10 Hindi Periodic Test I (2018-19)
Class: 10
Subject: Hindi
Date: 20/07/2018
सामान्य निर्देश
- उत्तर पुस्तिका पर सेट संख्या आवश्य लिखें।
- कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
- उत्तर स्पष्ट और सुंदर लेख में लिखें।
- इस प्रश्न पत्र के चार खंड हैं – क, ख, ग, घ।
- चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।
खंड – ‘क’
(I) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ एक तरफ भौतिक समृद्धि अपनी ऊँचाई पर है, तो दूसरी तरफ चारित्रिक पतन की गहराई है। आधुनिकीकरण में उलझा मानव सफलता की नित नई परिभाषाएँ खोजता रहता है और अपनी अंतहीन इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है। ऐसे समय में सच्ची सफलता और सुख-शांति की प्यास से व्याकुल व्यक्ति अनेक मानसिक रोगों का शिकार बनता जा रहा है। इसमें से कितने लोगों को इस बात का ज्ञान है कि जीवन में सफलता प्राप्त करना और सफल जीवन जीना, यह दोनों अलग-अलग बातें हैं। यह जरूरी नहीं कि जिसने अपने जीवन में साधारण कामनाओं को हासिल कर लिया हो, वह पुर्णतः संतुष्ट और प्रशन्न हो। अतः हमें गंभीरतापूर्वक इस बात को समझना चाहिए कि इच्छित फल को प्राप्त कर लेना ही सफलता नहीं है। जब तक हम अपने जीवन में नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन नहीं करेंगे, तब तक यथार्थ सफलता पाना हमारे लिए मुश्किल ही नहीं अपितु असंभव कार्य हो जायगा, क्योंकि बिना मूल्यों के प्राप्त सफलता केवल क्षणभंगुर सुख के समान रहती है।
कुछ निराशावादी लोगों का कहना है कि हम सफल नहीं हो सकते, क्योंकि हमारी तकदीर या परिस्थितियाँ ही ऐसी हैं परंतु यदि हम अपना ध्येय निश्चित करके उसे अपने मन में बिठा लें, तो फिर सफलता स्वयं हमारी ओर चलकर आएगी। सफल होना हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, परंतु यदि हम अपनी विफलताओं को दोष देते रहेंगे तो सफलता को कभी हासिल नहीं कर पाएँगे। अतः विफलताओं की चिंता न करें, क्योंकि ये तो हमारे जीवन का सौंदर्य हैं और संघर्ष जीवन का काव्य है, कई वार प्रथम आघात में पत्थर नहीं टूट पाता, उसे तोड़ने के लिए कई आघात करने पड़ते हैं, इसीलिए सदैव अपने लक्ष्य को सामने रख आगे बढ़ने की जरूरत है। कहा भी गया है कि जीवन में सकारात्मक कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
- पत्थर का उदाहरण क्यों दिया गया है?
- वास्तविक सफलता पाने के लिए क्या आवश्यक हैं और क्यों?
- मनुष्य के मानसिक रोग और अशांति का कारण किसे माना गया हैं? क्यों?
- गद्यांश में जीवन का सौंदर्य और संघर्ष किसे बताया गया है?
- ‘निराशावादी’ शब्द में से उपसर्ग, प्रत्यय तथा मूल शब्द को अलग करके लिखो।
खंड -‘ख’
(II) शब्द और पद में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।
(III) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:
- तताँरा को देखते ही वामिरो फुटकर रोने लगी। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
- मैं बीमार था इसीलिए विद्यालय न जा सका था। (सरल वाक्य में बदलिए)
- मेरा गरीब दोस्त अपनी शिक्षा भी नहीं कर पाया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(IV) निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार करो कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
- मौत सिर पर होना, वाट जोहना
(V) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
- छोटे भाई ने बड़े भाई के नरम स्वभाव का फायदा उठाया था?
- बड़े भाई के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
- कथा नायक की रूचि किन कार्यों में थी?
(VI) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
- ईश्वर के विरह को किसके समान बताया गया है? ईश्वर वियोगी की क्या दशा होती हैं?
- मीराबाई श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या काम करने के लिए तैयार है?
- अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीरदास जी ने क्या उपाय सिझाया है?
(VII) हरिहर काका के मामले में गाँववालों की क्या राय थी? उसके क्या कारण थे?
खंड – ‘घ’
(VIII) निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर 100 शब्दों में अनिच्छेद लिखो।
(क) धार्मिक अंधविश्वास
- धर्म क्या है?
- अंधविश्वास क्या है?
- प्रगति में वाधक
- जागरूकता की आवश्यकता
(ख) स्वच्छता अभियान
- क्या है
- क्यों और कैसे
- सुझाव