गत रविवार को आकाश में बादल छाये थे। मौसम बहुत सुहावना था। मैंने अपने मित्रों से चिड़ियाघर चलने का प्रस्ताव किया। वे सभी सहमत थे। हम अपनी मारुति से चिड़ियाघर पहुँचे। गाड़ी खड़ी कर के मुख्य द्वार की ओर चले। वहाँ अनेक व्यक्ति टिकट खरीद रहे थे। कुछ वार्तालाप कर रहे थे …
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