अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages III [06]
निम्नलिखित गद्यांश को पढकर पश्नों के उत्तर दीजिए:
अपने गाँव के निकट पहुँचने पर श्याम ने रामू से कहा, “मित्र सारा धन घर ले जाना ठीक नहीं है, चोरी का डर रहेगा और पत्नी और बच्चे भी फिजूल खर्च करेंगे। हमारी मेहनत की कमाई शीघ्र ही समाप्त हो जाएगी इसलिए थोड़ा धन साथ ले जाते है और बाकी का पेड़ के नीचे गाड़ देते हैं।” रामू को भी यह बात सही लगी और दोनों ने एक बरगद के नीचे सारा धन गाड़ दिया।
कुछ दिनों बाद श्यामू रामू के घर आया और कहने लगा कि उसका परिवार बड़ा है इसलिए उसका सारा धन जल्दी ही खर्च हो गया। श्यामू को धन आवश्यकता थी इसलिए दोनों मित्र बरगद के पेड़ की ओर गड़े खजाने में से कुछ धन निकालने चल दिए। दोनों ने खुदाई कर संदूक निकला। खोलकर देखा तो संदूक में कुछ नहीं था। अब श्यामू सारा दोष रामू पर लगाने लगा कि उसने उसके साथ बेईमानी की है और सारा धन हड़प लिया है। रामू ने पंचायत के पास जाने का निश्चय किया। श्याम के मन में खोट था। उसने अपने पिता के साथ सारा धन अकेले हड़प लेने की योजना बनाई थी। दोनों पंचों के सामने पहुँच गए किंतु रामू ने अपनी सूझबूझ और समझदारी से अपने आप को निर्दोष साबित कर दिया। पंचायत ने श्यामू को झूठ बोलने और धोखा देने के लिए कठोर सजा सुनाई और रामू की ईमानदारी और सूझबूझ की प्रशंसा की।
अच्छाई की बुराई पर सदा विजय होती रही है।
[1] रामू और श्यामू के स्वभाव में क्या अंतर था?
[2] रामू और श्यामू ने सारा धन कहाँ गाड़ दिया?
[3] रिक्त स्थान भरें:
- दोनों ने मिलकर ________ किया और खूब धन कमाया।
- रामू ने अपनी _________ और ________ से अपने आप को निर्दोष साबित कर दिया।
- अच्छाई की बुराई पर सदा _______ होती है।