परिचय (Brief Introduction) भारत देश के ‘रत्न’ और बिहार के ‘गौरव’ डॉ० राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। वे लगभग 10 वर्ष इस पद पर बने रहे। इस काल में देश की अच्छी उन्नति हुई। उनकी सेवाएँ अमूल्य और अनेक हैं। डॉ० राजेंद्र प्रसाद का बचपन एवं शिक्षा (Childhood …
Read More »प्रौढ़ शिक्षा पर हिंदी निबंध विद्यार्थियों के लिए: Adult Education
प्रौढ़ का अर्थ है चालीस-पैंतालिस वर्ष की आयु का व्यक्ति। ऐसी आयु के स्त्री-पुरुषों को शिक्षा देना प्रौढ़ शिक्षा कहलाता है। शिक्षा की आयु सामान्यतः सात वर्ष से पच्चीस वर्ष तक मानी जाती है। संसार के अधिकांश व्यक्ति इसी आयु में शिक्षा प्राप्त कर, आजीविका – उपार्जन में समर्थ हो …
Read More »कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय) पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
भारत की स्वतंत्रता के साथ ही पाकिस्तान का जन्म हुआ तभी से पाकिस्तान भारत के विरुद्ध अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचता रहा हैं। वह 1965 और 1971 में भारत पर आक्रमण कर चूका हैं। प्रत्येक युद्ध में उसकी पराजय हुई हैं। भारत ने क्षमादान के साथ युद्ध में जीती हुई …
Read More »My Neighbours: English essay for Students and Children
We all live in a society and have to deal with many different kinds of people in our daily life. But perhaps the people in our daily life. But perhaps the people we deal with most closely are our neighbours. that is because they live right next to us and …
Read More »सहशिक्षा पर विद्यार्थियों के लिए निबंध: Co-Education System
सहशिक्षा (Co-Education System) अर्थ है साथ-साथ शिक्षा पाना अर्थात् पढनेवाले छात्र-छात्राओं का एक ही विद्यालय में, एक ही कक्षा में साथ-साथ बैठकर शिक्षा प्राप्त करना। जब भारत में शिक्षा का प्रारम्भ हुआ तो केवल शिक्षा लड़कों तक सीमित थी। शिक्षा का प्रयोजन आजीविका कमाना था और चूँकि जीविकोपार्जन का भार …
Read More »सबै दिन जात न एक समान: विद्यार्थियों के लिए हिंदी निबंध
इसे सूक्ति में दिन का वाच्यार्थ दिन है और ध्वन्यार्थ है काल। दिन भी बदलते रहते हैं। दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आता है। दिन भी भिन्न-भिन्न ऋतुओं में अपने स्वरूप और कालावधि में बदलता रहता है; ग्रीष्म ऋतु में दिन पहाड़ जैसा लम्बा हो जाता …
Read More »मनुष्य है वही कि जो मनुष्य के लिए मरे: हिंदी निबंध
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की इन पंक्तियों में मरने का अर्थ केवल मरना नहीं हैं, अपितु समाज, देश, सम्पूर्ण मानवजाती के हित के लिए त्याग, बलिदान, परोपकार करते हुए यदि आवश्यकता पड़े तो प्राण दान भी है। मनुष्य की मनुष्यता, मानवता केवल अपना पेट भरने में नहीं है, पेट तो कुत्ते, …
Read More »संयुक्त राष्ट्र संघ: अंतरराष्ट्रीय संगठन पर विद्यार्थियों के लिए निबंध
अंतरराष्ट्रीय संगठन – संयुक्त राष्ट्र संघ पर विद्यार्थियों के लिए हिंदी निबंध प्रथम महायुद्ध की विभीषिका, नर-संहार, नगरों के विनाश को देखकर लगा कि आगामी युद्धों के कारण मानव जाती का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है क्योंकि युद्ध में तो अपार जन-धन की हानी होती ही है, उसके …
Read More »बेरोजगारी की समस्या पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिए
भारत में आज ‘एक अनार सौ बीमार‘ कहावत चरितार्थ हो रही है। एक रिक्त स्थान के लिए सौ से अधिक प्रार्थनापत्र भेजे जाते हैं, एक पद के लिए सैकड़ों प्रत्याशी ‘क्यू’ लगाकर साक्षात्कार के लिए खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा करते देखे जाते हैं। यह सब बेरोजगारी के ही लक्ष्ण …
Read More »बाल-मजदूर समस्या पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिये
बच्चा भगवान का प्रतिरूप होता, बच्चा भगवान की देन है, ‘child is the father of man‘ आदि उक्तियाँ बच्चों का महत्त्व बताती है; उसका गुणगान करती हैं। वस्तुतः बच्चे का भोलापन, नटखटपन, बाल-सुलभ चेष्टाएँ, बाल-क्रीड़ाएँ सबको मुग्ध कर देती हैं और मानव बच्चे के प्रति ममत्व अनुभव करने लगता है, …
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