Thursday , November 21 2024
Unseen Passages

अपठित काव्यांश Hindi Unseen Verses And Passages

अपठित काव्यांश Hindi Unseen Passages IV [08]

छुट्टी का घंटा बजते ही स्कूलों से
निकल-निकल आते हैं जीते-जागते बच्चे,
हँसते-गाते चल देते हैं पथ पर ऐसे
जैसे सास्वत भाव वही हो कविताओं के

बंद किताबों से बाहर छंदों से निकले
देश-काल में व्याप रही है जिनकी गरिमा।
मैं निहारता हूँ उनको फिर-फिर अपने को
और भूल जाता हूँ अपनी क्षीण आयु को।

प्रश्न:

(क) बच्चों के चेहरों पर ताजगी और खिलखिलाहट कब आ जाती है?

  1. छुट्टी का घंटा बजते ही
  2. छुट्टी होने पर
  3. अध्यापिका के न आने पर
  4. प्रार्थना-सभा न होने पर

(ख) स्कूल की सीमा से बाहर निकले बच्चों की तुलना किससे की गई है?

  1. जीते-जागते व हँसते-गाते लोगों से
  2. बंद कविताओं से निकले छंद
  3. कविताओं के चमकते भाव
  4. उपरोक्त तीनों

(ग) कवि को अपना बचपन कब याद आता है?

  1. बच्चों को जीते-जागते देखकर
  2. बच्चों को हँसते-गाते देखकर
  3. स्कूल से भाग-भागकर आते देखकर
  4. उपरोक्त सभी

(घ) बच्चों को हँसते-गाते देखकर कवि क्या अनुभव करता है?

  1. अपनी ढलती आयु को भूल जाता है
  2. पुनः बचपन में लौट जाता है
  3. ताजगी अनुभव करता है
  4. उपरोक्त सभी

Check Also

Unseen Passages

अपठित गद्यांश और पद्यांश Hindi Unseen Passages II

निम्नलिखित पद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए – देश हमें देता सब कुछ, हम …

2 comments

  1. Very helpful!

  2. This is a very helpful website for Hindi learners.