दोनों अक्षरों ‘न’ तथा ‘र’ में एक-एक मात्रा है जबकि नारी शब्द के न तथा र दोनों में दीर्घ मात्राएँ हैं। ह्रस्व छोटी मात्रा …
Read More »नारी का आभूषण सौन्दर्य नहीं, सौम्य गुण है: हिंदी निबंध
मनुष्य स्वभाव से सौन्दर्य-प्रेमी होता है। पुरुष और नारी दोनों चाहते हैं कि उनका रूप-रंग, व्यक्तित्व दूसरों को मोहने वाला हो, उनके सम्पर्क में आनेवाले उनके प्रति आकर्षण अनुभव करें। अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए जिन उपायों का आश्रय लेते हैं उनमें एक है साज-सज्जा, श्रृंगार और अलंकरण। …
Read More »कश्मीर समस्या पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
आज की कश्मीर समस्या को जानने और समझने के लिए हमें इतिहास में कुछ पीछे जाना होगा। 1947 में जब गांधी जी के ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज की स्थापना तथा अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों ने ब्रिटिश शासन को बाध्य कर दिया कि वे भारत को …
Read More »मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना: विद्यार्थियों के लिए हिंदी निबंध
मजहब उर्दू का शब्द है जिसका हिंदी पर्याय है धर्म। हमारे यहाँ धर्म की परिभाषा की गई है जो धारण करता है वह धर्म है। धारण करने से तात्पर्य है सहारा देना, रक्षा करना। धर्मशास्त्रों, नितिग्रन्थों में जो जीवन जीने का मार्ग, नीति-नियम बनाये गये हैं, आत्मा को, मन को …
Read More »भारत और साम्प्रदायिकता की समस्या पर निबंध
सम्प्रदाय का सामान्य अर्थ है एक ऐसा वर्ग, जन-समूह जिसका रहन-सहन, जीवन-पद्धति, धार्मिक विश्वास, पूजा-अर्चना की पद्धति, रीति-रिवाज एक समान हों। सम्प्रदाय का मुख्य आधार है धार्मिक विश्वास, आस्था, पूजा-उपासना की पद्धति। हिन्दू भगवान के विभिन्न रूपों देवी-देवताओं में विश्वास रखते हैं, मूर्ति-पूजक हैं। मुसलमान एक ईश्वर में आस्था रखते …
Read More »वृक्ष की आत्मकथा पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
संस्कृत और हिन्दी के अनेक सुभाषितों में परोपकार की महिमा गयी है – ‘परोपकाराय सत्तां विभूतयः‘,’पर हित सरिस धर्म नहिं भाई‘ ऐसी ही उक्तियाँ हैं। इनमें कहा गया है कि नदियाँ अपना जल नहीं पीतीं, दूसरों की प्यास बुझाती हैं, रत्नगर्भा पृथ्वी अपने रत्न और अन्य धातुएँ दूसरों के उपयोग …
Read More »भारत-अमेरिका सम्बन्ध पर विद्यार्थियों के लिए हिंदी निबंध
भारत और अमेरिका में अनेक समानताएँ हैं। दोनों में प्रजातंत्रात्मक शासन-व्यवस्था है। भारत और अमेरिका विश्व के सबसे बड़े दो जनतंत्र माने जाते हैं। दोनों में व्यक्ति-स्वातंत्र्य को महत्त्व दिया जाता है, दोनों की अर्थ-नीति भी लगभग एक समान है। अमेरिका पूँजीवाद का समर्थक है, आज भारत भी समाजिक अर्थनीति …
Read More »सुबह की सैर पर निबंध विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
हमारे शास्त्र-ग्रन्थों में ब्रह्ममुहूर्त की महिमा का वर्णन किया गया है। हमारे ऋषि-मुनि ब्रह्ममुहूर्त में उठकर शौचादि से निवृत्त होकर पवित्र जल में स्नान कर ईश्वर का चिन्तन-मनन, यज्ञ, हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान किया करते थे। वैद्य, डाक्टर, हकीम भी ब्रह्ममुहूर्त में उठकर व्यायाम करने का परामर्श देते हैं। अंग्रेजी …
Read More »स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है अथवा अच्छा स्वास्थ्य: महा वरदान – निबंध
बहुप्रचलित कहावत है: पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में हो माया। अर्थात् जीवन को सुखी बनाने के लिए स्वस्थ शरीर और धन या सम्पत्ति आवश्यक हैं। इनमें भी धन की तुलना में स्वास्थ्य का महत्त्व अधिक है क्योंकि शरीर स्वस्थ होने पर ही हम जीवन में कुछ कर …
Read More »