Saturday , November 2 2024
Unseen Passages

अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

एक दिन अचानक हुई कार दुर्घटना के करण रीमा का एक पैर बेकार हो गया था। उसका जीवन पूरी तरह बदल गया था। उसकी दिनचर्या बदल चुकी थी। अब वह हर काम के लिए अपनी माँ पर निर्भर थी। धीरे-धीरे उसने सबके साथ बोलना भी कम कर दिया और चुपचाप अपने कमरे में अकेली बैठी खिड़की से बाहर देखती रहती। उसकी उदासी देख कर एक दिन माँ उसके पास आई और उसकी उदासी का कारण पूछा।

“कुछ नहीं माँ, अब सोचने के लिए क्या रह गया है। इस दुर्घटना के बाद अब न ही नौकरी है और न घर। घर कैसे चलाएँगे और मकान का किराया कैसे डे पाएँगे?” रीमा ने बुझे स्वर में बोला।

माँ चुपचाप रसोईघर में जाती हैं और तीन अलग-अलग बर्तनों पानी उबलने के रखकर, उसमें आलू, अंडा और कॉफी के दाने डालती है। रीमा उन्हें चुपचाप बैठी देख रही थी। थोड़ी देर के बाद माँ आलू और अंडा एक प्लेट में डालकर और कॉफी एक मग में डालकर रीमा के पास आती है।

“रीमा, जरा तीनों को एक-एक करके छूकर देखो और मूझे बताओ कि उनमें क्या बदलाव आया है।” माँ ने कहा। (रीमा देखती है)

“आलू मुलायम हो गया है, अंडा कठोर हो गया है और कॉफी तो खुशबू आ रही है और वह पानी में घुल गई है। पर इस बात का क्या मतलब है माँ? रीमा ने पूछा।

“देखो, तीनों चीजों को एक ही तकलीफ से गुजरना पड़ा-‘खौलता पानी’। लेकिन तीनों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। आलू पहले ठोस था पर पर खौलते रूपी मुसीबत आने पर कमजोर और नरम पड़ गया, वहीं अंडा पहले ऊपर से सख्त और अंदर से नरम था पर मुसीबत आने पर वह अंदर से भी कठोर बन गया। लेकिन कॉफी के दाने बिलकुल अलग थे। उनके सामने जो भी मुसीबत आई, उन्होंने उसे अपनी मेहनत रूपी सुगंध में बदल दिया।” रीमा चुपचाप सुन रही थी।

“तुम अपने जीवन को कैसे बनाना चाहोगी यह तुम पर ही निर्भर करता है। जीवन में परिस्थितियों के कारण बदलाव तो आते ही हैं पर उन्हें स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना ही जीवन है। परिवर्तन जीवन का नियम है। दुख के बाद सुख का आना निश्चित है। हमें स्वयं को परिस्थियों के अनुकूल ढालना पड़ेगा, परिस्थियाँ हमारे अनुसार नहीं बदलेंगी। हर प्रस्थिति को स्वीकार के उसमें खुश रहने का प्रयास ही जीवन में सुख लाता है। तुम्हें ही तय करना है कि विषम स्थिति में तुम आलू की तरह नरम हो जाओगी, अंडे की तरह सख्त बनोगी या कॉफी के दानों की तरह अपनी खुशबू बिखेरोगी।”

रीमा अपनी माँ की बात समझ चुकी थी। उसके चेहरे पर नई चमक थी। उसने अपनी माँ से वादा किया कि वह भी अपने जीवन में आए बदलाव को स्वीकार करते हुए चुनौतियों का सामना करेगी और हार नहीं मानेगी।

उद्देश्य: छात्रों को स्वयं को परिथिति के अनुकूल बनाने का महत्त्व समझना।

प्रश्न – सही उत्तर वाले विकल्प पर सही का निशान लगाइए –

(क) रीमा के साथ कौन-सी घटना घटी थी?

  1. ट्रक दुर्घटना
  2. कार दुर्घटना
  3. मोटरसाईकिल दुर्घटना

(ख) माँ ने उसे किस चीज का उदाहरण नहीं दिया?

  1. चाय के दाने
  2. कॉफी के दाने
  3. आलू

(ग) रीमा के किस अंग में चोट लगी थी?

  1. हाथ
  2. आँख
  3. पैर

प्रश्न – रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

(क) आलू …………. हो गया, अंडा …………. हो गया तथा कॉफी पानी में ……………. गई।

(ख) …………….. जीवन का नियम है।

(ग) …………….. के बाद सुख का आना निश्चित है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) रीमा की उदासी का क्या कारण था?

(ख) मान लीजिए कि आपके पिताजी अच्छी नौकरी करते हैं और उनका तबादला किसी ऐसे स्थान पर हो गया है, जहाँ की भाषा आपके परिवार में किसी को भी नहीं आती तथा वहाँ सुख-सुविधाओं का भी अभाव है। अब आप अपने परिवार के साथ वहाँ जाएँगे या उन पर दबाव डालेंगे कि वे नौकरी बदल लें या छोड़ दें?

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