प्रजातंत्र और तानाशाही एक दूसरे की विरोधी अवधारणाएँ हैं; उनका सम्बन्ध 3 और 6 का है। उनकी संरचना, उनका उद्देश्य, उनकी कार्यप्रणाली, कार्यकलाप सर्वथा विपरीत होते हैं। प्रजातंत्र को लोकतंत्र, गनतंत्र, जनतंत्र भी कहा जाता हैं। इसी प्रकार तानाशाही का दूसरी नाम है एकतंत्र। लोकतंत्र या प्रजातंत्र में जनता अपने …
Read More »जनतंत्र शासन-प्रणाली: गुण और दोष पर निबंध
विश्व का राजनितिक इतिहास बताता है कि संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कालों में शासन की अनेक प्रणालियाँ प्रचलित रही हैं। सबसे प्राचीन प्रणाली राजतंत्र है जिसके अन्तर्गत राजा प्रजा पर राज्य करता था। वह अपने मंत्रियों की सहायता से राज्य-कार्य करता था तथा सेना और सेनापतियों के बाहुबल, …
Read More »विश्व शान्ति और भारत पर हिंदी निबंध
भारत की जलवायु, भूगोल, प्राकृतिक परिवेश, यहाँ की उर्वरा भूमि, स्वच्छ जल के सरोवर और नदियाँ, वन तथा पर्वतों ने यहाँ के रहनेवालों को आत्म-निरक्षण, आत्म-चिंतन, मनन, ध्यान, योग-साधना के लिए अवसर प्रदान किया। धन-धान्य, खद्यान्न से सम्पन्न यहाँ के निवासी आत्म-निर्भर थे। अध्यात्म-चिंतन ने उन्हें आत्म-संतोष, अपरिग्रह का पाठ …
Read More »गुरु गोविंद सिंह पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
सिक्खों के दसवें धार्मिक गुरु तथा खालसा के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह एक महान तेजस्वी और शूरवीर नेता थे। सन् 1699 में बैशाखी के दिन उन्होने खालसा पन्थ की स्थापना की, जो सिक्खों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। विचित्र नाटक को उनकी आत्मकथा माना जाता है।यही उनके जीवन …
Read More »स्वामी विवेकानंद पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
भारत वर्ष में नवजागरण का शंखनाद करने वाले महापुरुषों में स्वामी विवेकानंद का अद्वितीय स्थान है। स्वामी जी का जन्म 1863 ईस्वी में हुआ उनका जन्म नाम नरेन्द्रनाथ था। स्वामी जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और उच्च विचार सम्पन्न थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई। सन् 1884 …
Read More »शिक्षा का माध्यम पर हिन्दी निबंध
शिक्षा के माध्यम से तात्पर्य है वह भाषा जिसमें शिक्षार्थी को शिक्षा दी जाये, जिसमें लिखी हुई पुस्तकों का अध्ययन उसे करना पड़े। शिक्षा का आरम्भ बचपन से ही हो जाता है। पाँच – छः वर्ष की आयु का बालक नर्सरी स्कूल या प्राथमिक पाठशाला में जाने लगता है। ब्रिटिश …
Read More »शिक्षा का महत्व पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
“तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात् अधंकार से मुझे प्रकाश की ओर ले जाओ – यह प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल स्तम्भ है। प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है, अन्धकार में नहीं। प्रकाश से यहाँ तात्पर्य ज्ञान से है। ज्ञान से व्यक्ति का अंधकार नष्ट होता है। उसका वर्तमान और …
Read More »गणेश चतुर्थी पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
जिस प्रकार बंगाल दुर्गा-पूजा के लिए प्रसिद्ध है उसी प्रकार महाराष्ट्र गणेश-पूजन के लिए विख्यात है। वैसे तो सम्पूर्ण हिन्दू धर्मानुयायी प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान करने से पूर्व गणेश-वन्दना करते हैं, वह सब प्रकार की पूजा पाने के पहले अधिकारी समझे जाते हैं, परन्तु महाराष्ट्र निवासी उन्हें अपना अधिष्ठात्री देवता मानते …
Read More »शिक्षक दिवस पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
शिक्षक दिवस पर निबंध विद्यार्थियों के लिए [450 Words] शिक्षक, नेता, विचारक, दार्शनिक के रूप सफलता प्राप्त करने वाले भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे। उनके शिक्षा प्रेम और विद्वता के कारण भारत …
Read More »गांधी जयंती पर निबंध विद्यार्थियों के लिए
गांधी जयंती पर निबंध ~ 830 Words जिन्हें आज केवल भारतवर्ष ही नहीं सारा संसार विश्ववंध महामानव, युग-पुरुष, महात्मा गांधी के नाम से जानता और पुकारता है, वह गुजरात के एक सम्पन्न, प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में 2 अक्टूबर 1869 को पैदा हुए थे। उनके पिता पहले पोरबन्दर के तथा बाद …
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