कुर्सी का सामान्य अर्थ है लकड़ी, लोहे-इस्पात, प्लास्टिक की बनी पीठिका या आसन जिस पर बैठकर व्यक्ति काम करता है: पढ़ता-लिखता है, कार्यालय में बैठकर काम करता है। आराम कुर्सी पर बैठ कर आराम भी किया जाता है। परन्तु कुर्सी का लाक्षणिक अर्थ है सत्ता, प्रभुता। जिसे प्राचीन समय में …
Read More »लोकतंत्र में विरोधी दलों का महत्त्व तथा भूमिका: भारतीय सन्दर्भ
लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन है। उसमें जनता द्वा रा चुने गये प्रतिनिधि शासन की बागडोर सँभालते हैं और एक निश्चित कालाविधि प्रायः पाँच वर्ष तक देश की उन्नति और विकास का भार उनके कंधों पर होता है। चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ है। प्रत्येक देश …
Read More »भारत में लोकतंत्र और चुनाव पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
लोकतंत्र के सम्बन्ध में बहुप्रचलित एवं बहुउद्धृत कथन है – जनता की, जनता द्वारा, जनता के हित के लिए बनायी गयी शासन-व्यवस्था। और स्पष्ट शब्दों में कहें तो वह शासन-व्यवस्था जिसका संचालन जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि जनता के हित-कल्याण के लिए करें। इस परिभाषा में बातें स्पष्ट हैं: जनता …
Read More »भारत में प्रजातंत्र का भविष्य पर हिंदी निबंध
15 अगस्त 1947 तक भारत परतंत्र था, उस पर साम्राज्यवादी ब्रिटिश शासकों का आधिपत्य था। गांधी जी के नेतृत्व में हमने आजादी के लिए विदेशी शासकों के साथ संघर्ष किया और अन्ततः उन्हें देश छोड़ने के लिए विवश किया। देश की सार्वभौम स्वायत्तता की घोषणा करनेवाला संविधान बना और 26 …
Read More »भारत में लोकतंत्र की सफलता और सार्थकता पर निबंध
भारत में लोकतंत्र पर निबंध संसार के विभन्न देशों में शासन करने की, अनेक प्रणालियाँ हैं, शासन-तंत्र के अनेक स्वरूप हैं जैसे जनतंत्र, एकेतंत्र या तानाशाही, साम्यवादी समाजतंत्र, प्रजातंत्र आदि। इन पद्दतियों में सब से अधिक अपनायी जानेवाली तथा जनहितकारी शासन-पद्धति प्रजातंत्र मानी गयी है। इसके अन्य नाम हैं लोकतंत्र, …
Read More »जन्माष्टमी पर निबंध विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
जन्माष्टमी निबंध [1] सभी जातियां अपने महापुरुषों का जन्म दिवस (जन्माष्टमी) बड़ी धूमधाम से मनाती आई हैं। हिन्दुओं के महापुरुष भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म दिवस / जन्माष्टमी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। कृष्ण के भक्त उनका जन्म दिवस सहस्त्रों वर्षों से मनाते आ रहे हैं। वर्तमान …
Read More »दुर्गा पूजा पर निबंध विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दुर्गा पूजा पर निबंध बंगाल के रहनेवालों तथा बंगाल संस्कृति में जितनी श्रद्धा-भक्ति की पात्र शक्ति, दश भुजा धारिणी, सिंहवाहिनी, महिषासुर मर्दिनी देवी दुर्गा हैं, उतना कोई अन्य देवी – देवता नहीं। देवी दुर्गा का ही एक रूप है – काली या काली माँ। बंगाल की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती …
Read More »मित्रता पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
किसी अनुभवी व्यक्ति ने इस संसार को गोरख-धन्धा ठीक ही बताया है। जिस प्रकार पुरुष के भाग्य और स्त्री के चरित्र को समझना देवताओं तक के लिए कठिन है: “पुरुषस्य भाग्यं नारी चरित्रं देवो न जानाति कुतोः मनुष्यः” उसी प्रकार इस संसार की गति को समझना दुष्कर है। कविवर जायसी …
Read More »मेरा प्रिय मित्र पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे जीवन में एक ऐसा साथी चाहिए जिससे वह अपने मन की बात कह सके, अपनी समस्या बताकर उससे परमर्श कर उसका समाधान खोज सके। अनुभव बताता है कि दुःख दोनों में लाभकारी होता है। जीवन-संगिनी तो जीवन-भर साथ देती ही है, सच्चा मित्र भी …
Read More »मुंशी प्रेमचंद: मेरा प्रिय लेखक पर विद्यार्थियों के लिए निबंध
अजाबराय के पुत्र नवाबराय, जो बाद में मुंशी प्रेमचन्द के नाम से विख्यात हुए और जिनके विपुल कथा-साहित्य ने भारती के भण्डार को समृद्ध किया तथा उसे नयी दिशा दी का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस से चार मील दूर लमही नामक गाँव में हुआ था। कायस्थ परिवार की …
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