समास: Compound – Hindi Grammar for Students and Children
सम्बन्ध तत्पुरुष
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
अत्रदान |
अत्र का दान |
श्रमदान |
श्रम का दान |
वीरकन्या |
वीर की कन्या |
त्रिपुरारि |
त्रिपुर का अरि |
राजभवन |
राजा का भवन |
प्रेमोपासक |
प्रेम का उपासक |
आनन्दाश्रम |
आनन्द का आश्रम |
देवालय |
देव का आलय |
रामायण |
राम का अयन |
खरारि |
खर का अरि |
गंगाजल |
गंगा का जल |
रामोपासक |
राम का उपासक |
चन्द्रोदय |
चन्द्र का उदय |
देशसेवा |
देश की सेवा |
चरित्रचित्रण |
चरित्र का चित्रण |
राजगृह |
राजा का गृह |
अमरस |
आम का रस |
राजदरबार |
राजा का दरबार |
सभापति |
सभा का पति |
विद्यासागर |
विद्या का सागर |
गुरुसेवा |
गुरु की सेवा |
सेनानायक |
सेना का नायक |
ग्रामोद्धार |
ग्राम का उद्धार |
मृगछौना |
मृग का छौना |
राजपुत्र |
राजा का पुत्र |
पुस्तकालय |
पुस्तक का आलय |
राष्ट्रपति |
राष्ट्र का पति |
हिमालय |
हिम का आलय |
घुड़दौड़ |
घोड़ों की दौड़ |
सेनानायक |
सेना के नायक |
यथाशक्ति |
शक्ति के अनुसार |
राजपुरुष |
राजा का पुरुष |
राजमंत्री |
राजा का मंत्री |
अधिकरण तत्पुरुष
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
पुरुषोत्तम |
पुरुषों में उत्तम |
पुरुषसिंह |
पुरुषों में सिंह |
ग्रामवास |
ग्राम में वास |
शास्त्रप्रवीण |
शास्त्रों में प्रवीण |
आत्मनिर्भर |
आत्म पर निर्भर |
क्षत्रियाधम |
क्षत्रियों में अधम |
शरणागत |
शरण में आगत |
हरफनमौला |
हर फन में मौला |
मुनिश्रेष्ठ |
मुनियों में श्रेष्ठ |
नरोत्तम |
नरों में उत्तम |
ध्यानमग्न |
ध्यान में मग्न |
कविश्रेष्ठ |
कवियों में श्रेष्ठ |
दानवीर |
दान में वीर |
गृहप्रवेश |
गृह में प्रवेश |
नराधम |
नरों में अधम |
सर्वोत्तम |
सर्व में उत्तम |
रणशूर |
रण में शूर |
आनन्दमग्न |
आनन्द में मग्न |
आपबीती |
आप पर बीती |
कर्मधारय समास
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
नवयुवक |
नव युवक |
छुटभैये |
छोटे भैये |
कापुरुष |
कुत्सित पुरुष |
कदत्र |
कुत्सित अत्र |
निलोत्पल |
नील उत्पल |
महापुरुष |
महान पुरुष |
सन्मार्ग |
सत् मार्ग |
पीताम्बर |
पीत अम्बर |
परमेश्र्वर |
परम् ईश्र्वर |
सज्जन |
सत् जन |
महाकाव्य |
महान् काव्य |
वीरबाला |
वीर बाला |
महात्मा |
महान् है जो आत्मा |
महावीर |
महान् वीर |
अंधविश्वास |
अंधा है जो विश्वास |
अंधकूप |
अंधा है जो कूप (कुआँ) |
घनश्याम |
घन के समान श्याम |
नीलकंठ |
नीला है जो कंठ |
अधपका |
आधा है जो पका |
काली मिर्च |
काली है जो मिर्च |
दुरात्मा |
दुर (बुरी) है जो आत्मा |
नीलाम्बर |
नीला है जो अंबर |
अकाल मृत्यु |
अकाल (असमय) है जो मृत्यु |
नीलगाय |
नीली है जो गाय |
नील गगन |
नीला है जो गगन |
परमांनद |
परम् है जो आनंद |
महाराजा |
महान है जो राजा |
महादेव |
महान है जो देव |
शुभागमन |
शुभ है जो आगमन |
महाजन |
महान है जो जन |
नरसिंह |
नर रूपी सिंह |
चंद्रमुख |
चंद्र के समान मुख |
क्रोधाग्नि |
क्रोध रूपी अग्नि |
श्वेताम्बर |
श्वेत है जो अम्बर |
लाल टोपी |
लाल है जो टोपी |
सदधर्म |
सत है जो धर्म |
महाविद्यालय |
महान है जो विद्यालय |
विद्याधन |
विद्या रूपी धन |
करकमल |
कमल के समान कर |
मृगनयन |
मृग जैसे नयन |
खटमिट्ठा |
खट्टा और मीठा है |
नरोत्तम |
नरों में उत्तम हैं जो |
प्राणप्रिय |
प्राण के समान प्रिय |
घनश्याम |
घन के समान श्याम |
कमलनयन |
कमल सरीखा नयन |
परमांनद |
परम आनंद |
चन्द्रमुख |
चाँद-सा सुन्दर मुख |
चन्द्रवदन |
चन्द्र के समान वदन (मुखड़ा) |
घृतात्र |
घृत मिश्रित अत्र |
महाकाव्य |
महान है काव्य जो |
धर्मशाला |
धर्मार्थ के लिए शाला |
कुसुमकोमल |
कुसुम के समान कोमल |
कपोताग्रीवा |
कपोत के समान ग्रीवा |
गगनांगन |
गगन रूपी आंगन |
चरणकमल |
कमल के समान चरण |
तिलपापड़ी |
तिल से बनी पापड़ी |
दहीबड़ा |
दही में भिंगोया बड़ा |
पकौड़ी |
पकी हुई बड़ी |
परमेश्वर |
परम ईश्वर |
महाशय |
महान आशय |
महारानी |
महती रानी |
मृगनयन |
मृग के समान नयन |
लौहपुरुष |
लौह सदृश पुरुष |
विशेष्यपूर्वपदकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
कुमारश्रवणा |
कुमारी (क्वांरी) |
मदनमनोहर |
मदन जो मनोहर है |
श्यामसुन्दर |
श्याम जो सुन्दर है |
जनकखेतिहर |
जनक खेतिहर (खेती करनेवाला) |
विशेषणोभयपदकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
नीलपीत |
नीला-पीला (दोनों मिले) |
कृताकृत |
किया-बेकिया |
शीतोष्ण |
शीत-उष्ण (दोनों मिले) |
कहनी-अनकहनी |
कहना-न-कहना |
विशेष्योभयपदकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
आम्रवृक्ष |
आम्र है जो वृक्ष |
वायसदम्पति |
वायस है जो दम्पति |
उपमानकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
विद्युद्वेग |
विद्युत के समान वेग |
शैलोत्रत |
शैल के समान उत्रत |
कुसुमकोमल |
कुसुम के समान कोमल |
घनश्याम |
घन-जैसा श्याम |
लौहपुरुष |
लोहे के समान पुरुष (कठोर) |
उपमितकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
चरणकमल |
चरण कमल के समान |
मुखचन्द्र |
मुख चन्द्र के समान |
अधरपल्लव |
अधर पल्लव के समान |
नरसिंह |
नर सिंह के समान |
पद पंकज |
पद पंकज के समान |
रूपकर्मधारय
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
पुरुषरत्न |
पुरुष ही है रत्न |
भाष्याब्धि |
भाष्य ही है अब्धि |
मुखचन्द्र |
मुख ही है चन्द्र |
पुत्ररत्न |
पुत्र ही है रत्न |
अव्ययीभाव समास
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
दिनानुदिन |
दिन के बाद दिन |
प्रत्यंग |
अंग-अंग |
भरपेट |
पेट भरकर |
यथाशक्ति |
शक्ति के अनुसार |
निर्भय |
बिना भय का |
उपकूल |
कूल के समीप |
प्रत्यक्ष |
अक्षि के सामने |
निधड़क |
बिना धड़क के |
बखूबी |
खूबी के साथ |
यथार्थ |
अर्थ के अनुसार |
प्रत्येक |
एक-एक |
मनमाना |
मन के अनुसार |
यथाशीघ्र |
जितना शीघ्र हो |
बेकाम |
बिना काम का |
बेलाग |
बिना लाग का |
आपादमस्तक |
पाद से मस्तक तक |
प्रत्युपकार |
उपकार के प्रति |
परोक्ष |
अक्षि के परे |
बेफायदा |
बिना फायदे का |
बेरहम |
बिना रहम के |
प्रतिदिन |
दिन दिन |
आमरण |
मरण तक |
अनुरूप |
रूप के योग्य |
यथाक्रम |
क्रम के अनुसार |
बेखटके |
बिना खटके वे (बिन) |
यथासमय |
समय के अनुसार |
आजन्म |
जन्म से लेकर |
एकाएक |
अचानक, अकस्मात |
दिनोंदिन |
कुछ (या दिन) ही दिन में |
यथोचित |
जितना उचित हो |
रातोंरात |
रात-ही-रात में |
आजीवन |
जीवन पर्यत/तक |
गली-गली |
प्रत्येक गली |
भरपूर |
पूरा भरा हुआ |
यथानियम |
नियम के अनुसार |
प्रतिवर्ष |
वर्ष-वर्ष/हर वर्ष |
बीचोंबीच |
बीच ही बीच में |
आजकल |
आज और कल |
यथाविधि |
विधि के अनुसार |
यथास्थान |
स्थान के अनुसार |
यथासंभव |
संभावना के अनुसार |
व्यर्थ |
बिना अर्थ के |
रातभर |
भर रात |
अनुकूल |
कुल के अनुसार |
अनुरूप |
रूप के ऐसा |
आसमुद्र |
समुद्रपर्यन्त |
पल-पल |
हर पल |
बार-बार |
हर बार |
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