राजभाषा वह भाषा होती है जिसे प्रशासनिक कार्यों के लिए या कहें राजकार्य के लिए शासन तंत्र के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों, न्यायालय या संसद आदि में प्रयुक्त किया जाता है। यह आवश्यक नहीं कि राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा एक ही हो। राष्ट्रभाषा तो राजभाषा हो सकती है, परंतु राजभाषा राष्ट्रभाषा …
Read More »राष्ट्रभाषा हिन्दी: दशा और दिशा पर विद्यार्थियों के लिए हिन्दी निबंध
जिस प्रकार राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र पक्षी, राष्ट्र पशु देश की एकता के प्रतिक होते हैं वैसे ही राष्ट्रभाषा भी। जो भाषा थोड़ी-बहुत सम्पूर्ण राष्ट्र में बोली और समझी जाती है वही राष्ट्रभाषा होती है। उसका प्रयोग राष्ट्र के सामान्य जन करते हैं, वह सारे देश की सम्पर्क भाषा होती है। …
Read More »मेरा प्रिया खेल: क्रिकेट पर हिंदी निबंध विद्यार्थियों के लिए
वैसे तो अनेक ऐसे खेल हैं जो विश्व के किसी न किसी कोने में खेले जाते रहते हैं और जो खेलनेवालों को स्वस्थ भी रखते हैं, उनका मनोरंजन भी करते हैं और दर्शकों को भी आकृष्ट करते हैं। परन्तु जिन खेलों को देखने के लिए खेल के मैदान में भीड़ …
Read More »वैशाखी त्यौहार पर विद्यार्थियों के लिए हिंदी निबंध
वैशाखी का पर्व सम्पूर्ण भारत में न मनाया जाकर केवल उत्तर भारत के पंजाब-हरियाणा प्रदेशों में मनाया जानेवाला त्यौहार है। इस त्यौहार का संबंध किसी धार्मिक या सांस्कृतिक परम्परा से नहीं है। यह शुद्ध रूप से रबी की फसल से सम्बन्ध रखने वाला मौसमी और फसली त्यौहार है। उत्तर भारत …
Read More »युद्ध: अभिशाप या वरदान पर निबंध छात्रों के लिए
मनुष्य स्वभाव से स्वार्थी, महत्वाकांक्षी और अहंकारी होता है। वह स्वयं को, अपने विचारों और सिद्धान्तों को अन्यों की तुलना में श्रेष्ठ मानता है। ईर्ष्या, द्वेष, वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा और दूसरों से स्वयं को अधिक शक्तिशाली दिखाने की प्रवृत्ति भी मनुष्य में होती है। ये सब आसुरी भाव हैं जिनका सम्बन्ध …
Read More »नेताजी चुनाव से पूर्व और चुनाव के बाद: निबंध
नेताजी शब्द का प्रयोग स्वतंत्रता से पूर्व उस देशभक्त के लिए किया जाता था जो अपना स्वार्थ, अपनी सुख-सुविधा त्यागकर, अपने परिवार की चिन्ता न कर, अपने प्राणों की पपरवाह न कर देश को स्वतंत्र करने के लिए अपना सर्वस्व त्यागने के लिए तत्पर रहता था। वे चरित्रवान्, निष्ठावान्, देश …
Read More »युद्ध और शान्ति पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
मनुष्य के बाह्य क्रिया-कलाप उसकी आन्तरिक भावनाओं के ही प्रतिरूप और परिणाम होते हैं। जब मनुष्य के हृदय में सतोगुण का उदय होता है, सद्विचार और पावन भावनाओं का संचार होता है तो वह सुकर्म करता है, ऐसे कार्य करता है जिनसे मानवजाति का भला हो, विश्व में शान्ति, सुख, …
Read More »निःशस्त्रीकरण पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
प्रथम महायुद्ध (1914-1918) में हुए नर-संहार, जन-धन की क्षति, विध्वंस और विनाश को देखकर सभी चिन्तित हो उठे और ऐसे प्रलयंकारी युद्ध की पुनरावृत्ति न हो इस उद्देश्य से लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की गयी। परंतु बीस-इक्कीस वर्ष बाद ही कुछ महत्वाकांक्षी, सैन्य शक्ति के मद में अंधे राष्ट्रों-विशेषतः …
Read More »अणु बम की भयावहता एवं भारत की परमाणु नीति
द्वितीय महायुद्ध के अन्तिम चरण में सन् 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के नगरों हिरोशिमा और नागासाकी पर अणु बम गिराने से जो वहाँ की दुर्दशा हुई, उससे अणु बम के विनाशकारी प्रभाव का, मानव जाती के समाप्त होने का खतरा जगजाहिर हो गया। उस दुर्घटना के कारण हजारों लोग …
Read More »भारत की विदेश नीति पर हिंदी निबंध
यातायात के साधनों और संचार-सुविधाओं के परिणामस्वरूप अब विश्व के विभिन्न देशों और राष्ट्रों के बीच की दूरियाँ बहुत कम हो गयी हैं। राजनितिक, औद्योगिक, आर्थिक आदि कारणों से भी विभिन्न देशों का एक दूसरे के निकट आना, परस्पर सहयोग के मार्ग पर चलना आवश्यक हो गया है। प्रत्येक स्वतंत्र …
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