अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages III [09]
खेल हमारे शरीर की सुगठित बनाते हैं था हमारी कार्य-क्षमता को बढ़ाते हैं। जीवनभर अगर युवक बने रहना है तो खेलों से अच्छा कोई साधन नहीं है। खेलकूद हमारे अंदर मिलकर काम करने की भावना का विकास करते हैं। किसी टीम की विजय में उसके सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है। इससे सामूहिकता के साथ काम करने की आदत विकसित होती है। इस प्रकार खेल-कूद हमारे अंदर संगठन और सहयोग, परस्पर विश्वास, अनुशासन और आज्ञाकारिता, साहस, सहनशीलता, आदि अच्छे गुणों का विकास करते हैं। हारने वाला खिलाड़ी मुस्कराकर विजयी खिलाड़ी को बधाई देता है और आगे से अच्छे-से अच्छा खेलने का संकल्प करता है। खेल हमें विपरीत परिस्थितियों के आगे न झुकने की प्रेरणा देते हैं।
प्रश्न:
- खेल हमारे शरीर पर क्या प्रभाव डालते हैं?
- खेलकूद हमारे अंदर कैसी भावना का विकास करते हैं?
- खेलकूद हमारे अंदर किन श्रेष्ठ गुणों का विकास करते हैं?
- खेल विपरीत परिस्थितियों में क्या प्रेरणा देते हैं?
- खेल में हरने वाला खिलाड़ी क्या करता है?
- (i) गद्यांश में से एक जातिवाचक संज्ञा छाँटकर लिखिए।
(ii) गद्यांश का उचित शीर्षक क्या हो सकता है?