(iv) भाववाचक कृत्-प्रत्यय
भाववाचक कृत्-प्रत्यय बनाने के लिए धातु के अन्त में अ, अन्त, आ, आई, आन, आप, आपा, आव, आवा, आस, आवना, आवनी, आवट, आहट, ई, औता, औती, औवल, औनी, क, की, गी, त, ती, न, नी इत्यादि प्रत्ययों को जोड़ने से होती है। उदाहरणार्थ:
प्रत्यय | धातु | कृदंत-रूप |
---|---|---|
अ | भर | भार |
अन्त | भिड़ | भिड़न्त |
आ | फेर | फेरा |
आई | लड़ | लड़ाई |
आन | उठ | उठान |
आप | मिल | मिलाप |
आपा | पूज | पुजापा |
आव | खिंच | खिंचाव |
आवा | भूल | भुलावा |
आस | निकस | निकास |
आवना | पा | पावना |
आवनी | पा | पावनी |
आवट | सज | सजावट |
आहट | चिल्ल | चिल्लाहट |
ई | बोल | बोली |
औता | समझ | समझौता |
औती | मान | मनौती |
औवल | भूल | भुलौवल |
औनी | पीस | पिसौनी |
क | बैठ | बैठक |
की | बैठ | बैठकी |
गी | देन | देनगी |
त | खप | खपत |
ती | चढ़ | चढ़ती |
न | दे | देन |
नी | चाट | चटनी |
(v) क्रियाद्योतक कृत्-प्रत्यय
क्रियाद्योतक कृदन्त-विशेषण बनाने में आ, ता आदि प्रत्ययों का प्रयोग होता है।
‘आ’ भूतकाल का और ‘ता’ वर्तमानकाल का प्रत्यय है।
अतः क्रियाद्योतक कृत्-प्रत्यय के दो भेद है:
- वर्तमानकाल क्रियाद्योतक कृदन्त-विशेषण, और
- भूतकालिक क्रियाद्योतक कृदन्त-विशेषण।
इनके उदाहरण इस प्रकार है:
वर्तमानकालिक विशेषण:
प्रत्यय | धातु | वर्तमानकालिक विशेषण |
---|---|---|
ता | बह | बहता |
ता | मर | मरता |
ता | गा | गाता |
भूतकालिक विशेषण:
प्रत्यय | धातु | भूतकालिक विशेषण |
---|---|---|
आ | पढ़ | पढ़ा |
आ | धो | धोया |
आ | गा | गाया |
संस्कृत के कृत्-प्रत्यय और संज्ञाएँ
कृत्-प्रत्यय | धातु | भाववाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
अ | कम् | काम |
अना | विद् | वेदना |
अना | वन्द् | वन्दना |
आ | इष् | इच्छा |
आ | पूज् | पूजा |
ति | शक् | शक्ति |
या | मृग | मृगया |
तृ | भुज् | भोक्तृ (भोक्ता) |
उ | तन् | तनु |
इ | त्यज् | त्यागी |
कृत्-प्रत्यय | धातु | कर्तृवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
अक | गै | गायक |
अ | सृप् | सर्प |
अ | दिव् | देव |
तृ | दा | दातृ (दाता) |
य | कृ | कृत्य |
अ | प्र+ह् | प्रहार |
(2) तद्धित प्रत्यय: संज्ञा सर्वनाम और विशेषण के अन्त में लगनेवाले प्रत्यय को ‘तद्धित’ कहा जाता है और उनके मेल से बने शब्द को ‘तद्धितान्त।
जैसे:
मानव + ता = मानवता
अच्छा + आई = अच्छाई
अपना + पन = अपनापन
एक + ता = एकता
ड़का + पन = लडकपन
मम + ता = ममता
अपना + पन = अपनत्व
कृत-प्रत्यय क्रिया या धातु के अन्त में लगता है, जबकि तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के अन्त में। तद्धित और कृत-प्रत्यय में यही अन्तर है। उपसर्ग की तरह तद्धित-प्रत्यय भी तीन स्रोतों- संस्कृत, हिंदी और उर्दू – से आकर हिन्दी शब्दों की रचना में सहायक हुए है। नीचे इनके उदाहरण दिये गए है।
हिंदी के तद्धित-प्रत्यय (Nominal suffixes)
हिंदी के तद्धित-प्रत्यय ये है: आ, आई, ताई, आऊ, आका, आटा, आन, आनी, आयत आर, आरी आरा, आलू, आस आह, इन, ई, ऊ, ए, ऐला एला, ओ, ओट, ओटा औटी, औती, ओला, क, की, जा, टा, टी, त, ता, ती, नी, पन, री, ला, ली, ल, वंत, वाल, वा, स, सरा, सा, हरा, हला, इत्यादि।
तद्धित-प्रत्यय के प्रकार
हिंदी में तद्धित-प्रत्यय के आठ प्रकार हैं:
- कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
- भाववाचक तद्धित प्रत्यय
- संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
- गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
- गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
- स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
- ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय
- सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय
(1) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय – कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय संज्ञा के अन्त में आर, इया, ई, एरा, हारा, इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर कर्तृवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे:
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | कर्तृवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आर | सोना | सुनार |
आर | लोहा | लुहार |
ई | तमोल | तमोली |
ई | तेल | तेली |
हारा | लकड़ी | लकरहारा |
एरा | साँप | सँपेरा |
एरा | काँसा | कसेरा |
(2) भाववाचक तद्धित प्रत्यय – भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
भाववाचक तद्धित प्रत्यय संज्ञा के अन्त में आ, आयँध, आई, आन, आयत, आरा, आवट, आस, आहट, ई, एरा, औती, त, ती, पन, पा, स इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर भाववाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे:
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | भाववाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आ | चूर | चूरा |
आई | चतुर | चतुराई |
आन | चौड़ा | चौड़ान |
आयत | अपना | अपनायत, अपनापन |
आरा | छूट | छुटकारा |
आस | मीठा | मिठास |
आहट | कड़वा | कड़वाहट |
ई | खेत | खेती |
एरा | अन्ध | अँधेरा |
औती | बाप | बपौती |
त | रंग | रंगत |
पन | काला | कालापन |
पन | लड़का | लड़कपन |
पा | बूढा | बुढ़ापा |
(3) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय – संबंध का बोध कराने वाले प्रत्यय संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय संज्ञा के अन्त में आल, हाल, ए, एरा, एल, औती, जा इत्यादि तद्धित-प्रत्यय लगाकर सम्बन्धवाचक तद्धितान्त संज्ञाएँ बनायी जाती हैं। जैसे:
प्रत्यय | संज्ञा-विशेषण | सम्बन्धवाचक संज्ञाएँ |
---|---|---|
आल | ससुर | ससुराल |
हाल | नाना | ननिहाल |
औती | बाप | बपौती |
जा | भाई | भतीजा |
एरा | मामा | ममेरा |
एल | नाक | नकेल |
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