तताँरा-वामीरो कथा 10 Class Hindi Chapter 12 [Page 2]
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
प्रश्न: जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
उत्तर: इसका आशय है कि गाँववालों और वामीरो की माँ दुवारा अपमानित होने के बाद तताँरा के क्रोध का ठिकाना न रहा। क्रोध में ही उसने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से खींचने लगा, जिससे धरती में सीधी दरार आ गई और धरती दो टुकड़ों में बँट गई।
प्रश्न: बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
उत्तर:
तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। वह उसकी प्रतीक्षा में अपने जीवन की संपूर्ण आस लगाए बैठा था। उसने उसे पुनः साँझ को समुद्री चट्टान पर आने के लिए कहा था। अतः वह छटपटाते हुए अधीरता से उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। उसके मन में एक आशंका यह भी थी कि कहीं वामीरो न आए। इस आशंका से उसका मन काँप उठता था, परंतु साथ ही एक आशा की किरण भी थी।
उसे लगता है कि आशा की यह किरण वामीरो के न आने पर समुद्र में डूबते सूर्य की किरणों के समान कहीं डूब न जाए। तताँरा इस उधेड़बुन में बैठा हुआ था और आशा-निराशा के बीच झूलते हुए अपने प्रेम के सफल होने की कामना कर रहा था।
प्रश्न: निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (✓) का चिह्न लगाकर बताएँ कि यह वाक्य किस प्रकार का है:
- निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम ? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर:
- विधानवाचक
- प्रश्नवाचक
- विधानवाचक
- प्रश्नवाचक
- विस्मयादिबोधक
- विधानवाचक
प्रश्न: निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
- सुध-बुध खोना
- बाट जोहना
- खुशी का ठिकाना न रहना
- आग बबूला होना
- आवाज़ उठाना
उत्तर:
मुहावरे
सुध-बुध खोना
बाट जोहना
खुशी का ठिकाना न रहना
आग बबूला होना
आवाज़ उठाना
वाक्य प्रयोग
लता मंगेशकर का मधुर गीत सुनकर कुछ श्रोता अपनी सुध-बुध खो बैठे।
घर लौटने में देर होने पर सुमन मेरी बाट जोहने लगती है।
बेटे के आई.ए.एस. बनने पर माँ-बाप की खुशी का ठिकाना न रहा।
रिक्शेवाले द्वारा किराया माँगते ही पुलिसवाला आग बबूला हो गया।
आवाज़ उठाए बिना कभी अधिकार नहीं मिलते हैं।
प्रश्न: नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए:
शब्द | मूल शब्द | प्रत्यय |
चर्चित | ——————- | ——————- |
साहसिक | ——————- | ——————- |
छटपटाहट | ——————- | ——————- |
शब्दहीन | ——————- | ——————- |
उत्तर:
शब्द | मूल शब्द | प्रत्यय |
चर्चित | चर्चा | इत |
साहसिक | साहस | इक |
छटपटाहट | छटपट | आहट |
शब्दहीन | शब्द | हीन |
प्रश्न: नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए:
……….. + आकर्षक = ……….
………… + ज्ञात = ………
………… + कोमल = …………
………. + होश = ………..
………… + घटना = ………….
उत्तर:
अन + आकर्षक = अनाकर्षक
अ + ज्ञात = अज्ञात
सु + कोमल = सुकोमल
बे + होश = बेहोश
दुर + घटना = दुर्घटना
प्रश्न: निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
- जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
- फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
- वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)
- तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
- रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
उत्तर:
- जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं विचलित हुआ हूँ।
- फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के पास आई और ठिठक गई।
- वामीरो कुछ सचेत होकर घर की ओर दौड़ी।
- उसने तताँरा को देखा और फूट-फूटकर रोने लगी।
- रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
प्रश्न: नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए: भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
उत्तर: निर्भय, कटु, असभ्य, वाचाल, ठोस, अनुपस्थित, दुखद।
प्रश्न: नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए: समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
उत्तर:
समुद्र
आँख
दिन
अँधेरा
मुक्त
रत्नाकर, वारिधि, नीरधि, जलधि
नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन, दृग
दिवस, दिवा, वासर, वार
तम, तिमिर, अंधकार
उन्मुक्त, आजाद, बंधनहीन
प्रश्न: नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए: किंकर्तव्यविमूढ़, विह्वल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
उत्तर:
शब्द
किंकर्तव्यविमूढ़
विह्वल
भयाकुल
याचक
आकंठ
वाक्य प्रयोग
महाभारत के मैदान में गुरुजन एवं बंधु-बाँधवों को सामने देखकर अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए।
अपने खोए बेटे से मिलकर माँ विह्वल होकर रोने लगी।
डाकुओं से स्वयं को घिरा देखकर यात्री भयाकुल हो गए।
याचक करुण स्वर में दो रोटियाँ माँग रहा था।
कुछ नेता और अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं।
प्रश्न: ‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर:
उमस भरा लंबा थकाऊ दिन।
सुंदर-सुहावना धूपदार दिन।
प्रश्न: इस पाठ में ‘देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं – ‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है?
इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए।
उत्तर:
प्रश्न: नीचे दिए गए वाक्यांशों को पढ़िए:
- श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध)
- सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)
- अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रिया विशेषण पदबंध)
- आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए
वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रिया विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे ‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे’। वाक्य में ‘पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:
- संज्ञा पदबंध
- क्रिया पदबंध
- विशेषण पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए:
- उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
- तताँरा को मानो कुछ होश आया।
- वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
- तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
- उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।
उत्तर:
- विशेषण पदबंध
- क्रिया पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
- विशेषण पदबंध
- विशेषण पदबंध