भारत वर्ष ने विश्व को काल गणना का अद्वित्य सिद्धान्त प्रदान किया है। सृष्टि की संरचना के साथ ही ब्रह्माजी ने काल चक्र का भी निर्धारण कर दिया। ग्रहो और उपग्रहों की गति का निर्धारण कर दिया। चार युगों की परिकल्पना, वर्ष मासों और विभिन्न तिथियों का निर्धारण काल गणना का …
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