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GK Test [2]
August Month Quiz Index:
- GK Test [1]: 06-08-2023
- GK Test [2]: 13-08-2023
- GK Test [3]: 20-08-2023
- GK Test [4]: 27-08-2023
GK & Current Affairs For NDA Exam:
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General Knowledge Test August Month: 13-08-2023
01. महात्मा बुद्ध के सारनाथ में दिए गए प्रथम प्रवचन को क्या कहा जाता है?
Answer 01.
धर्म चक्र प्रवर्तन
धर्म चक्र, समाज में धर्म को स्थापित करने की प्रक्रिया का प्रतीक है। जब व्यक्ति और समाज में भटकाव का स्तर आत्मघाती स्तर तक पहुंच जाए, लक्ष्यों को लेकर विभ्रम पैदा हो जाए तथा सत्य और असत्य के बीच की रेखा इतनी बारीक हो जाए कि दोनों को पहचानना मुश्किल हो जाए तो धर्म चक्र को गतिशील बनाने के लिए कोई न कोई महापुरुष सक्रिय होता है। महात्मा बुद्ध ने विकृतियों को दूर करने और वास्तविक धर्म को स्थापित करने के लिए, वाराणसी के नजदीक सारनाथ से उपदेशों की जो शृंखला प्रारंभ की, उसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहा गया। धर्म, मानव-जीवन का अहम हिस्सा है। वास्तव में धर्म संप्रदाय नहीं है। जीवन में हम जो धारण करते हैं, वही धर्म है। धर्म और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं। धर्म, जीवन को एक दिशा देता है। अनुशासन सिखाता है। धर्म हमें जीना सिखाता है। सनातन धर्म, धर्म की इसी गतिशील और सापेक्षिक अवधारणा में विश्वास करना सिखाता है। धर्म के मार्ग पर चल कर आप जीवन के हर सुख को पा सकते हैं, स्वस्थ व निरोगी रह सकते हैं और जीवन के चरम लक्ष्य, मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। धर्मचक्र, धर्म शिक्षा और धर्म स्थापना का प्रतीक है। भगवान बुद्ध ने काशी के निकट सारनाथ में सबसे पहले अपने पांच शिष्यों को धर्म का पाठ पढ़ाया था। धर्म चक्र प्रगति और जीवन का प्रतीक भी है। बुद्ध ने ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ का उपदेश दिया और इस प्रकार अपने धर्म चक्र को गति दी। धर्म चक्र प्रगति और जीवन का प्रतीक है।
धर्म चक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बीच की सफेद पट्टी में रखा गया है। यह अशोक चक्र, मौर्य सम्राट अशोक के सारनाथ स्थित स्तंभ में उकेरा गया चक्र है, जिसमें 24 तीलियां हैं। प्रत्येक तीली एक आध्यात्मिक सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करती है। धर्मचक्र को ब्रह्मांडीय व्यवस्था का प्रतीक भी माना जाता है। धर्म चक्र, धर्म मे गतिशीलता के महत्त्वपूर्ण संदेश को हम सभी तक पहुंचाता है। प्रायः धर्म को रूढ़ मानकर किसी किताब में कही गई बात का उद्धरण देकर लोगों को धर्म का आशय समझाते हैं, अनुभूति के स्तर पर यह बात सही भी हो सकती है लेकिन व्यावहारिक जीवन में तो धर्म गतिशील रहता है।
सच्चा धार्मिक व्यक्ति वही है, जो धर्म के मर्म को पकड़ कर अलग-अलग परिस्थितियों में मर्म के अनुरूप नए-नए ढंग से व्यवहार करता रहता है। आगे बढ़ते रहना ही गति है। भारतीय राष्ट्र ने चक्रध्वज को अपना ध्वज स्वीकार किया, जो उसने गति तत्त्व को जीवन के रहस्य-रूप में स्वीकार किया। धर्म चक्र चेतना का शुद्धिकरण है। धर्म चक्र को विधि का चक्र माना जाता हैं। चक्र को धर्म, विकास, शक्ति एवं सृजन का प्रतीक कहा जाता है। विज्ञान ने हमें शक्ति, गति एवं ऊर्जा प्रदान की है। लक्ष्य हमें धर्म एवं दर्शन से प्राप्त करने हैं।
धर्म ही ऐसा तत्त्व है, जो मानव मन की असीम कामनाओं को सीमित करने की क्षमता रखता है। धर्म मानवीय दृष्टि को व्यापक बनाता है। धर्म मानव मन में उदारता, सहिष्णुता एवं प्रेम की भावना का विकास करता है। नैतिक मूल्यों का आचरण ही धर्म है। धर्म वह पवित्र अनुष्ठान है, जिससे चेतना का शुद्धिकरण होता है। धर्म वह तत्त्व है, जिसके आचरण से व्यक्ति अपने जीवन को चरितार्थ कर पाता है। धर्म चक्र, सभी दुखों का निरोधक है।
हमारे अंतःकरण में प्रत्यक्ष लोक का प्रभाव ही अधिक होता है। लोक चक्र मोह, मूढ़ता का भी प्रतीक है। लोक चक्र अज्ञान, अविवेक, अविद्या है, जिसके कारण हम निरंतर राग और द्वेष की चक्की में पिसते रहते हैं। साधारण भाषा में इसे निन्यानबे का फेर कहते हैं। यह हमारे मन में तनाव-खिंचाव और उत्तेजना पैदा करते हैं। इससे समता नष्ट होती है। विषमता आरंभ होती है। इसी भव चक्र को काटने के लिए हमारे भीतर धर्मचक्र जागते रहना बहुत आवश्यक है।
यदि धर्म चक्र जागता है तो विवेक, विद्या और होश जागता है। लोक चक्र से छुटकारा पाना है तो धर्म चक्र प्रवर्तित करना होगा। लोक चक्र हमारे समस्त दुखों का मूल है। धर्म चक्र सभी दुखों का निरोधक है। धर्मचक्र प्रवर्तन की प्रक्रिया सामूहिक स्तर पर चेतना को उन्नत बनाने का धार्मिक प्रयास है और इस तरह राष्ट्र और विश्व का कल्याण करने मे सहयोगी बन जाती है।
02. भारत के वर्तमान ‘विदेश सचिव‘ कौन हैं?
Answer 02.
विनय मोहन क्वात्रा
विनय मोहन क्वात्रा आईएफएस कैडर के एक भारतीय राजनयिक हैं जो मई 2022 से भारत के 34वें और वर्तमान विदेश सचिव के रूप में कार्यरत हैं, जो हर्ष वर्धन श्रृंगला के उत्तराधिकारी हैं। इससे पहले, वह फ्रांस और नेपाल में भारत के राजदूत के रूप में कार्य कर चुके हैं।
03. ‘कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान‘ के बीच से कौनसी नदी बहती है?
Answer 03.
रामगंगा (गंगा की सहायक नदी)
04. प्रख्यात ‘बोरोबुदुर‘ बौद्ध स्तूप कहां स्थित है?
Answer 04.
जावा (इंडोनेशिया)
बोरोबुदुर इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रान्त के मगेलांग नगर में स्थित 9वीं सदी का महायान बौद्ध मंदिर है। यह 6 चोकोर चबूतरों पर बना है, जिसमें से तीन का ऊपरी भाग गोलाकार है। यह 2,672 शिलालेखों और 504 बुद्ध प्रतिमाओं से सजा हुआ है। इसके बीच में बने प्रमुख गुंबद के चारों ओर स्तूप वाली 72 बुद्ध प्रतिमाएं हैं।
05. तिब्बती नववर्ष को किस नाम से जाना जाता है?
Answer 05.
लोसर
Losar festival is celebrated to commemorate the advent of the New Year. It is the Ladakhi or Tibetan New Year. Considered as the most important of all Buddhist festivals, Losar is celebrated across two weeks during the month of January or February according to the Gregorian calendar. The festival is marked with ancient rituals, stage fights between good and evil, chanting and passing through the crowds with fire torches.
06. क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग तथा रैंकिंग शब्द किससे संबंधित हैं?
Answer 06.
07. इस बार विख्यात लॉन टैनिस चैम्पियनशिप ‘विम्बलडन (पुरुष एकल) खिताब‘ किसने जीता?
Answer 07.
08. भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा तीनों किस एक महाद्वीप से गुजरती हैं?
Answer 08.
09. ‘सर क्रीक विवाद‘ किन दो देशों के बीच है?
Answer 09.
भारत तथा पाकिस्तान
सर क्रीक (Sir Creek) गुजरात (भारत) और सिंध (पाकिस्तान) के बीच विवादित पानी की एक 96 किलोमीटर लंबी पट्टी है। अर्थात सर क्रीक विवाद (Sir Creek) भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर और सियाचिन जैसा ही सीमा विवाद है। भारत को आजादी मिलने से पहले यह क्रीक प्रांतीय क्षेत्र ब्रिटिश भारत के बॉम्बे प्रेसीडेंसी का भाग था। सर क्रीक मामले पर विवाद 1960 के दशक में शुरू हुआ था। इस विवादित पट्टी का सर क्रीक नाम इसमें पाई जाने वाली ‘सीरी’ नामक मछली के नाम पर पड़ा है।
सर क्रीक विवाद क्या है (Sir Creek Dispute)?
सर क्रीक विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर और सियाचिन जैसा ही सीमा विवाद है। सरक्रीक भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित पानी की एक 96 किलोमीटर लंबी पट्टी है। जो भारतीय राज्य गुजरात और पाकिस्तान के राज्य सिंध के बीच स्थित है। सर क्रीक पानी के कटाव के कारण बना है और यहाँ ज्वार-भाटे के कारण यह तय नहीं हो पाता है कि इसका कितना हिस्सा पानी में रहेगा और कितना पानी के बाहर।
जल की धारा को मूल रूप से “बान गंगा” के नाम से जाना जाता है। सर क्रीक की यह धारा पाकिस्तान के सिंध प्रांत को गुजरात के कच्छ क्षेत्र से विभाजित करती हुई अरब सागर में गिरती है। सर क्रीक सीमा रेखा का यह नाम एक ब्रिटिश प्रतिनिधि के नाम पर रखा गया है। सर क्रीक मामले पर विवाद 1960 के दशक में शुरू हुआ था।
वर्तमान में इस नाले का नाम सरक्रीक है लेकिन कच्छ के पुराने दस्तावेजों में इसे सर क्रीक कहा गया है। इसका कारण ये बताया जाता है कि पहले इस नाले में “सीरी” नामक मछली पाई जाती थी, जिसके नाम पर इस नाले का नाम सर क्रीक पड़ा।
10. निर्गुट देशों (Non-Aligned Countries) का पहला सम्मेलन 1961 में कहां आयोजित किया गया था?
Answer 10.
बेलग्रेड, यूगोस्लाविया में (01 से 06 सितम्बर 1961)
गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन क्या है? गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) राष्ट्रों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्र (United Nations Organisations) के बाद देशों की सबसे बड़ी सभा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन पुरे महाद्वीप भर में भागीदार देशों के साथ बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन का इतिहास: गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन के अंतर्गत आने वाले सभी देशों ने निश्चय किया है, कि दुनिया के वे किसी भी पावर ब्लॉक के संग या विरोध में नहीं रहेंगे। यह आंदोलन भारत के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति जमाल अब्देल नासेर (Gamal Abdel Nasser) एवं यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टिटो (Josip Broz Tito) का आरंभ किया हुआ है। इसकी स्थापना साल 1961 में हुई थी। वर्ष 2012 तक गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन के सदस्यों की संख्या 120 हो चुकी है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन में अफ्रीका से 53, एशिया से 39, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन से 26 और यूरोप (बेलारूस, अज़रबैजान) से 2 देश सदस्य हैं। 17 देश और 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठन, गुट निरपेक्ष आंदोलन के पर्यवेक्षक रहे हैं।