अपठित गद्यांश Hindi Unseen Passages IV [02]
इसके विपरीत एक अच्छा-भला आदमी भी कुसंगति का शिकार होकर बिगड़ जाता है। वह अपनी सारी अच्छाइयों, काम करने की शक्तियों से हाथ धो बैठता है। उसकी बुराइयों से परिचित होने के कारण न तो कोई उसकी सहायता करता है, न अपने पास ही फटकने देता है। सभी उसे घृणा की दृष्टि से देखते हैं। बुराई के डर से मुँह पर चाहे कुछ न कहे, पर पीठ पीछे उसकी प्रशंसा कोई नहीं करता। सभी उससे दूर रहना चाहते हैं। सामने पाकर भी कन्नी काट जाते हैं। कुसंगति का शिकार आदमी अपना या अपने घर-परिवार, किसी का भी भला नहीं कर पाता। उसके कारण उसके अच्छे-भले घर-परिवार को भी बदनाम हो जाना पड़ता है। बुरी संगत में फँसे लोग समाज और देश-जाती का भी बुरा करने वाले तथा अपमान का कारण हुआ करते हैं।
प्रश्न:
- सत्संगति का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- मनुष्य सारी मानवता का भला कैसे कर सकता है?
- सत्संगति क्या है?
- एक अच्छे व्यक्ति पर कुसंगति का क्या प्रभाव पड़ता है?
- बुरी संगति में फँसे लोगों का क्या हाल होता है?
- कुसंगति के शिकार आदमी की स्थिति कैसी होती है?
Where are the answers.