समास: Compound – Hindi Grammar for Students and Children
admin
December 11, 2017
Hindi Grammar
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द्विगु कर्मधारय (समाहारद्विगु)
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
त्रिभुवन |
तीन भुवनों का समाहार |
त्रिकाल |
तीन कालों का समाहार |
चवत्री |
चार आनों का समाहार |
नवग्रह |
नौ ग्रहों का समाहार |
त्रिगुण |
तीन गुणों का समूह |
पसेरी |
पाँच सेरों का समाहार |
अष्टाध्यायी |
अष्ट अध्यायों का समाहार |
त्रिपाद |
तीन पादों का समाहार |
पंचवटी |
पाँच वटों का समाहार |
त्रिलोक, त्रिलोकी |
तीन लोकों का समाहार |
दुअत्री |
दो आनों का समाहार |
चौराहा |
चार राहों का समाहार |
त्रिफला |
तीन फलों का समाहार |
नवरत्न |
नव रत्नों का समाहार |
सतसई |
सात सौ का समाहार |
पंचपात्र |
पाँच पात्रों का समाहार |
चतुर्भुज |
चार भुजाओं का समूह |
चारपाई |
चार पैरों का समाहार |
तिरंगा |
तीन रंगों का समाहार |
अष्टसिद्धि |
आठ सिद्धियों का समाहार |
चतुर्मुख |
चार मुखों का समूह |
त्रिवेणी |
तीन वेणियों का समूह |
नवनिधि |
नौ निधियों का समाहार |
चवन्नी |
चार आनों का समाहार |
दोपहर |
दो पहरों का समाहार |
पंचतंत्र |
पाँच तंत्रो का समाहार |
सप्ताह |
सात दिनों का समूह |
त्रिनेत्र |
तीनों नेत्रों का समूह |
दुराहा |
दो राहों का समाहार |
चतुर्वेद |
चार वेदों का समाहार |
उत्तरपदप्रधानद्विगु
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
दुपहर |
दूसरा पहर |
शतांश |
शत (सौवाँ) अंश |
पंचहत्थड़ |
पाँच हत्थड़ (हैण्डिल) |
पंचप्रमाण |
पाँच प्रमाण (नाप) |
दुसूती |
दो सूतोंवाला |
दुधारी |
दो धारोंवाली (तलवार) |
बहुव्रीहि (समानाधिकरणबहुव्रीहि)
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
प्राप्तोदक |
प्राप्त है उदक जिसे |
दत्तभोजन |
दत्त है भोजन जिसे |
पीताम्बर |
पीत है अम्बर जिसका |
जितेन्द्रिय |
जीती है इन्द्रियाँ जिसने |
निर्धन |
निर्गत है धन जिससे |
मिठबोला |
मीठी है बोली जिसकी (वह पुरुष) |
चौलड़ी |
चार है लड़ियाँ जिसमें (वह माला) |
चतुर्भुज |
चार है भुजाएँ जिसकी |
दिगम्बर |
दिक् है अम्बर जिसका |
सहस्त्रकर |
सहस्त्र है कर जिसके |
वज्रदेह |
वज्र है देह जिसकी |
लम्बोदर |
लम्बा है उदर जिसका |
दशमुख |
दश है मुख जिसके |
गोपाल |
वह जो, गौ का पालन करे |
सतसई |
सात सौ का समाहार |
पंचपात्र |
पाँच पात्रों का समाहार |
चतुर्वेद |
चार वेदों का समाहार |
त्रिलोचन |
तीन है लोचन जिसके अर्थात शिव |
कमलनयन |
कमल के समान है नयन जिसके अर्थात विष्णु |
गिरिधर |
गिरि (पर्वत) को धारण करने वाला अर्थात श्री कृष्ण |
गजानन |
गज के समान आनन (मुख) वाला अर्थात गणेश |
घनश्याम |
वह जो घन के समान श्याम है अर्थात श्रीकृष्ण |
चक्रधर |
चक्र धारण करने वाला अर्थात विष्णु |
चतुर्मुख |
चार है मुख जिसके, वह अर्थात ब्रह्मा |
नीलकंठ |
नीला है जो कंठ अर्थात शिव |
पंचानन |
पाँच है आनन (मुँह) जिसके अर्थात वह देवता |
बारहसिंगा |
बारह हैं सींग जिसके वह पशु |
महेश |
महान है जो ईश अर्थात शिव |
लाठालाठी |
लाठी से लड़ाई |
सरसिज |
सर से जन्म लेने वाला |
कपीश |
कपियों में है ईश जो- हनुमान |
खगेश |
खगों का ईश है जो वह गरुड़ |
गोपाल |
गो का पालन जो करे वह, श्रीकृष्ण |
चक्रपाणि |
चक्र हो पाणि (हाथ) में जिसके वह विष्णु |
चतुरानन |
चार है आनन जिनको वह, ब्रह्मा |
जलज |
जल में उत्पन्न होता है वह कमल |
जल्द |
जल देता है जो वह बादल |
नीलाम्बर |
नीला अम्बर या नीला है अम्बर जिसका वह, बलराम |
मुरलीधर |
मुरली को धरे रहे (पकड़े रहे) वह, श्रीकृष्ण |
वज्रायुध |
वज्र है आयुध जिसका वह, इन्द्र |
व्यधिकरणबहुव्रीहि
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
शूलपाणि |
शूल है पाणि में जिसके |
चन्द्रभाल |
चन्द्र है भाल पर जिसके |
वीणापाणि |
वीणा है पाणि में जिसके |
चन्द्रवदन |
चन्द्र है वदन पर जिसके |
तुल्ययोग या सहबहुव्रीहि
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
सबल |
बल के साथ है जो |
सपरिवार |
परिवार के साथ है जो |
सदेह |
देह के साथ है जो |
सचेत |
चेत (चेतना) के साथ है जो |
व्यतिहारबहुव्रीहि
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
मुक्कामुक्की |
मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई |
लाठालाठी |
लाठी-लाठी से जो लड़ाई हुई |
डण्डाडण्डी |
डण्डे-डण्डे से जो लड़ाई हुई |
प्रादिबहुव्रीहि
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
बेरहम |
नहीं है रहम जिसमें |
निर्जन |
नहीं है जन जहाँ |
द्वन्द्व (इतरेतरद्वन्द्व)
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
धर्माधर्म |
धर्म और अधर्म |
भलाबुरा |
भला और बुरा |
गौरी-शंकर |
गौरी और शंकर |
सीता-राम |
सीता और राम |
लेनदेन |
लेन और देन |
देवासुर |
देव और असुर |
शिव-पार्वती |
शिव और पार्वती पापपुण्य पाप और पुण्य |
भात-दाल |
भात और दाल |
देश-विदेश |
देश और विदेश |
भाई-बहन |
भाई और बहन |
हरि-शंकर |
हरि और शंकर |
धनुर्बाण |
धनुष और बाणा |
अन्नजल |
अन्न और जल |
आटा-दाल |
आटा और दाल |
ऊँच-नीच |
ऊँच और नीच |
गंगा-यमुना |
गंगा और यमुना |
दूध-दही |
दूध और दही |
जीवन-मरण |
जीवन और मरण |
पति-पत्नी |
पति और पत्नी |
बच्चे-बूढ़े |
बच्चे और बूढ़े |
माता-पिता |
माता और पिता |
राजा-प्रजा |
राजा और प्रजा |
राजा-रानी |
राजा और रानी |
सुख-दुःख |
सुख और दुःख |
अपना-पराया |
अपना और पराया |
गुण-दोष |
गुण और दोष |
नर-नारी |
नर और नारी |
पृथ्वी-आकाश |
पृथ्वी और आकाश |
बाप-दादा |
बाप और दादा |
यश-अपयश |
यश और अपयश |
हार-जीत |
हार और जीत |
ऊपर-नीचे |
ऊपर और नीचे |
शीतोष्ण |
शीत और उष्ण |
इकतीस |
एक और तीस |
दम्पति |
जाया-पति |
राग-द्वेष |
राग और द्वेष |
लाभालाभ |
लाभ और अलाभ |
राधा-कृष्ण |
राधा और कृष्ण |
लोटा-डोरी |
लोटा और डोरी |
गाड़ी-घोड़ा |
गाड़ी और घोड़ा |
समाहारद्वन्द्व
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
रुपया-पैसा |
रुपया-पैसा वगैरह |
घर-आँगन |
घर-आँगन वगैरह (परिवार) |
घर-द्वार |
घर-द्वार वगैरह (परिवार) |
नाक-कान |
नाक-कान वगैरह |
नहाया-धोया |
नहाया और धोया आदि |
कपड़ा-लत्ता |
कपड़ा-लत्ता वगैरह |
वैकल्पिकद्वन्द्व
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
पाप-पुण्य |
पाप या पुण्य |
भला-बुरा |
भला या बुरा |
लाभालाभ |
लाभ या अलाभ |
धर्माधर्म |
धर्म या अधर्म |
थोड़ा-बहुत |
थोड़ा या बहुत |
ठण्डा-गरम |
ठण्डा या गरम |
नञ समास
पद |
विग्रह |
पद |
विग्रह |
अनाचार |
न आचार |
नास्तिक |
न आस्तिक |
अनदेखा |
न देखा हुआ |
अनुचित |
न उचित |
अन्याय |
न न्याय |
अज्ञान |
न ज्ञान |
अनभिज्ञ |
न अभिज्ञ |
अद्वितीय |
जिसके समान दूसरा न हो |
नालायक |
नहीं लायक |
अगोचर |
न गोचर |
अचल |
न चल |
अजन्मा |
न जन्मा |
अधर्म |
न धर्म |
अनन्त |
न अन्त |
अनेक |
न एक |
अनपढ़ |
न पढ़ |
अपवित्र |
न पवित्र |
अलौकिक |
न लौकिक |
Good explanation