क्रिकेट इंग्लैण्ड से भारत में आया। अंग्रेज शासक भारतीय नवाबों और शासकों का ध्यान राजसत्ता से हटाने के लिए इस खेल को भारत में लाए जिससे ये शासक इस खेल में व्यस्त रहे और राजकार्य की और अधिक ध्यान न दे सकें। तब से आज तक इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
क्रिकेट मैच दो तरह के होते हैं। प्रथम – एक दिवसीय मैच और दूसरा पांच दिवसीय मैच। एक दिवसीय मैच में दोनों टीमें निश्चित ओवर फेंकती हैं और खेलती हैं। निर्णय भी उसी दिन हो जाता है। पांच दिवसीय मैच लम्बा चलता है। ओवरों की संख्या अनिश्चित होती है। मैच हार-जीत के निर्णय के बिना भी समाप्त हो जाता है।
क्रिकेट भारत, पाकिस्तान, इंग्लैण्ड, वेस्ट इंडीज, श्रीलंका, दक्षिण-अफ्रीका, न्यूजीलैंड आदि देशों में अत्यधिक लोकप्रिय है। इस खेल में अमीर-गरीब, नेता-अभिनेता, विद्यार्थी, कर्मचारी, अफसर, नर-नारी सभी रुचि रखते हैं। लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग सड़कों पर चलते हुए और यात्रा करते समय ट्रांजिस्टर कानों पर लगाए रहते हैं। स्कोर जानने के लिए रेडियों और टी.वी. के पास ही खड़े रहते हैं। टिकटों के लिए लोग लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े हुए दिखाई देते हैं।
क्रिकेट का मुकाबला दो टीमों के बीच होता है। दोनों टीमों में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। दो एम्पायर हरेते हैं, जो निर्णायक का काम करते हैं। खेलने के लिए मैदान बड़ा, समतल और साफ सुथरा होना चाहिए। पिच के दोनों तरफ तीन-तीन विकटें गड़ी होती हैं उनकी दूरी 22 गज होती है। गेंद और बल्ला (बैट) आवश्यक होते हैं। खेल का मैच टोस से प्रारम्भ होता है। दोनों टीमों के कप्तान को बुलाकर टॉस किया जाता है। जो कप्तान जीतता है उसकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वह पहले खेले या गेंदबाजी करे। मैच प्रारम्भ होते ही गेंदबाजी करने वाली टीम के ग्यारह खिलाड़ी और खेलने वाली टीम के दो खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं। गेंदबाज हर ओवर में छ: गेंद फेंकता है। आक्रामक गेंद (बाउंसर) फेंकने पर टीम को एक अतिरिक्त रन और एक अतिरिक्त गेंद खेलने को मिलती है। जिस ओवर में कोई रन नहीं बनता उसे ‘मेडन ओवर’ कहा जाता है। गेंदबाज तीन गेंदों पर लगातार तीन विकट ले तो उसे ‘हैट ट्रिक’ कहा जाता है। खिलाड़ी छक्का लगाए ता निर्णायक (एम्पायर) दोनों हाथ ऊपर की ओर खड़े कर देता है। चौका लगाए तो हाथ को आगे की ओर घुमाता है और आउट होने पर हाथ उठाकर एक अगुंली खड़ी कर देता है। निर्णायक के निर्णय का विरोध कोई खिलाड़ी नहीं करता। उसका निर्णय सब को मान्य होता है। रनों की गिनती करने के लिए एक स्कोर बोर्ड भी होता है जो रनों की सही-सही स्थिति बताता है। एक खिलाड़ी के आउट हो जाने पर दूसरा खिलाड़ी मैदान में पहुँच जाता है। दस खिलाड़ियों के आउट होने तक यही क्रम चलता रहता है। फिर दूसरी टीम खेलती है। आजकल एक दिवसीय मैच की लोकप्रियता सर्वाधिक है।
क्रिकेट में खिलाड़ी को हर समय चौकन्ना, चुस्त, एकाग्र और सावधान रहना चाहिए। जीतने के लिए अन्तिम क्षण तक संघर्ष करना चाहिए।
हमारे देश में रणजी ट्राफी, ईरानी कप आदि के लिए भी क्रिकेट मैच होते हैं। भारतीय टीम ने 1983 का वर्ल्ड कप जीतकर अपनी श्रेष्ठता दिखाई थी। क्रिकेट के खेल जगत में कई कीर्तिमान बने और कई टूटे हैं। सुनील गावस्कर ने डॉन ब्रडमन का और कपिल देव ने सर रिचर्ड हैडली के कीर्तिमान को तोड़कर क्रिकेट इतिहास में आपना नाम सबसे ऊपर लिखवा लिया है।