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Unseen Passages

अपठित काव्यांश Hindi Unseen Verses And Passages

अपठित काव्यांश Hindi Unseen Passages IV [02]

संकटों से वीर घबराते नहीं
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में, पूरा किया,
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।

हो सरल अथवा कठिन हो रास्ता,
कर्मवीरों को न इससे वास्ता।
बढ़ चले तो अंत तक ही बढ़ चले,
कठिनतर गिरिश्रृंग ऊपर चढ़ चले।

कठिन पथ को देख मुसकाते सदा,
संकटों के बीच वे गाते सदा।
है असंभव कुछ नहीं उनके लिए,
सरल-संभव कर दिखाते वे सदा।

यह ‘असंभव’ कायरों का शब्द है,
कहा था नेपोलियन ने एक दिन।
सच बताऊँ जिंदगी ही व्यर्थ है,
दर्प बिन, उत्साह बिन, औ’ शक्ति बिन।

प्रश्न:

  1. काव्यांश में वीरों की किन विशेषताओं पर बल दिया है?
  2. कर्मवीरों को किस बात से कोई लेना-देना नहीं होता?
  3. नेपोलियन ने क्या कहा था?
  4. (i) काव्यांश में से विलोम शब्दों के दो जोड़े छाँटकर लिखिए।
    (ii) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?

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2 comments

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