करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान।। जिस प्रकार बार-बार रस्सी के आने जाने से कठोर पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, उसी प्रकार बार-बार अभ्यास करने पर मूर्ख व्यक्ति भी एक दिन कुशलता प्राप्त कर लेता है। सारांश यह है कि निरन्तर अभ्यास …
Read More »गुलाब के फूल की आत्मकथा पर हिंदी निबंध
मैं उद्यान में खिलने वाला एक पुष्प हूँ। सभी लोग मेरे रूप और रंग से परिचित हैं। मैं फूलों का राजा गुलाब हूँ। मेरा जन्म इसी उद्यान में हुआ। दो दिन पहले में इन कंटीली और कोमल डालियों पर अपने और अन्य भाई-बहनों की तरह झूल रहा था। कली के रूप में अपने …
Read More »पुस्तक की आत्मकथा पर हिंदी में निबंध
मैं पुस्तक हूँ। जिस रूप में आपको आज दिखाई देती हूं प्राचीन काल में मेरा यह स्वरूप नही था। गुरु शिष्य को मौखिक ज्ञान देते थे। उस समय तक कागज का आविष्कार ही नहीं हुआ था। शिष्य सुनकर ज्ञान ग्रहण करते थे। धीरे-धीरे इस कार्य में कठिनाई उत्पन्न होने लगी। ज्ञान को सुरक्षित …
Read More »छतरी की आत्मकथा पर हिंदी में निबंध
मैं हूँ छतरी। बरसात प्रारम्भ होते ही मनुष्यों की सबसे अधिक आवश्कता मेरी ही होती है। मेरा प्रयोग सारे संसार में समान रूप से जाता है। भारत में मेरा प्रचलन उन्नीसवीं सदी के अंत में हुआ था। आजकल मेरा रूप फोल्डिंग छतरी के रूप में भी देखा जा सकता है। मैं एक छोटा …
Read More »भारत-अरब देश और इजराइल सम्बन्ध पर विद्यार्थियों के लिए निबन्ध
स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत की नीति सभी देशों के साथ मैत्री, शान्ति, भाईचारा और परस्पर सहयोग की रही है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू देश के विदेश मंत्री भी थे और उन्होंने भारत के लिए जो विदेश – नीति निर्धारित की उसका आधार था दूसरे …
Read More »रेडियो पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी निबंध
मनुष्य सदा से अपना मनोरंजन करता आया है। मन की शान्ति के लिए वह नई-नई खोज करता गया। नए-नए आविष्कार करने में वैज्ञानिकों को होड़ लग गई। मानव ने प्रकृति को अपने हाथ का खिलौना बना लिया। आज घर में बिजली से बनी प्रत्येक वस्तु वैज्ञानिक आविष्कार का चमत्कार है। रेडियो …
Read More »चलचित्र (सिनेमा) पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए निबंध
आधुनिक युग में जीवन की व्यस्तता अधिक है। यह व्यस्तता मानव के तन को थका देती है। तन की थकान से मन भी थक जाता है क्योंकि तन और मन का आपस में घनिष्ठ संबंध है। मन के आनन्दित होते ही कार्य करने की इच्छा प्रबल हो उठती है, कार्य की समाप्ति …
Read More »दूरदर्शन (टेलीविजन) लाभ-हानि पर निबंध
प्राचीन काल का मानव सीमित आश्यकताओं वाला था। मात्र रोटी, कपड़े और मकान से सन्तुष्ट हो जाता था। जैसे-जैसे उसका बौद्धिक स्तर उठता गया उसकी आवश्यकताएं भी दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगीं। यही आवश्यकता आविष्कार की जननी है और दूरदर्शन मानव आवश्यकता का एक सर्वश्रेष्ठ आविष्कार है। इंग्लैण्ड के बेयर्ड नामक वैज्ञानिक ने …
Read More »बरसात के एक दिन पर हिंदी निबंध
कहा जाता है कि वसंत ऋतुओं का राजा है और वर्षा ऋतुओं की रानी है। जब मई-जून में सूर्य देवता के कोप से धरती जलने लगती है तब कहीं इन्द्र देवता प्यासी धरती की प्यास बुझाने के लिए तैयार होते हैं। जल ही जीवन है। यदि वर्षा न हो तो संसार …
Read More »समय का सदुपयोग पर हिंदी निबंध
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।। मानव जीवन में समय का अत्यधिक महत्त्व है। समय को सही पहचानना ही समय का सदुपयोग है। समय निरन्तर गतिशील है। समय के साथ चलना प्रगति और रुकने का अभिप्राय मृत्यु हैं। मेसन ने कहा …
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