प्रथम महायुद्ध (1914-1918) में हुए नर-संहार, जन-धन की क्षति, विध्वंस और विनाश को देखकर सभी चिन्तित हो उठे और ऐसे प्रलयंकारी युद्ध की पुनरावृत्ति न हो इस उद्देश्य से लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की गयी। परंतु बीस-इक्कीस वर्ष बाद ही कुछ महत्वाकांक्षी, सैन्य शक्ति के मद में अंधे राष्ट्रों-विशेषतः …
Read More »अणु बम की भयावहता एवं भारत की परमाणु नीति
द्वितीय महायुद्ध के अन्तिम चरण में सन् 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के नगरों हिरोशिमा और नागासाकी पर अणु बम गिराने से जो वहाँ की दुर्दशा हुई, उससे अणु बम के विनाशकारी प्रभाव का, मानव जाती के समाप्त होने का खतरा जगजाहिर हो गया। उस दुर्घटना के कारण हजारों लोग …
Read More »भारत की विदेश नीति पर हिंदी निबंध
यातायात के साधनों और संचार-सुविधाओं के परिणामस्वरूप अब विश्व के विभिन्न देशों और राष्ट्रों के बीच की दूरियाँ बहुत कम हो गयी हैं। राजनितिक, औद्योगिक, आर्थिक आदि कारणों से भी विभिन्न देशों का एक दूसरे के निकट आना, परस्पर सहयोग के मार्ग पर चलना आवश्यक हो गया है। प्रत्येक स्वतंत्र …
Read More »प्रजातंत्र बनाम तानाशाही पर हिंदी निबंध
प्रजातंत्र और तानाशाही एक दूसरे की विरोधी अवधारणाएँ हैं; उनका सम्बन्ध 3 और 6 का है। उनकी संरचना, उनका उद्देश्य, उनकी कार्यप्रणाली, कार्यकलाप सर्वथा विपरीत होते हैं। प्रजातंत्र को लोकतंत्र, गनतंत्र, जनतंत्र भी कहा जाता हैं। इसी प्रकार तानाशाही का दूसरी नाम है एकतंत्र। लोकतंत्र या प्रजातंत्र में जनता अपने …
Read More »जनतंत्र शासन-प्रणाली: गुण और दोष पर निबंध
विश्व का राजनितिक इतिहास बताता है कि संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कालों में शासन की अनेक प्रणालियाँ प्रचलित रही हैं। सबसे प्राचीन प्रणाली राजतंत्र है जिसके अन्तर्गत राजा प्रजा पर राज्य करता था। वह अपने मंत्रियों की सहायता से राज्य-कार्य करता था तथा सेना और सेनापतियों के बाहुबल, …
Read More »विश्व शान्ति और भारत पर हिंदी निबंध
भारत की जलवायु, भूगोल, प्राकृतिक परिवेश, यहाँ की उर्वरा भूमि, स्वच्छ जल के सरोवर और नदियाँ, वन तथा पर्वतों ने यहाँ के रहनेवालों को आत्म-निरक्षण, आत्म-चिंतन, मनन, ध्यान, योग-साधना के लिए अवसर प्रदान किया। धन-धान्य, खद्यान्न से सम्पन्न यहाँ के निवासी आत्म-निर्भर थे। अध्यात्म-चिंतन ने उन्हें आत्म-संतोष, अपरिग्रह का पाठ …
Read More »स्वामी विवेकानंद पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
भारत वर्ष में नवजागरण का शंखनाद करने वाले महापुरुषों में स्वामी विवेकानंद का अद्वितीय स्थान है। स्वामी जी का जन्म 1863 ईस्वी में हुआ उनका जन्म नाम नरेन्द्रनाथ था। स्वामी जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और उच्च विचार सम्पन्न थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई। सन् 1884 …
Read More »शिक्षा का माध्यम पर हिन्दी निबंध
शिक्षा के माध्यम से तात्पर्य है वह भाषा जिसमें शिक्षार्थी को शिक्षा दी जाये, जिसमें लिखी हुई पुस्तकों का अध्ययन उसे करना पड़े। शिक्षा का आरम्भ बचपन से ही हो जाता है। पाँच – छः वर्ष की आयु का बालक नर्सरी स्कूल या प्राथमिक पाठशाला में जाने लगता है। ब्रिटिश …
Read More »Chhath Puja English Essay for students
On this day, the god Sun is worshiped for well-being, progress and prosperity of the humanity. The God Sun is also considered as the god of power, energy, and life-force. Chhath Puja is also known as Dala Chhath, Surya Shashti, and Chhathi. On this festival, people worship the God Sun …
Read More »शिक्षा का महत्व पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
“तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात् अधंकार से मुझे प्रकाश की ओर ले जाओ – यह प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल स्तम्भ है। प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है, अन्धकार में नहीं। प्रकाश से यहाँ तात्पर्य ज्ञान से है। ज्ञान से व्यक्ति का अंधकार नष्ट होता है। उसका वर्तमान और …
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