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कर्नाटक राज्य पर हिंदी निबंध: कर्नाटक राज्योत्सव दिवस

कर्नाटक राज्य पर हिंदी निबंध: कर्नाटक राज्योत्सव दिवस

कर्नाटक राज्य पर हिंदी निबंध: हमारा देश एक विशाल देश है। इसमे 28 राज्य है। जो अपनी अपनी खासियत के लिए काफी प्रसिद्ध है। उन्ही में से एक राज्य है कर्नाटक। आज के आर्टिकल में हम कर्नाटक के बारे में निबंध पढेंगे।

कर्नाटक भारत का एक सुन्दर तथा विशाल राज्य है। जो अपनी कृषि तथा उत्पादों के लिए काफी प्रसिद्ध है। भारत का ये राज्य कृषियोग्य राज्यों में से एक है। यहाँ के अधिंकाश लोगो की आमदनी कृषि ही है।

कर्नाटक राज्य पर हिंदी निबंध: कर्नाटक राज्योत्सव दिवस

कर्नाटक राज्य का को महान राज्य कहते है। क्योकि कर्नाटक शब्द का अर्थ महा राज्य ही होता है। और वास्तव में ये एक महान राज्य है। जहा हर सुविधा मिलती है।

कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर है। जो कर्नाटक का सबसे श्रेष्ठ शहर है। कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर आईपीएल का टीम भी है। जिसका पूरा नाम रॉयल चेलेंजर बैंगलोर है।

कर्नाटक की राजभाषा कन्नड़ है। यहाँ के अधिकांश लोग कन्नड़ ही बोलते है। पर कई लोग उर्दू, तमिल, तेलगु, हिंदी और अंग्रेजी भाषा भी बोलते है।

यहाँ का लोकनृत्य ‘यक्षगान’ और ‘गुल्लू कुनिथा’ है, जो यहाँ पर होने वाले कार्यक्रम या विवाह में बड़ी धूमधाम के साथ किया जाता है। ये नृत्य यहाँ का सबसे लोगप्रिय नृत्य है।

कर्नाटक का लोकगीत कर्णाटीक संगीत है, जो भारतीय संगीत तथा विरासत का को सहारा देती है। यहाँ का लोकगीत पुरे भारत में प्रसिद्ध है। कर्णाटक से अनेक संगीतकार हुए है। चित्रवीणा कर्नाटक का प्रसिद्ध वाद्ययंत्र है। जिसका उपयोग हर भारतीय संगीतकार करता है।

कर्नाटक का भोजन बहुत प्रसिद्ध है, यहाँ डोसा, इडली, सांभर के साथ साथ चावल भी खाए जाते है। तथा दही, नारियल, इमली एंव टमाटर को मिलाकर भोजन किया जाता है, जो काफी स्वादिष्ट होता है।

भारत के दक्षिणतम हिस्से में बसे इस प्रदेश की संस्कृति, प्रकृति तथा ऐतिहासिक धरोहर इसे सबसे अलग राज्य बनाती है। इस राज्य का नाम आजादी से पूर्व मैसूर हुआ करता था। पर राज्य नामकरण करने पर 1973 में इसका नाम मैसूर से कर्नाटक कर दिया।

1 नवम्बर 1956 को कर्नाटक भारत का एक राज्य बना। इसकी राजधानी बैंगलोर को बनाया गया। जो इसकी आन बाण शान है। बैंगलोर कर्नाटक का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल है।

कर्नाटक में अनेक पर्यटन स्थल है। जिनमे बेंगलुरु, हम्पी, मैसूर, मदिकेरी, वयनाड, मैसूर पैलेस, लालबाग बोटैनिकल गार्डन, बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क, श्री विरूपाक्ष टेम्पल तथा बेंगलुरु पैलेस प्रमुख है।

भारत के इस राज्य का क्षेत्रफल 191,791 किलोमीटर है। जहाँ इसकी जनसंख्या लगभग 7 करोड़ है। कर्नाटक की कार्यकारी शाखा बैंगलोर में स्थित है।

कर्नाटक राज्य पश्चिम में अरब सागर उत्तर-पश्चिम में गोवा, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंद्रप्रदेश, दक्षिण पूर्व में तमिलनाडु तथा दक्षिण में केरल से जुड़ा हुआ है।

कर्नाटक में वर्तमान में 30 जिले है। तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से कर्नाटक भारत का छठा सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ की सबसे बड़ी नदिया कावेरी, तुंगभद्रा, कृष्णा, मलय प्रभा तथा शरावती है।

कर्नाटक में अनेक पहाड़ है। पर यहाँ का सबसे श्रेष्ठ तथा ऊँचा शिखर चिकमंगालूर जिले में स्थित मुल्लयन गिरी पर्वत है। जो यहाँ का सबसे बेहतर पर्वत है।

इस राज्य को भोगोलिक रूप से चार भागो में बांटा गया है। जिसमे पहला समुद्र तटीय क्षेत्र, दूसरा मलमाड़, तीसरा उत्तरी मैदान और चौथा दक्षिणी मैदान है। जो इसे चार भागो में विभाजित करता है।

कर्नाटक को कर्णाटक भी कहते है। कर्नाटक की वेशभूषा सिल्क साड़ी और धोती है, जो यहाँ की पहचान है। इस राज्य में लगभग 70 प्रतिशत लोग कन्नड़ भाषा बोलते है।

कर्नाटक अनेक विचारको, दार्शनिको, भाट, कवियों, लेखको, सामाजिक, साहित्यिक, ऋषि मुनियों तथा समाज सुधारको की भूमि है। इस भूमि से अनेक क्रिकेटरो ने जन्म लिया है।

कर्नाटक का राज्य पशु हाथी है। इसलिए यहाँ हाथी बहुयात संख्या में पाए जाते है। हाथी के साथ साथ यहाँ भेड़ बकरी तथा गाय भैंस आदि का पालन भी किया जाता है। यहाँ का राज्य पक्षी नीलकंठ है।

कर्नाटक का राज्य वृक्ष चंदन की लकड़ी है। जिसे आज सोने से भी महँगी मानी जाती है। पर यहाँ पर चन्दन के वृक्ष भी देखने को मिलते है। तथा सागौन, शीशम और काजूरीना आदि वृक्ष भी यहाँ देखे जा सकते है।

आज हमारे देश की जनसँख्या लगातर बढ़ रही है। जिस कारण हमारे देश में परिवार नियोजन की प्रक्रिया का सहारा लिया जा रहा है। परिवार नियोजन का भारत का पहला कल्ब कर्नाटक में ही खोला गया था।

कर्नाटक में सबसे 70 प्रतिशत लोग खेती करते है। यहाँ की अधिकांश भूमि कृषि योग्य है। यहाँ पर उच्च वर्षा होती है। पर कुछ क्षेत्रो में कम वर्षा भी होती है, जहा पर सिंचाई से खेती की जाती है।

कर्नाटक की प्रमुख नदियाँ कृष्णा, कावेरी और काली नदी है। जिनमे हर समय जल पर्याप्त रहता है। इन नदियों से ही यहाँ के लोग सिंचाई करते है। तथा घरेलु जरूरतों में उपयोग करते है।

कर्नाटक में 2 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई हड्डे भी है, जिसमे एक बैंगलोर तथा दूसरा मंगलोर में स्थित है। यहाँ मेट्रो रेल की सुविधा भी है। तथा कुल 3 हजार से भी ज्यादा लम्बाई तक रेल नेट्वर्क विद्यमान है।

हमारे देश में सबसे लोगप्रिय पेय पदार्थ कोपी का 70 प्रतिशत उत्पादन कर्नाटक में होता है। तथा सबसे ज्यादा तिलहन उत्पादन में कर्नाटक देश का पांचवा राज्य है।

कर्नाटक की विधानमंडल

  • 75 विधान परिषद् के सदस्य
  • 225 विधानसभा सीटे
  • 12 राज्य सभा सीटें
  • 28 लोकसभा सीटें

कर्नाटक के बंदरगाह

  • न्यू मंगलौर पोर्ट
  • पुराना मैंगलोर पोर्ट
  • बेलेर्की बंदरगाह
  • ताड़ी बंदरगाह
  • होन्नावर बंदरगाह
  • भटकल बंदरगाह
  • कुंडापुरा (गंगोली) बंदरगाह
  • हैंगरकट्टा बंदरगाह
  • मालपे बंदरगाह
  • पदुबिद्री बंदरगाह
  • अंतर्देशीय जल परिवहन

कर्नाटक के प्रसिद्ध मंदिर

  • कोल्लूर मुकाम्बिका मंदिर
  • उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर
  • धर्मस्थल मंजुनाथ मंदिर
  • गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर
  • मुरुदेश्वर मंदिर
  • कुके सुब्रमण्यम मंदिर
  • होरानुडू अन्नपूर्णाश्वरी मंदिर
  • गुड़गट्टू महागानापति मंदिर

कर्नाटक यात्रा का सबसे बेहतर स्थल है। यहाँ की सिनेमा होल तथा प्राकृतिक वातावरण देखने लायक है। कर्नाटक भारत का प्रमुख राज्य है। यहाँ का वातावरण शांति का प्रतिक है।

कर्नाटक में मकर सक्रांति से लेकर दशहरा तक सभी त्योहारों को बड़ी धूमधाम के साथ मनाए जाते है। इस राज्य में अनेक धर्मो के लोग रहते है, पर सभी समानता के साथ जीते है।

कर्नाटक का इतिहास History of Karnataka

भारत के इस दक्षिणी राज्य का इतिहास पिछले दो हजार साल का लिखित साक्ष्य के रूप में मिलता है। इस राज्य पर सबसे पहले नन्द फिर मौर्य और सातवाहन ने इस पर राज किये जाने का वर्णन मिलता है। इस राज्य में पीलेओलिथिक संस्कृति काफी प्रचलित हुआ करती थी।

आदिम निवासी लोग धातु की कुल्हाड़ी अपने पास रखते थे। यहाँ से ही इसका निर्माण किया जाता था। यह दक्षिणी राज्य है, पर इस पर शासन उत्तरी भारत के शासको ने किया था। यहाँ कांची के पल्लवों ने भी शासन किया उनके शासनकाल को वहा के स्थानीय बनवासियो ने किया।

कर्नाटक में कदम्ब राजवंश की स्थापना मयुर्शर्मन ब्राह्मण द्वारा किया गया। कदम्ब राजवंश वालो ने पल्लवों से अपमान सहन किया जिस कारण उन्होंने पल्लवों के खिलाफ विद्रोह करने का फैसला किया।

इनके साथ एक शक्तिशाली शासक भी था, जिसके आतंक को देखकर बड़े बड़े राजवंशो ने उनके साथ सम्बन्ध स्थापित किये जिसमे गुप्त वंश ने वैवाहिक सम्बन्ध बना दिया। यह शासक ककुस्थ वर्मन था, माना जाता है, कि जिसके दरबार में कालिदास जी भी गए थे।

गंगा ने 350 ईस्वी के बाद कोलार स्थान से शासन शुरू किया उन्होंने अपनी राजधानी के रूप में ताल्कुड को बनाया। चालुक्य शासको ने गंगा राजवंश के बाद शासन किया तब तक इन्होने अपना प्रभुत्व बनाए रखा।

दबामी चालुक्यो ने अपने शासन के समय सम्पूर्ण कर्नाटक को एक किया। वे अच्छे चित्रकार थे, उन्होंने श्रवणबेलगोला में गोमतेश्वर की विश्व सुप्रसिद्ध मूर्ति का निर्माण किया जिसके निर्माता चमुन्दराय थे, जो चालुक्य मंत्री थे।

चालुक्य वंश नर्मदा से कावेरी नदियों तक फैला हुआ था। इन्होने एहोल व पट्टादकल में भी अपनी सुंदर कला से स्मारकों का निर्माण किया था। इसके साथ ही इन्होने तराशकर मंदिर का भी निर्माण किया।

इस समय वास्तुकला और चित्रकारी का उदय हुआ। इनके शासनकाल में ही कन्नड़ भाषा का इस राज्य में विकास हुआ। इनके दरबार में जैन लोग दरबारी कवि के रूप में आते थे।

चालुक्य के शासन में यहाँ की भाषाओ को काफी उत्थान मिला जिसमे कन्‍नड़, संस्‍कृत, तेलगु और तमिल साहित्‍य का तेजी से विकास हुआ। सुंदर कलाकृतियों और ललित कलाओ के लिए चालुक्य शासन जाना जाता है।

10 lines on Karnataka in Hindi Language

  • कर्नाटक भारत का एक राज्य है, जो दक्षिणी तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण राज्य है।
  • इस राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 को की गई यह भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से छठा सबसे बड़ा राज्य है।
  • इस राज्य की राजधानी बैंगलोर है, जो आईपीएल में भी भाग लेती है। राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है।
  • कर्नाटक राज्य का कुल क्षेत्रफल 191791 वर्ग किलोमीटर है। जो इसे छठा सबसे बड़ा राज्य बनता है।
  • इस राज्य की जनसख्या 61095297 है, जिसमे सभी धर्म के लोग रहते है।
  • यहाँ का बाहुल्य धर्म हिन्दू है। इसके आलावा यहाँ मुस्लिम सिक्ख तथा इसाई धर्म के लोग भी रहते है।
  • इस राज्य में कई भाषाए बोली जाती है, पर सबसे प्रमुख और राजभाषा कन्नड़ है।
  • कमल का फूल राजकीय फूल तथा चंदन को राजकीय वृक्ष घोषित किया गया है।
  • यह एक कृषि प्रधान राज्य है। जिसमे मुख्यत बाजरा मक्का और चावल की खेती की जाती है।
  • 31 जिलो से मिलकर बना यह राज्य प्राचीनकाल में मैसूर के नाम से विख्यात था।

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