Thursday , November 21 2024

Essays in Hindi

युद्ध: अभिशाप या वरदान पर निबंध छात्रों के लिए

Kargil War

मनुष्य स्वभाव से स्वार्थी, महत्वाकांक्षी और अहंकारी होता है। वह स्वयं को, अपने विचारों और सिद्धान्तों को अन्यों की तुलना में श्रेष्ठ मानता है। ईर्ष्या, द्वेष, वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा और दूसरों से स्वयं को अधिक शक्तिशाली दिखाने की प्रवृत्ति भी मनुष्य में होती है। ये सब आसुरी भाव हैं जिनका सम्बन्ध …

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नेताजी चुनाव से पूर्व और चुनाव के बाद: निबंध

Politician

नेताजी शब्द का प्रयोग स्वतंत्रता से पूर्व उस देशभक्त के लिए किया जाता था जो अपना स्वार्थ, अपनी सुख-सुविधा त्यागकर, अपने परिवार की चिन्ता न कर, अपने प्राणों की पपरवाह न कर देश को स्वतंत्र करने के लिए अपना सर्वस्व त्यागने के लिए तत्पर रहता था। वे चरित्रवान्, निष्ठावान्, देश …

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युद्ध और शान्ति पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

Peace Sign

मनुष्य के बाह्य क्रिया-कलाप उसकी आन्तरिक भावनाओं के ही प्रतिरूप और परिणाम होते हैं। जब मनुष्य के हृदय में सतोगुण का उदय होता है, सद्विचार और पावन भावनाओं का संचार होता है तो वह सुकर्म करता है, ऐसे कार्य करता है जिनसे मानवजाति का भला हो, विश्व में शान्ति, सुख, …

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निःशस्त्रीकरण पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

Say No To War

प्रथम महायुद्ध (1914-1918) में हुए नर-संहार, जन-धन की क्षति, विध्वंस और विनाश को देखकर सभी चिन्तित हो उठे और ऐसे प्रलयंकारी युद्ध की पुनरावृत्ति न हो इस उद्देश्य से लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की गयी। परंतु बीस-इक्कीस वर्ष बाद ही कुछ महत्वाकांक्षी, सैन्य शक्ति के मद में अंधे राष्ट्रों-विशेषतः …

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अणु बम की भयावहता एवं भारत की परमाणु नीति

भारत की परमाणु नीति

द्वितीय महायुद्ध के अन्तिम चरण में सन् 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के नगरों हिरोशिमा और नागासाकी पर अणु बम गिराने से जो वहाँ की दुर्दशा हुई, उससे अणु बम के विनाशकारी प्रभाव का, मानव जाती के समाप्त होने का खतरा जगजाहिर हो गया। उस दुर्घटना के कारण हजारों लोग …

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भारत की विदेश नीति पर हिंदी निबंध

India

यातायात के साधनों और संचार-सुविधाओं के परिणामस्वरूप अब विश्व के विभिन्न देशों और राष्ट्रों के बीच की दूरियाँ बहुत कम हो गयी हैं। राजनितिक, औद्योगिक, आर्थिक आदि कारणों से भी विभिन्न देशों का एक दूसरे के निकट आना, परस्पर सहयोग के मार्ग पर चलना आवश्यक हो गया है। प्रत्येक स्वतंत्र …

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प्रजातंत्र बनाम तानाशाही पर हिंदी निबंध

Democracy

प्रजातंत्र और तानाशाही एक दूसरे की विरोधी अवधारणाएँ हैं; उनका सम्बन्ध 3 और 6 का है। उनकी संरचना, उनका उद्देश्य, उनकी कार्यप्रणाली, कार्यकलाप सर्वथा विपरीत होते हैं। प्रजातंत्र को लोकतंत्र, गनतंत्र, जनतंत्र भी कहा जाता हैं। इसी प्रकार तानाशाही का दूसरी नाम है एकतंत्र। लोकतंत्र या प्रजातंत्र में जनता अपने …

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जनतंत्र शासन-प्रणाली: गुण और दोष पर निबंध

Democracy

विश्व का राजनितिक इतिहास बताता है कि संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कालों में शासन की अनेक प्रणालियाँ प्रचलित रही हैं। सबसे प्राचीन प्रणाली राजतंत्र है जिसके अन्तर्गत राजा प्रजा पर राज्य करता था। वह अपने मंत्रियों की सहायता से राज्य-कार्य करता था तथा सेना और सेनापतियों के बाहुबल, …

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विश्व शान्ति और भारत पर हिंदी निबंध

Peace

भारत की जलवायु, भूगोल, प्राकृतिक परिवेश, यहाँ की उर्वरा भूमि, स्वच्छ जल के सरोवर और नदियाँ, वन तथा पर्वतों ने यहाँ के रहनेवालों को आत्म-निरक्षण, आत्म-चिंतन, मनन, ध्यान, योग-साधना के लिए अवसर प्रदान किया। धन-धान्य, खद्यान्न से सम्पन्न यहाँ के निवासी आत्म-निर्भर थे। अध्यात्म-चिंतन ने उन्हें आत्म-संतोष, अपरिग्रह का पाठ …

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गुरु गोविंद सिंह पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

गुरु गोविंद सिंह पर निबंध विद्यार्थियों के लिए

सिक्खों के दसवें धार्मिक गुरु तथा खालसा के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह एक महान तेजस्वी और शूरवीर नेता थे। सन् 1699 में बैशाखी के दिन उन्होने खालसा पन्थ की स्थापना की, जो सिक्खों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। विचित्र नाटक को उनकी आत्मकथा माना जाता है।यही उनके जीवन …

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