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लिंग: Gender – Hindi Grammar for Students and Children

स्त्रीलिंग / पुलिंग शब्दों की सूची और उनका वाक्य-प्रयोग:

शब्द वाक्य शब्द वाक्य
प्राण (पु०) प्राण उड़ गए। मोती (पु०) मोती चमकता है।
घी (पु०) घी उजला है। छत (स्त्री०) छत गिर गई।
मूँछ (स्त्री०) पिताजी की मूँछ पक रही है। दाल (स्त्री०) दाल अच्छी बनी है।
खेत (पु०) मेरा खेत हरा-भरा है। पीठ (स्त्री०) मेरी पीठ में दर्द है।
चादर (स्त्री) चादर फट गई है। होश (पु०) उसके होश उड़ गए।
धूप (स्त्री /पु०) धूप कड़ी है।/यज्ञ में धूप जल रहा है। पहिया (पु०) बैलगाड़ी में दो पहिये होते है।
बुढ़ापा (पु०) देखते-देखते बुढ़ापा आ गया। दीमक (स्त्री०) किताबों में दीमक लग गई है।
दर्शन (पु०) आपके दर्शन हुए, अहोभाग्य। जूँ (स्त्री०) मूर्ख के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगती।
खीर (स्त्री०) खीर अच्छी बनी है। आग (स्त्री०) आग धधक उठी है।
अफवाह (स्त्री०) अफवाह फैल गई कि उसकी हत्या कर दी गई है। कीचड़ (पु०) गली में कीचड़ फैल गया है।
अफीम (स्त्री०) अफीम जहरीली होती है। अनबन (स्त्री०) दोनों भाइयों में अनबन चल रही है।
आँख (स्त्री०) मेरी आँख में दर्द हो रहा है। मोती (पु०) मोती चमकीला होता है।
अरहर (स्त्री०)- जनवरी में अरहर फूलने लगती है। घूँट (पु०) मैं खून का घूँट पीकर रह गया।
चोंच (स्त्री०)- इस पंक्षी की चोंच लंबी है। भीड़ (स्त्री०) भीड़ एकत्र हो गई।
नाक (स्त्री०)- भरी सभा में सौदागर की नाक कट गई। बाढ़ (स्त्री०) पिछले साल भीषण बाढ़ आई थी।
हार (स्त्री० /पु०) रावण की हार हो गई /रानी का हार खो गया। प्यास (स्त्री०) कौवे को प्यास लगी थी।
लगाम (स्त्री०) घोड़े की लगाम हाथ में थी। नींद (स्त्री०) खाने के बाद मुझे नींद लगने लगी।
आयु (स्त्री०) भगवान करे, आपकी आयु लंबी हो। शपथ (स्त्री०) मैंने शपथ खाई कि उसे हराकर ही रहूँगा।
ऋतु (स्त्री०) वर्षा ऋतु आ गई। लालच (पु०) ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए।
सरसों (स्त्री०) फागुन चढ़ते ही सरसों कटने लगती है। चरित्र (पु०) चरित्र चला जाता है, तो सब कुछ चला जाता है।
खोज (स्त्री०) हनुमान ने सीता की खोज की। आदत (स्त्री०) उसे तम्बाकू खाने की आदत पड़ गई है।
खटिया (स्त्री०) मेरी खटिया पुरानी हो गई है। नेत्र (पु०) मेरा नेत्र लाल है।
चाँदी (स्त्री०) सोनार के यहाँ से चाँदी चोरी हो गई। कचनार (स्त्री०) ग्रीष्म ऋतु में भीषण ताप में भी कचनार हरी-भरी रहती है।
साँस (स्त्री०) साँप को देखकर मेरी साँस फूल गई। ओस (स्त्री०) जाड़े में ओस पड़ती है।
भूख (स्त्री०) मुझे जोरों से भूख लगी है। उल्लास (पु०) हारने से सारा उल्लास ही समाप्त हो गया।
चश्मा (पु०) चश्मा हमारी आँखों की रक्षा करता है। सरकार (स्त्री०) केंद्र की सरकार राजनीतिक दलों के सहयोग से बनी है।

पुलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम और प्रत्यय

हिन्दी-स्त्रीप्रत्यय

(1) अकारान्त तथा आकारान्त पुलिंग शब्दों को ईकारान्त कर देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते है। जैसे:

आकारान्त शब्द

लड़का- लड़की
गूँगा- गूँगी
देव- देवी
नर- नारी
गधा- गधी
नाला- नाली
मोटा- मोटी
बन्दर- बन्दरी

(2) ‘आ’ या ‘वा’ प्रत्ययान्त पुलिंग शब्दों में ‘आ’ या ‘वा’ की जगह इया लगाने से वे स्त्रीलिंग बनते है। जैसे:

कुत्ता- कुतिया
बूढा- बुढ़िया
लोटा- लुटिया
बंदर- बंदरिया
बेटा- बिटिया
चिड़ा- चिड़िया
चूहा- चुहिया
बाछा- बछिया

(3) व्यवसायबोधक, जातिबोधक तथा उपनामवाचक शब्दों के अन्तिम स्वर का लोप कर उनमें कहीं इन और कहीं आइन प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है जैसे:

माली- मालिनी
धोबी- धोबिनी
तेली- तेलिनी
बाघ- बाघिनी
बनिया- बनियाइन

(4) कुछ उपनामवाची शब्द ऐसे भी है, जिनमे आनी प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। जैसे:

ठाकुर- ठाकुरानी
पण्डित-पण्डितानी
चौधरी- चौधरानी
देवर- देवरानी
जेठ- जेठरानी
मेहतर- मेहतरानी
सेठ- सेठरानी

(5) जाती या भाव बतानेवाली संज्ञाओं का पुलिंग से स्त्रीलिंग करने में यदि शब्द का अन्य स्वर दीर्घ है, तो उसे ह्स्व करते हुए नी प्रत्यय का भी प्रयोग होता है। जैसे:

स्यार- स्यारनी
हिन्दू- हिन्दुनी
ऊँट- ऊँटनी
शेर- शेरनी
भील- भीलनी
हंस- हंसनी
मोर- मोरनी
ऊँट- ऊँटनी
चोर- चोरनी
हाथी- हथिनी

(6) कुछ शब्द स्वतन्त्ररूप से स्त्री-पुरुष के जोड़े होते है। ये स्वतन्त्ररूप से स्त्रीलिंग या पुलिंग शब्द होते है। जैसे:

माँ- बाप
मर्द- औरत
पुत्र- कन्या
राजा- रानी
भाई- बहन
पुरुष- स्त्री
गाय- बैल
वर- दामाद
साहब – मेम
माता- पिता
फूफा- बूआ
सम्राट- सम्राज्ञी
बिलाव- बिल्ली
बेटा- पुतोहू

(7) अ / आ को ई करके स्त्रीलिंग बनाया जाता हैं। जैसे:

बेटा- बेटी
कबूतर- कबूतरी
देव- देवी
काला- काली
दास- दासी
पोता- पोती
लड़का- लड़की

(8) ‘इका’ जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता हैं। जैसे:

अध्यापक- अध्यापिका
संपादक- संपादिका
गायक- गायिका
पाठक- पाठिका
पत्र- पत्रिका
चालक- चालिका

(9) ‘इन’ जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता हैं। जैसे:

सुनार- सुनारिन
साँप- साँपिन
बाघ- बाघिन
कुम्हार- कुम्हारिन
दर्जी- दर्जिन
नाती- नातिन

(10) ‘आइन’ जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता हैं। जैसे:

चौधरी- चौधराइन
बाबू- बबुआइन
पंडित- पंडिताइन
हलवाई- हलवाइन
गुरु- गुरुआइन

(11) कुछ पुल्लिंग शब्दों के साथ ‘मादा’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं:

तोता- मादा तोता
खरगोश- मादा खरगोश
मच्छर- मादा मच्छर
जिराफ- मादा जिराफ

(12) शब्दांत में ‘इनी’ जोड़कर भी कुछ स्त्रीलिंग शब्द बनाए जाते हैं:

तपस्वी- तपस्विनी
स्वामी- स्वामिनी
मनस्वी- मनस्विनी
अभिमान- अभिमानिनी
दंडी- दंडिनी
संन्यासी- संन्यासिनी

(13) कुछ ऐसे स्त्रीलिंग शब्द हैं, जिनके साथ ‘नर’ लगाकर पुल्लिंग बनाए जाते हैं:

कोयल- नर कोयल
चील- नर चील
मकड़ी- नर मकड़ी
भेड़- नर भेड़

संस्कृत स्त्रीप्रत्यय

(14) संस्कृत के ‘वान्’ और ‘मान्’ प्रत्ययान्त विशेषण शब्दों में ‘वान्’ तथा ‘मान्’ को क्रमशः वती और मती कर देने से स्त्रीलिंग बन जाता है। जैसे:

बुद्धिमान्- बुद्धिमती
पुत्रवान्- पुत्रवती
श्रीमान्- श्रीमती
भाग्यवान्- भाग्यवती
आयुष्मान्- आयुष्मती
भगवान्- भगवती
धनवान्- धनवती

(15) संस्कृत के बहुत-से अकारान्त विशेषण शब्दों के अन्त में आ लगा देने से स्त्रीलिंग हो जाते है। जैसे:

तनुज- तनुजा
चंचल- चंचलता
आत्मज- आत्मजा
सुत- सुता
प्रिय- प्रिया
पूज्य- पूज्या
श्याम- श्यामा

(16) जिन पुलिंग शब्दों के अन्त में ‘अक’ होता है, उनमें ‘अक’ के स्थान पर इका कर देने से वे शब्द स्त्रीलिंग बन जाते है। जैसे:

सेवक- सेविका
पालक- पालिका
बालक- बालिका
भक्षक- भक्षिकानायक
पाठक- पाठिका

(17) कुछ पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘ता’ के स्थान पर ‘त्री’ जोड़कर भी स्त्रीलिंग शब्द बनाए जाते हैं:

दाता- दात्री
नेता- नेत्री
धाता- धात्री
अभिनेता- अभिनेत्री
रचयिता- रचयित्री
विधाता- विधात्री
वक्ता- वक्त्री

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