किसी भी राष्ट्र की निधि उस राष्ट्र के बच्चे होते हैं। तभी तो जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि “किसी देश की सम्पत्ति बैंकों में नहीं बल्कि विद्यालयों में सुरक्षित होती है“। यही बच्चे कल के नेता बनकर राष्ट्र का सही मार्गदर्शन करते हैं। इन बच्चों में भारत का …
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नर हो न निराश करो मन को कविता पर निबंध
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता की पंक्तियाँ हैं: नर हो न निराश करो मन को, कुछ काम करो कुछ काम करो, जग में रहकर कुछ नाम करो, समझो न अलभ्य किसी धन को, नर हो न निराश करो मन को। ये पंक्तियाँ कवि ने उस समय लिखी थीं जब …
Read More »रक्षाबंधन पर हिंदी निबंध विद्यार्थियों के लिए
रक्षाबंधन पर हिंदी निबंध [1] भारत त्योहारों का देश है। यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। हर त्योहार अपना विशेष महत्त्व रखता है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार है। यह भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक त्योहार भी है। यह दान के महत्त्व को प्रतिष्ठित करने …
Read More »किस्सा कुर्सी का पर निबंध विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
कुर्सी का सामान्य अर्थ है लकड़ी, लोहे-इस्पात, प्लास्टिक की बनी पीठिका या आसन जिस पर बैठकर व्यक्ति काम करता है: पढ़ता-लिखता है, कार्यालय में बैठकर काम करता है। आराम कुर्सी पर बैठ कर आराम भी किया जाता है। परन्तु कुर्सी का लाक्षणिक अर्थ है सत्ता, प्रभुता। जिसे प्राचीन समय में …
Read More »डाकिए की कहानी, कँवरसिंह की जुबानी: 5th Hindi Ch 07
प्रश्न: डाकिए का क्या नाम था? उत्तर: डाकिए का नाम कँवरसिंह था। प्रश्न: डाकिया कहाँ का रहने वाला था? उत्तर: डाकिया हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के नेरवा गाँव का रहने वाला था। प्रश्न: कँवरसिंह के परिवार में कौन-कौन सदस्य थे। उत्तर: कँवरसिंह के परिवार में चार बच्चे थे। प्रश्न: …
Read More »Half of Class 10 students not learning well in school
GURUGRAM: Results of the National Assessment Survey (NAS), carried out by National Council of Educational Research and Training (NCERT) on Class X students of government and private schools in the city in February, are out. And the findings are disturbing to say the least. The NAS reveals over half the …
Read More »लोकतंत्र में विरोधी दलों का महत्त्व तथा भूमिका: भारतीय सन्दर्भ
लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन है। उसमें जनता द्वा रा चुने गये प्रतिनिधि शासन की बागडोर सँभालते हैं और एक निश्चित कालाविधि प्रायः पाँच वर्ष तक देश की उन्नति और विकास का भार उनके कंधों पर होता है। चुनाव लोकतंत्र की रीढ़ है। प्रत्येक देश …
Read More »भारत में लोकतंत्र और चुनाव पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
लोकतंत्र के सम्बन्ध में बहुप्रचलित एवं बहुउद्धृत कथन है – जनता की, जनता द्वारा, जनता के हित के लिए बनायी गयी शासन-व्यवस्था। और स्पष्ट शब्दों में कहें तो वह शासन-व्यवस्था जिसका संचालन जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि जनता के हित-कल्याण के लिए करें। इस परिभाषा में बातें स्पष्ट हैं: जनता …
Read More »भारत में प्रजातंत्र का भविष्य पर हिंदी निबंध
15 अगस्त 1947 तक भारत परतंत्र था, उस पर साम्राज्यवादी ब्रिटिश शासकों का आधिपत्य था। गांधी जी के नेतृत्व में हमने आजादी के लिए विदेशी शासकों के साथ संघर्ष किया और अन्ततः उन्हें देश छोड़ने के लिए विवश किया। देश की सार्वभौम स्वायत्तता की घोषणा करनेवाला संविधान बना और 26 …
Read More »भारत में लोकतंत्र की सफलता और सार्थकता पर निबंध
भारत में लोकतंत्र पर निबंध संसार के विभन्न देशों में शासन करने की, अनेक प्रणालियाँ हैं, शासन-तंत्र के अनेक स्वरूप हैं जैसे जनतंत्र, एकेतंत्र या तानाशाही, साम्यवादी समाजतंत्र, प्रजातंत्र आदि। इन पद्दतियों में सब से अधिक अपनायी जानेवाली तथा जनहितकारी शासन-पद्धति प्रजातंत्र मानी गयी है। इसके अन्य नाम हैं लोकतंत्र, …
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