कुत्ता एक चौपाया पशु है। इस की दो आंखे, दो कान और पूँछ होती है। कुत्ते कई रंग के होते हैं। इसका आकार भी भिन्न-भिन्न होता है। कुछ खरगोश जैसे छोटे और कुछ बकरे से बड़े-बड़े। रईस लोग घर रखवाली के लिए कुत्ते पालते हैं। दरवाजे की घंटी बजते की कुत्ता सावधान हो जाता है और अजनबी आदमी को देखकर भौंकने लगता है। रात में किसी चोर की आहट पाकर भौंकते ही पड़ोसी भी सावधान हो जाते हैं और चोर भागने पर मजबूर हो जाता है या कभी-कभी पकड़ भी लिया जाता है।
घर के पालतू कुत्तों की तो उनके मालिक देखभाल रखते हैं। उन्हें जंजीर में बांधकर रखा जाता है। समय पर नहलाते धुलाते और खिलाते हैं, पर गलियों में आवारा घूमने वाले कुत्तों की एक बड़ी संख्या होती है। ये कुत्ते अहार की तलाश में दर-दर भटकते हैं। उन्हें कहीं टुकड़ा मिलता है तो कहीं से मार कर भगा दिये जाते हैं। ये कुत्ते सर्दी गर्मी और बरसात में मारे-मारे फिरते हैं। कभी-कभी कमेटी वाले ऐसे कुत्तों को पकड़ कर ले जाते हैं।
कुत्ता यद्यपि बड़ा लाभदायक जानवर है, पर पागल होने पर बड़ा खतरनाक हो जाता है।उसके काटने पर इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य हो जाता है। ऐसा न होने पर व्यक्ति के पागल हो जाने की आशंका बनी रहती है।
घुमंतू जाति के लोग सदैव अपने साथ कुत्ते रखते हैं। उनमें शिकारी कुत्ते भी होते हैं। इनके मालिक छोटे-छोटे जंगली जानवरों का शिकार करने में इन कुत्तों का प्रयोग करते हैं।
कुत्तों की स्वामिभक्ति की अनेक कथाएं हमें पुस्तकों में पढ़ने को मिलती हैं। महाराज युधिष्ठिर को तो स्वर्ग तक ले जाने वाला कुत्ता ही था। हमें पालतू कुत्तों की भली प्रकार देख-भाल करनी चाहिए। साथ ही अपरिचित कुत्तों से अपनी रक्षा करनी भी जरूरी है। उसके भौंकते ही हमें सावधान हो जाना चाहिए और अपना बचाव करना चाहिए।